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इंटरपोल ने नया सिल्वर नोटिस जारी किया

  • इंटरपोल ने 10 जनवरी से एक नया सिल्वर कलर का एक नया नोटिस जोड़ा है. सिल्वर कलर का एक नया नोटिस इंटरपोल की कलर-कोडेड नोटिस सीरीज में सबसे नई है. इससे पहले आठ अलग-अलग रंग के नोटिस जारी किया जा चुका है.
  • फिलहाल सिल्वर नोटिस वाला सिस्टम पायलट प्रोजेक्ट के तहत भारत समेत 52 देशों के साथ शुरू किया गया है जो की नवंबर 2025 तक चलेगा. कामयाबी मिलने पर इसे तमाम 195 देशों के साथ शुरू कर दिया जाएगा.
  • इंटरपोल ने यह नोटिस इटली के अनुरोध पर जारी किया है. इटली ने एक कुख्यात माफिया सरगना की संपत्तियों की जानकारी मांगते हुए इंटरपोल से सिफारिश की थी.
  • सिल्वर नोटिस के तहत इंटरपोल उस व्यक्ति या नोटिस से संबंधित जानकारी को सार्वजनिक नहीं करेगा, जिसके लिए किसी देश ने जानकारी मांगी है.
  • सदस्य देश सिल्वर नोटिस का उपयोग करके धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, मादक पदार्थों की तस्करी, पर्यावरण अपराध और अन्य गंभीर अपराधों से संबंधित व्यक्ति की आपराधिक गतिविधियों से जुड़ी संपत्तियों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
  • इंटरपोल का जनरल सेक्रेटरी हर सिल्वर नोटिस और डिफ्यूज़न की समीक्षा करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह संगठन के नियमों का पालन करती है.
  • सिल्वर नोटिस का उद्देश्य अपराधियों और उनके नेटवर्क से अवैध संपत्ति छीनना संगठित अंतरराष्ट्रीय अपराध से लड़ना है.

भारत को कैसे होगा लाभ

  • सिल्वर नोटिस भारत को उन अपराधियों की संपत्तियों का पता लगाने में मदद करेगा, जिन्होंने अपनी अवैध संपत्ति को अन्य देशों में स्थानांतरित कर दी है.
  • भारत में कम से कम 10 भगोड़े आर्थिक अपराधी हैं. भारत से विदेशों में स्थानांतरित ब्लैक मनी की कुल राशि का सटीक अनुमान नहीं है.

इंटरपोल की कलर-कोडेड नोटिस

  1. रेड नोटिस: अभियोजन या सजा काटने के लिए वांछित व्यक्तियों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए.
  2. येलो नोटिस: लापता व्यक्तियों (अक्सर नाबालिग) का पता लगाने या ऐसे व्यक्तियों की पहचान करने के लिए जो स्वयं की पहचान करने में असमर्थ हैं.
  3. ब्लू नोटिस: किसी व्यक्ति की पहचान, स्थान, या गतिविधियों से संबंधित अतिरिक्त जानकारी जुटाने के लिए.
  4. ब्लैक नोटिस: अज्ञात शवों की जानकारी प्राप्त करने के लिए.
  5. ग्रीन नोटिस: किसी व्यक्ति की आपराधिक गतिविधियों के बारे में चेतावनी देने के लिए, जब वह पब्लिक सेफ्टी के लिए संभावित खतरा हो.
  6. ऑरेंज नोटिस: किसी घटना, व्यक्ति, वस्तु या प्रक्रिया के बारे में चेतावनी देने के लिए जो पब्लिक सेफ्टी  के लिए गंभीर और आसन्न खतरा प्रस्तुत करता हो.
  7. पर्पल नोटिस: अपराधियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले तरीकों, वस्तुओं, उपकरणों और छिपाव विधियों की जानकारी प्राप्त करने या प्रदान करने के लिए.
  8. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद विशेष नोटिस: उन संस्थाओं और व्यक्तियों के लिए जारी किया जाता है, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंध समितियों के टारगेट होते हैं.

इंटरपोल की 90वीं महासभा दिल्ली में आयोजित की गई

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (Interpol) की 90वीं महासभा का आयोजन भारत में किया गया था. यह बैठक दिल्ली के प्रगति मैदान में 18 से 21 अक्तूबर तक हुई थी, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.

इंटरपोल की 90वीं महासभा: मुख्य बिन्दु

  • भारत में इंटरपोल महासभा की बैठक 25 सालों के बाद हुई. पिछली बार भारत में यह महासभा 1997 में हुई थी.
  • इस महासभा में 195 इंटरपोल सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए, जिसमें मंत्री, देशों के पुलिस प्रमुख, राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल थे.
  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, इंटरपोल के अध्यक्ष अहमद नासर अल रायसी और महासचिव जुर्गन स्टॉक भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे.
  • इस कार्यक्रम में कुख्यात अपराधियों को ट्रैक करने से लेकर नार्को-टेरिरिज्म, भ्रष्टाचार, साइबर अपराध, ड्रग सिंडिकेट, फ्रॉड, लापता व्यक्तियों को ढूंढने और आतंकवाद के आपराधिक पैटर्न पर चर्चा हुई ताकि भविष्य में अपराधी के खिलाफ जांच करना आसान रहे.

क्या है इंटरपोल?

  • इंटरपोल (International Criminal Police Organization) की स्थापना ऑस्ट्रिया के विएना में 7 सितंबर 1923 को हुई थी. यह संगठन सदस्य देशों के पुलिस नेटवर्क को जोड़ता है और अंतर्राष्ट्रीय अपराध नियंत्रण पर काम करता है.
  • इंटरपोल के सदस्य देश अपने प्रशिक्षित पुलिस अधिकारियों को इंटरपोल में प्रतिनियुक्त करते हैं. भारत 1949 में इस संगठन में शामिल हुआ था.
  • इंटरपोल महासभा अंतर्राष्ट्रीय पुलिस संगठन का शीर्ष शासी निकाय है और प्रमुख निर्णय लेने के लिए इसकी वार्षिक बैठक होती है.

इंटरपोल ने UAE के मेजर जनरल अहमद नसीर को अपना अध्यक्ष चुना

अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन निकाय इंटरपोल ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के मेजर जनरल अहमद नसीर अल रायसी को अपना अध्यक्ष चुना है. तुर्की के इस्तांबुल में आयोजित 89वें इंटरपोल की वार्षिक आमसभा में यह चुनाव किया गया था. इस आमसभा में हुए चुनाव में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के विशेष निदेशक प्रवीण सिन्हा, को इंटरपोल की कार्यकारी समिति के लिए एशिया से प्रतिनिधि चुना गया.

मुख्य बिंदु

  • इंटरपोल की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अल रायसी का चयन तीन दौर के मतदान के बाद हुआ. इंटरपोल के संविधान के अनुच्छेद 16 के तहत,  इंटरपोल के अध्यक्ष के चुनाव के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी; यदि यह बहुमत दूसरे मतपत्र के बाद प्राप्त नहीं होता है, तो साधारण बहुमत ही पर्याप्त होगा.
  • इंटरपोल के प्रथम चीनी अध्यक्ष मेंग होंगवेई 2018 में चीन जाते वक्त रास्ते में लापता हो गए थे. तब उनका कार्यकाल पूरा नहीं हुआ था. इसके बाद पता चला कि उन्हें हिरासत में लिया गया है और उन पर रिश्वत लेने और अन्य अपराधों में शामिल होने के आरोप लगाए गए हैं.
  • इंटरपोल (International Criminal Police Organization)  एक अंतर्राष्ट्रीय पुलिस संगठन है. पूरी दुनिया में इसके सात क्षेत्रीय ब्यूरो हैं. इसका गठन 1923 में हुआ था. इसका आदर्श वाक्य पुलिस को एक सुरक्षित दुनिया से जोड़ना है. इसका मुख्यालय फ्रांस के ल्यों (Lyon) में है. किम जोंग यांग (Kim Jong Yang) इसके अध्यक्ष हैं. इंटरपोल के 195 सदस्य देश हैं.

CBI के विशेष निदेशक प्रवीण सिन्हा इंटरपोल की समिति के लिए निर्वाचित

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के विशेष निदेशक प्रवीण सिन्हा गुरुवार को इंटरपोल (Interpol) की कार्यकारी समिति में एशिया का प्रतिनिधि चुना गया है. इस्तांबुल में चल रहे 89वें इंटरपोल (अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन) की आम सभा के दौरान शीर्ष समिति के विभिन्न पदों के लिए चुनाव हुआ था. इस चुनाव में भारत का मुकाबला चीन, सिंगापुर, कोरिया गणराज्य और जॉर्डन के चार अन्य उम्मीदवारों से था.

इंटरपोल (International Criminal Police Organization)  एक अंतर्राष्ट्रीय पुलिस संगठन है. पूरी दुनिया में इसके सात क्षेत्रीय ब्यूरो हैं. इसका गठन 1923 में हुआ था. इसका आदर्श वाक्य पुलिस को एक सुरक्षित दुनिया से जोड़ना है. इसका मुख्यालय फ्रांस के ल्यों (Lyon) में है. किम जोंग यांग (Kim Jong Yang) इसके अध्यक्ष हैं. इंटरपोल के 195 सदस्य देश हैं.

91वीं इंटरपोल महासभा 2022 की मेजबानी भारत को मिला

भारत 91वीं इंटरपोल महासभा की 2022 में मेजबानी करेगा. यह आयोजन देश की आजादी के 75वें वर्ष के साथ होगा. इंटरपोल के महासचिव जुरगेन स्‍टोक ने यह प्रस्‍ताव नई दिल्‍ली में केन्‍द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को इस वर्ष अगस्‍त में अपनी भारत यात्रा के दौरान दिया था.

चिली में 88वीं इंटरपोल महासभा की बैठक
भारत को मेजबानी सौंपने के प्रस्ताव पर सहमति 18 अक्टूबर को सैंटियागो, चिली में हुई 88वीं इंटरपोल महासभा की बैठक में हुई. भारत में इंटरपोल का प्रतिनिधित्व करने वाले CBI के निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने इस महासभा में प्रस्ताव पेश किया था. इसके बाद इस प्रस्ताव पर मतदान हुआ था जिसमें सदस्य देशों का ‘जबरदस्त समर्थन’ मिला.

इंटरपोल: मुख्य तथ्य

  • इंटरपोल (International Criminal Police Organisation) एक अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग संगठन है, जिसमें भारत समेत 194 सदस्य देश हैं. इंटरपोल का मुख्यालय लीओन, फ्रांस में है और इसकी स्थापना अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन के तौर पर 1923 में हुई थी.
  • सबसे पुराने सदस्यों में शुमार भारत 1949 में इस संगठन में शामिल हुआ था. भारत में अब तक केवल एक बार 1997 में इंटरपोल महासभा का आयोजन किया गया था.