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सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शणमुगरत्‍नम की भारत यात्रा

  • सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शणमुगरत्‍नम  15 से 19 जनवरी तक भारत की यात्रा पर थे. सिंगापुर के राष्‍ट्रपति के रूप में श्री शणमुगरत्‍नम की यह पहली भारत यात्रा थी.
  • राष्‍ट्रपति शणमुगरत्‍नम ने 16 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी मुलाकात की. राष्‍ट्रपति मुर्मु ने कहा कि सिंगापुर भारत की एक्‍ट ईस्‍ट नीति और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए इसके दृष्टिकोण का प्रमुख स्तंभ है.
  • बैठक के दौरान, दोनों राष्‍ट्र अध्‍यक्षों ने भारत और सिंगापुर के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्‍य में एक संयुक्त लोगो का भी अनावरण किया.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रपति शनमुगरत्नम से मुलाकात की, जहां उन्होंने द्विपक्षीय साझेदारी की व्यापक समीक्षा की और आपसी हितों के क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर वैचाारिक आदान-प्रदान किया.
  • इससे पहले विदेश मं‍त्री डॉ. एस. जयशंकर ने राष्‍ट्रपति शणमुगरत्‍नम के साथ बैठक की थी. दोनों नेताओं ने सेमीकंडक्‍टर, औद्योगिक पार्क, कौशल विकास, डिजिटिकरण और व्‍यापार बढ़ाने में सहयोग पर विचार-विमर्श किया.

तरुण दास को सिंगापुर का मानद नागरिक सम्मान प्रदान किया गया

  • सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शानमुगरत्नम (Tharman Shanmugaratnam) ने भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के पूर्व महानिदेशक तरुण दास को सिंगापुर के मानद नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया है.
  • यह पुरस्कार देश के विकास और वृद्धि में किसी विदेशी द्वारा किए गए उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है. श्री दास यह सम्मान पाने वाले दूसरे भारतीय हैं. इससे पहले स्वर्गीय रतन टाटा को यह सम्मान दिया गया था.
  • दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र के समाज और अर्थव्यवस्था में गैर-सिंगापुरवासियों के योगदान को मान्यता देने के लिए 2003 में इस पुरस्कार की शुरुआत की गई थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की ब्रुनेई और सिंगापुर यात्रा

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3-5 सितम्बर तक ब्रुनेई और सिंगापुर की यात्रा पर थे. इस यात्रा के पहले चरण में वे 3-4 सितम्बर को ब्रुनेई और दूसरे चरण में सिंगापुर गए थे. ब्रुनेई और सिंगापुर दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के सदस्य हैं और भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति में एक महत्वपूर्ण भागीदार हैं.

प्रधानमंत्री मोदी की ब्रुनेई यात्रा: मुख्य बिन्दु

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय ब्रुनेई यात्रा पर 3 सितम्बर को ब्रुनेई की राजधानी बंदर सेरी बागवान पहुंचे थे.
  • वर्ष 1984 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित करने के बाद यह किसी भी भारतीय प्रधान मंत्री की पहली यात्रा थी.
  • दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध के 40 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने ब्रुनेई में भारतीय हाई कमीशन के नए परिसर का उद्घाटन किया.
  • प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के दौरान राजधानी बंदर सेरी में स्थित उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद गए थे. उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद ब्रुनेई की दो राष्ट्रीय मस्जिदों में से एक है. इसके साथ ही यह ब्रुनेई का राष्ट्रीय चिन्ह स्थल भी है.
  • ब्रुनेई के सुल्तान ने अपने आवास इस्ताना नुरुल ईमान पैलेस में प्रधान मंत्री मोदी के सम्मान में दोपहर के भोजन का आयोजन किया था.
  • इस्ताना नुरुल ईमान पैलेस दुनिया का सबसे बड़ा महल है जिसमें 1,788 कमरे, 257 बाथरूम और 44 सीढ़ियाँ हैं.
  • 1967 में गद्दी संभालने के बाद सुल्तान बोलकियाह वर्तमान में दुनिया में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले राजा हैं.
  • प्रधानमंत्री मोदी और सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया ने अंतरिक्ष सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर करने पर चर्चा की. भारत और ब्रुनेई के बीच रक्षा संबंधों को बढ़ाने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह की स्थापना की जाएगी.
  • दोनों देशों ने एलएनजी आपूर्ति में दीर्घकालिक सहयोग की संभावना पर चर्चा की.

भारत ब्रुनेई संबंध

ब्रुनेई भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिंद-प्रशांत विजन में एक महत्वपूर्ण साझेदार है. आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संगठन) भारत की एक्ट ईस्ट नीति का “केंद्रीय स्तंभ” है. ब्रुनेई भी आसियान का सदस्य है.

पिछले वर्ष भारत-ब्रुनेई व्यापार लगभग 286.20 मिलियन डॉलर का था. भारत का ब्रुनेई से मुख्य आयात कच्चा तेल है, जबकि भारत ने मुख्य रूप से ब्रुनेई को पेशेवर और अर्ध-कुशल श्रमिकों के रूप में अपनी जनशक्ति का निर्यात किया है. भारतीय व्यापारियों का ब्रुनेई के वस्त्र क्षेत्र में लगभग एकाधिकार है, और ब्रुनेई में अधिकांश डॉक्टर भारत के हैं.

ब्रुनेई के बारे में

  • ब्रुनेई दक्षिण पूर्व एशिया में बोर्नियो द्वीप पर स्थित एक इस्लामी सल्तनत है. इसे 1984 में ग्रेट ब्रिटेन से आजादी मिली थी.
  • ब्रुनेई के पास कच्चे पेट्रोलियम तेल और प्राकृतिक गैस का विशाल भंडार है और इसकी अर्थव्यवस्था इन संसाधनों के निर्यात पर निर्भर करती है.
  • ब्रुनेई एशिया के सबसे अमीर देशों में से एक है और ओपेक+ समूह का सदस्य है.
  • ब्रुनेई की राजधानी बंदर सेरी बेगवान और मुद्रा ब्रुनेई डॉलर है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की सिंगापुर यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3-5 सितम्बर तक ब्रुनेई और सिंगापुर की यात्रा पर थे. इस यात्रा के दूसरे चरण में वे 4-5 सितम्बर को सिंगापुर यात्रा पर थे. 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी की यह 5वीं सिंगापुर की आधिकारिक यात्रा थी.

मुख्य बिन्दु

  • ब्रुनेई की अपनी सफल यात्रा के समापन के बाद श्री मोदी सिटी सिंगापुर पहुंचे थे.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वांग के साथ वार्ता की. इस बैठक के दौरान द्विपक्षीय सहयोग को गहरा और व्यापक बनाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी से ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ तक बढ़ाने पर सहमत हुए.
  • दोनों देशों के बीच चार क्षेत्रों में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर हुए. ये समझौता सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में सहयोग, डिजिटल प्रौद्योगिकियों में सहयोग, कौशल विकास में सहयोग और शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल में क्षेत्रों में हुए.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक बंधन को मजबूत करने के लिए सिंगापुर में दुनिया का पहला तिरुवल्लुवर संस्कृति केंद्र स्थापित करने की घोषणा की.
  • तिरुवल्लुवर एक तमिल कवि-संत थे और तिरुक्कुरल (“पवित्र दोहे”) के रचियाता थे, जिसका तमिल संस्कृति पर अत्यधिक प्रभाव है.
  • सिंगापुर की लगभग 74 प्रतिशत आबादी चीनी मूल की है और दूसरा सबसे बड़ा जातीय समूह मलय मूल की है. भारतीय मूल के लोग, सिंगापुर में तीसरी सबसे बड़ी जातीय आबादी है और वे सिंगापुर की आबादी का लगभग नौ प्रतिशत है. भारतीयों में से अधिकांश तमिल हैं.

भारत-सिंगापुर व्यापारिक संबंध

  • सिंगापुर आसियान में भारत का सबसे बड़ा व्‍यापार भागीदार है और यह प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश का एक प्रमुख स्रोत है. इसके अलावा सिंगापुर दुनियाभर में भारत का छठा सबसे बड़ा व्‍यापार भागीदार है.
  • सेमीकंडक्‍टर के क्षेत्र में सिंगापुर के पास बीस वर्षों से अधिक का अनुभव है और यह इस क्षेत्र में पहले से ही भारत में काम कर रहा है.

दूसरी भारत-सिंगापुर मंत्रिस्‍तरीय गोलमेज बैठक सिंगापुर में आयोजित की गई

दूसरी भारत-सिंगापुर मंत्रिस्‍तरीय गोलमेज बैठक (2nd India-Singapore Ministerial Roundtable) 26 अगस्त को सिंगापुर में आयोजित की गई थी. केन्‍द्रीय मंत्री निर्मला सीतारामन, पीयूष गोयल, एस. जयशंकर और अश्विनी वैष्‍णव भारत की ओर से इस बैठक में भाग लिए थे. सिंगापुर प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उप प्रधान मंत्री और व्यापार और उद्योग मंत्री गण किम योंग ने किया.

मुख्य बिन्दु

  • इस बैठक में, भारत और सिंगापुर ने ISMR के तहत पहचाने गए छह स्तंभों: डिजिटलीकरण, कौशल विकास, स्थिरता, स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा, और उन्नत विनिर्माण और कनेक्टिविटी- पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की.
  • इस गोलमेज सम्‍मेलन का आरम्‍भ भारत और सिंगापुर के बीच व्‍यापारिक और आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्‍य से किया गया है. इसका उद्घाटन सितम्बर 2022 में नई दिल्‍ली में किया गया था.
  • सिंगापुर भारत में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश का बडा स्रोत रहा है. 2023-24 में सिंगापुर से भारतीय बाजारों में 11 अरब 77 करोड डॉलर का सबसे बडा निवेश किया गया. वहीं, अप्रैल 2000 से मार्च 2024 तक की अवधि में सिंगापुर से कुल निवेश 159.94 अरब डॉलर का रहा.
  • द्विपक्षीय व्‍यापार के क्षेत्र में सिंगापुर, भारत का छठा सबसे बडा वैश्विक व्‍यापारिक साझेदार है. पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच 35.61 अरब डॉलर का व्‍यापार हुआ, जो आसियान देशों के साथ भारत के कुल व्‍यापार का लगभग 29 प्रतिशत है.
  • भारत ने सिंगापुर को 14.41 अरब डॉलर का निर्यात किया जबकि 21.2 अरब डॉलर का आयात किया.

सिंगापुर: एक दृष्टि

सिंगपुर, सामुद्रिक दक्षिण पूर्व एशिया में एक सम्प्रभु द्वीप देश और नगर-राज्य है. इस देश की आबादी में चीनी मूल की जनसंख्या सबसे ज़्यादा हैं, उसके बाद मलय मूल की आबादी है और भारतीय मूल के लोग तीसरा सबसे बड़ी आबादी है.

दूसरा भारत-सिंगापुर हैकथॉन IIT मद्रास में आयोजित किया गया

भारत-सिंगापुर हैकथॉन का दूसरा संस्करण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास में 26 से 28 सितम्बर तक आयोजित किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हैकथॉन के समापन समारोह में हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री ने IIT मद्रास के 56वें दीक्षान्‍त समारोह के अवसर पर दीक्षांत समारोह को भी संबोधित किया.

प्रधानमंत्री ने सिंगापुर में नवंबर 2018 में स्मार्ट कैंपस थीम के तहत हैकेथॉन के पहले संस्करण का शुभारंभ किया था. इस वर्ष IIT मद्रास में हैकेथॉन की मेजबानी भारत ने की. ये हैकेथॉन तीन प्रमुख विषयों- अच्‍छा स्‍वास्‍थ्‍य और कल्‍याण, बेहतर शिक्षा और किफायती तथा साफ ऊर्जा पर आयोजित किया गया.

हैकाथॉन “स्मार्ट कैम्पस” थीम पर केंद्रित रचनात्मक और अभिनव समाधान विकसित करने के लिए एक 36 घंटे की प्रतियोगिता थी. भारत और सिंगापुर के प्रत्येक विश्वविद्यालय के तीन -तीन छात्र-छात्राओं की 20 टीम ने इसमें भाग लिया.