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5 मई: अंतरराष्ट्रीय मिडवाइफ दिवस

प्रत्येक वर्ष 5 मई को ‘अंतरराष्ट्रीय मिडवाइफ दिवस’ (International Midwives’ Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य गर्भावस्था के दौरान महिला का ख्याल रखने वाली मिडवाइफ के समर्पण को सम्मान देना है. इंटरनेशनल कंफेडरेशन ऑफ मिडवाइव्स ने इस दिवस की शुरुआत 1992 में की थी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के ताजा रिपोर्ट के अनुसार हर दिन करीब 800 महिलाएं और 8,000 नवजात शिशु गर्भावस्था, जन्म के दौरान या उसके तुरंत बाद होने वाली ऐसी दिक्कतों के कारण मारे जाते हैं, जिनसे उन्हें बचाया जा सकता था.

अंतरराष्ट्रीय मिडवाइफ दिवस 2024 की थीम

इस वर्ष यानी 2024 के अंतरराष्ट्रीय मिडवाइफ दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘दाइयाँ: एक महत्वपूर्ण जलवायु समाधान’ (Midwives: A Vital Climate Solution) है.

मिडवाइफ क्या है?

गर्भावस्था के दौरान महिला और जन्म के बाद कुछ दिनों तक बच्चे का पूरा ख्याल रखने वाली महिलाओं को ‘मिडवाइफ’ (Midwife) नाम दिया गया है.

4 मई: अन्तर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस

प्रत्येक वर्ष 4 मई को दुनिया भर में अन्तर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस (International Firefighters’ Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य उन फायर फाइटरों को सम्मान देना है, जो अपनी जान दांव पर लगाकर लोगों और वन्य जीवों की जान आग से बचाते हैं.

इस दिन यूरोप में दोपहर के समय 30 सेकंड तक फायर बिग्रेड के सायरन बजाए जाते हैं. इसके बाद एक मिनट के लिए मौन रखा जाता है, जिसमें फायर फायटरों को सम्मान और धन्यवाद दिया जाता है.

अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस का प्रतीक

अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस का प्रतीक ‘लाल और नीले रंग के दो रिबन’ हैं. जिसमें लाल रंग आग को, और नीला रंग पानी को दर्शाता है.

अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस का इतिहास

अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस को पहली बार 1999 में मनाया गया था, जब ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया स्थित लिंटन की झाड़ियों में आग लगी थी. इस आग को बुझाने गई टीम के पांच सदस्यों की झुलसकर मौत हो गई थी.

अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस के रूप में 4 मई को चुने जाने का मुख्य वजह संत फ्लोरिन (Saint Florian) हैं, जो कि एक संत और फायर फाइटर थे. संत फ्लोरिन की मृत्यु 4 मई को हुई थी. संत फ्लोरिन रोमन बटालियन के कमांडिंग फायरफाइटर्स में से एक था. उन्होंने प्राचीन रोम में एक पूरा जलता हुआ गाँव बचा लिया था.

3 मई: विश्‍व प्रेस स्‍वतंत्रता दिवस

प्रत्येक वर्ष 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस (World Press Freedom Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में प्रेस की स्वतंत्रता का मूल्यांकन करना और मीडिया की स्वतंत्रता की रक्षा तथा ड्यूटी के दौरान हमले में जान गंवाने वाले पत्रकारों को श्रद्धांजलि अर्पित करना है.

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2024 का विषय

इस वर्ष यानी 2024 में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘ग्रह के लिए एक प्रेस: पर्यावरण संकट के सामने पत्रकारिता.’ (A Press for the Planet: Journalism in the Face of the environmental crisis.) है.

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का इतिहास

1991 में यूनेस्को की सिफारिश के बाद, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने दिसंबर 1993 में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की घोषणा की थी.

प्रेस स्वतंत्रता: मुख्य तथ्य

भारत में एक लोकतान्त्रिक देश है, यहाँ प्रेस (मीडिया) को पूर्ण स्‍वतंत्रता है. भारत में प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 में भारतीयों को दिए गए अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार से सुनिश्चित होती है.

1 मई: अंतर्राष्‍ट्रीय श्रमिक दिवस

प्रत्येक वर्ष 1 मई को अंतर्राष्‍ट्रीय श्रमिक दिवस (International Workers’ Day) के रूप में मनाया जाता है. इसे मई दिवस (May Day) या मजदूर दिवस (Labour Day) के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्‍य पूरे विश्‍व में आर्थिक और सामाजिक अधिकारों को प्राप्‍त करने में श्रमिकों के समर्पण के प्रति आभार व्‍यक्‍त करना है.

मजदूर दिवस का इतिहास

अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मज़दूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई, 1886 को हुई थी. उस दिन अमरीका के मजदूर संघों ने मिलकर निश्चय किया कि वे रोज़ाना 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे. इसके लिए मज़दूर संघों ने हड़ताल की. इस दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम विस्फोट के बाद पुलिस की गोलीबारी में कई मज़दूरों की जान गई.

1889 में अन्तर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में घोषणा की गई कि हेमार्केट में मारे गये निर्दोष लोगों की याद में 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाएगा और इस दिन सभी कामगारों तथा श्रमिकों का अवकाश रहेगा.

भारत के सन्दर्भ में मजदूर दिवस

भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई, 1923 को इसकी शुरूआत की थी. हालांकि उस समय इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया जाता था लेकिन अब दुनिया के अन्य देशों की तरह इसे मई दिवस के रूप में ही मनाया जाता है.

1 मई 2024: महाराष्ट्र और गुजरात का 64वां स्थापना दिवस

महाराष्ट्र और गुजरात, प्रत्येक वर्ष 1 मई को अपना स्थापना दिवस (Maharashtra Day and Gujarat Day) मनाते हैं. 1960 में इसी दिन मराठी एवं गुजराती भाषियों के बीच संघर्ष के कारण बम्बई राज्य (बांबे स्टेट) का बंटवारा करके महाराष्ट्र एवं गुजरात नामक दो राज्यों की स्थापना की गई थी. इस वर्ष यानी 2024 में दोनों राज्यों ने 64वां स्थापना दिवस मनाया.

भारत के संसद ने बांबे स्टेट को गुजरात और महाराष्ट्र में विभाजित करने के लिए ‘बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम 1960’ पारित किया था. यह अधिनियम 1 मई 1960 को लागू हुआ था. अधिनियम के तहत जहाँ लोग गुजराती और कच्छी बोलते थे उस क्षेत्र में गुजरात का गठन किया गया. दूसरे क्षेत्र का नाम महाराष्ट्र रखा गया था जहां लोग कोंकणी और मराठी बोलते थे.

भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन

  1. 1960 से महाराष्ट्र एवं गुजरात ‘बांबे स्टेट’ का हिस्सा हुआ करते थे. बॉम्बे में मराठी और गुजराती दोनों भाषाएं बोली जाती थीं. धीरे-धीरे दोनों भाषाओं के लोगों के बीच अलग राज्य की मांग उठने लगी.
  2. 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत कई राज्यों का गठन किया गया. इस अधिनियम के अंतर्गत तेलुगु बोलने वालों को आंध्र प्रदेश, कन्नड़ भाषी लोगों के लिए कर्नाटक राज्य बना, वहीं मलयालम बोलने वालों के लिए केरल और तमिल भाषी लोगों के लिए तमिलनाडु बना.
  3. 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम में बॉम्बे के मराठी और गुजराती लोगों को अलग राज्य नहीं मिला. गुजराती और मराठी लोगों ने अलग राज्य की मांग के लिए बॉम्बे में आंदोलन करना शुरू कर दिया.
  4. 1 मई 1960 को बॉम्बे को बांटकर दो राज्य महाराष्ट्र और गुजरात बना दिए गए. अब दोनों राज्य बॉम्बे को अपने राज्य का हिस्सा बनाना चाहते थे. काफी खींचातान के बाद बॉम्बे को महाराष्ट्र की राजधानी बना दिया गया.

31 मई: विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ (World No-Tobacco Day) मनाया जाता है. इस दिवस के मानाने का उद्देश्य देश और दुनिया भर में तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दे कर लोगों को जागरूक करना है.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2023 की थीम

WHO ने इस वर्ष यानी 2023 में इस दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘We need food, not tobacco’ रखा है.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1987 में की थी. दरअसल, तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों की वजह से मृत्युदर में अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए साल WHO ने इसे एक महामारी घोषित किया.

WHO ने पहली बार 7 अप्रैल 1988 को अपनी स्थापना की वर्षगांठ पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया था. बाद में इसके लिए एक तारीख ’31 मई’ निर्धारित की गई.

30 मई: गोवा स्थापना दिवस

प्रत्येक वर्ष 30 मई को गोवा अपना स्थापना दिवस (Goa Statehood Day) मनाता है. यह दिवस गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. 1987 में इसी दिन गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था.

भारतीय संसद ने 1963 में 12वें संविधान संशोधन पारित कर गोवा को भारत में आधिकारिक रूप से शामिल किया था. इस संविधान संशोधन के द्वारा गोवा, दमन व दिउ तथा दादरा व नगर हवेली को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था. 30 मई 1987 को गोवा को दमन व दिउ से अलग करके गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया था. गोवा देश का 25वां राज्य बना था.

19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस

भारत के आजाद होने के 14 साल बाद तक भी गोवा पुर्तगाली शासन के अधीन रहा था. 19 दिसंबर 1961 को गोवा को पुर्तगालियों से आजाद कराया गया था. इस उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस (Annexation of Goa) मनाया जाता है.

गोवा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

  • गोवा क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है.
  • गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था. पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 वर्षों तक शासन किया था.
  • इस शहर पर मार्च 1510 में अलफांसो-द-अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तगालियों का आक्रमण हुआ.
    1815 से 1947 तक गोवा में अंग्रेजों का शासन रहा.
  • आजादी के समय अंग्रेजों की दोहरी नीति व पुर्तगाल के दबाव के कारण गोवा पुर्तगाल को हस्तांतरित कर दिया गया.
  • 1961 में, भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) शुरू किया और दमन व दीव, द्वीपों और गोवा को भारतीय मुख्य भूमि के साथ जोड़ लिया.
  • इस तरह 19 दिसंबर 1961 को तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर मैन्यू वासलो डे सिल्वा ने भारत के सामने समर्पण समझौते पर दस्तखत कर दिए.
  • गोवा में चुनाव हुए और 20 दिसंबर, 1962 को श्री दयानंद भंडारकर गोवा के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने.
  • वर्ष 1967 में वहां जनमत संग्रह हुआ और गोवा के लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पसंद किया.
  • बाद में 30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया और इस प्रकार गोवा भारतीय गणराज्य का 25वां राज्य बना.

29 मई: अन्तर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति-रक्षक दिवस

प्रत्येक वर्ष 29 मई को अन्तर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति-रक्षक दिवस (International Day of United Nations Peacekeepers) मनाया जाता है. यह दिन उन सभी को समर्पित है, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में कार्य किया है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 29 मई को अन्तर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति-रक्षक दिवस को मनाने का प्रस्ताव 2003 में पारित किया था. 1948 में 29 मई के दिन ही पहला संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन स्थापित किया गया था। इस शांति रक्षा मिशन की स्थापना युद्धविराम समझौते की निगरानी के लिए की गई थी.

वर्ष 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 के अन्तर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति-रक्षक दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘Peace begins with me’ है.

शांति रक्षक अभियानों में भारत की भूमिका

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक विभिन्न शांति रक्षक अभियानों में, 1948 से अब तक 3,737 शांतिरक्षकों की जान गई हैं जिसमें से 163 भारत के हैं. यह आंकड़ा किसी भी देश के मुकाबले सबसे अधिक है. इस समय भारत संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षकों के मामले में योगदान करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है.

22 मई को ‘अन्तर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस’ मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 22 मई को ‘अन्तर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस’ (International Day for Biological Diversity) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य प्राकृतिक एवं पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में जैव-विविधता के महत्व के प्रति जागरुकता बढाना है.

अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 के अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का मुख्य विषय (Theme) ‘From Agreement to Action: Build Back Biodiversity’ है.

जैव-विविधता क्या है?

  • जैव-विविधता (Biological Diversity) पृथ्वी पर मौजूद जीव-जंतुओं की प्रजातियों में पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की विभिन्नताएं या विशेषताएं ही जैव-विविधता कहलाती है.
  • जैव-विविधता के कारण ही पृथ्वी पर मौजूद जीव-जंतुओं के खाद्य पदार्थों का संतुलन बना हुआ है. जैवविविधता हमारे वस्त्र, औषधि निर्माण, पृथ्वी की सुंदरता के लिए भी उपयोगी है.
  • अन्तर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस के दिन विशेष तौर पर वनों की सुरक्षा, संस्कृति, जीवन कला, वस्त्र-भोजन, औषधीय पौधों के महत्व आदि को प्रदर्शित करके जैव-विविधता के महत्व एवं उसके न होने पर होने वाले खतरों के बारे में जागरूक किया जाता है.
  • संयुक्त राष्ट्र ने सन् 2010 को जैव-विविधता का अन्तर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया था.

अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2000 को एक प्रस्ताव पारित करके 22 मई को अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के रूप में मनाये जाने का संकल्प लिया था.

21 मई: राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस, राजीव गांधी की पुण्यतिथि

भारत में प्रत्येक वर्ष 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस (National Anti-Terrorism Day) मनाया जाता है. यह दिवस पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि के दिन मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य युवाओं को आतंकवाद और हिंसा के पथ से दूर रखना, शांति और मानवता का संदेश फैलाना, लोगों को जागरूक करना, एकता को बढ़ावा देना, युवाओं में देशभक्ति जगाना और आम लोगों की पीड़ा को उजागर करना है.

आतंकवाद विरोधी दिवस का इतिहास

21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में आयोजित एक रैली के दौरान भारत के 6ठे प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या LTTE (श्रीलंकाई तमिल अलगाववादी संगठन) की महिला सुसाइड बॉम्बर ने की थी. इस हमले के बाद ही 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया गया था.

21 मई: अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस, संयुक्त राष्ट्र ने भारत की पहल पर घोषित किया है

प्रत्येक वर्ष 21 मई को अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य चाय मजदूरों की काम की स्थिति, मजदूरों के अधिकार, दिहाड़ी, सामाजिक सुरक्षा, रोजगार सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर चर्चा को भी प्रोत्साहित करना है.

अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस एक आदर्श वाक्य के साथ मनाया जाता है जो ‘फील्ड से लेकर कप तक’ (From Field to Cup) है. अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस 2023 की थीम ‘Bee engaged in pollinator-friendly agricultural production’ है.

वर्ष 2019 तक देश के पांच प्रमुख चाय उत्पादक देश चीन, भारत, केन्या, वियतनाम और श्रीलंका के अलावा मलावी, तंजानिया, बांग्लादेश, यूगांडा, इंडोनेशिया और मलयेशिया सहित कई देशों में है यह दिवस मनाया जाता था.

अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस का इतिहास

वर्ष 2004 में मुंबई में हुई व्यापार संघों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की बैठक में ‘अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस’ मनाने का फैसला लिया गया था. पहली बार यह दिवस 15 दिसंबर, 2005 को मनाया गया था. वर्ष 2020 से यह दिवस 21 मई को मनाया जाने लगा.

भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 मई को यह दिवस घोषित किया
  • भारत की सिफारिश पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 मई को अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस घोषित किया है. यह दिवस को मनाने का प्रस्ताव भारत ने अक्टूबर 2015 में मिलान में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय खाद्य और कृषि संगठन (FAO) की बैठक के दौरान रखा था.
  • दरअसल चाय उत्पादन का मौसम मई माह में शुरू होता है, जिस कारण भारत ने इस दिवस को 15 दिसम्बर की जगह मई माह में मनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र को दिया था.
  • इससे पहले भारत की पहल पर ही 21 जून का दिन अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए तय किया गया था.

20 मई: विश्व मेट्रोलॉजी दिवस

प्रत्येक वर्ष 20 मई को विश्व मेट्रोलॉजी दिवस (World Metrology Day) मनाया जाता है.  इस दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य मेट्रोलॉजी, माप के विज्ञान और इसके अनुप्रयोग के बारे में जागरूकता पैदा करना है. यह दिन वैज्ञानिक क्षेत्रों, नवाचार, उद्योगों, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में मेट्रोलॉजी के उपयोग पर प्रकाश डालता है.

विश्व मेट्रोलॉजी दिवस 2023 का मुख्य विषय (theme) ‘Measurements supporting the global food system’ है.

विश्व मेट्रोलॉजी दिवस का इतिहास

विश्व मेट्रोलॉजी दिवस मीटर कन्वेंशन (Metre Convention) पर हस्ताक्षर करने की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इस कन्वेंशन पर 20 मई 1875 को हस्ताक्षर किया गया था.

कन्वेंशन ने माप के विज्ञान और इसके औद्योगिक, वाणिज्यिक और सामाजिक अनुप्रयोगों में वैश्विक सहयोग के लिए रूपरेखा निर्धारित की थी.