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पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर विजयपुरम किया गया

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर विजयपुरम कर दिया. इसकी घोषणा 13 सितमबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की थी. देश को औपनिवेशिक पहचान से मुक्त करने के लिए यह नाम परिवर्तित किया गया है.

मुख्य बिन्दु

  • अंग्रेजों ने पोर्ट ब्लेयर का नाम ब्रिटिश औपनिवेशिक नौसेना के अधिकारी कैप्टन आर्चीबाल्ड ब्लेयर के नाम पर रखा था.
  • भारत में किसी शहर, कस्बे, रेलवे स्टेशन आदि का नाम केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही बदला जाता है.
  • नया नाम श्री विजया पुरम, श्री विजया साम्राज्य से प्रेरित है जो 7वीं से 13वीं शताब्दी ईस्वी के बीच दक्षिण पूर्व एशिया (वर्तमान इंडोनेशिया) में फैला हुआ था. श्री विजया पुरम, दक्षिण अंडमान द्वीप पर स्थित है.

अंडमान निकोबार का ऐतिहासिक महत्व

  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र चोल साम्राज्य के नौसैनिक अड्डे के रूप में कार्य करता था.
  • आज़ाद हिंद फ़ौज के सर्वोच्च कमांडर नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 30 दिसंबर 1943 को यहाँ तिरंगे को पहली बार फहराया था और अंग्रेजों से देश की स्वतंत्रता की घोषणा की.
  • अंडमान में तीन मंजिला सेल्यूलर जेल भी है. यह जेल काला पानी के नाम से प्रसिद्ध है. 1906 में वीर सावरकर जैसे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को इसी जेल में रखा गया था.

अंडमान और निकोबार में पहले भी बदले गए हैं नाम

  • जून 2018 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अंडमान निकोबार यात्रा के दौरान तीन प्रमुख द्वीपों के नाम बदले गए थे. रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप, नील द्वीप का नाम शहीद द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम बदलकर स्वराज द्वीप कर दिया गया था.
  • 23 जनवरी 2023 को, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन के अवसर पर भारत सरकार ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े द्वीपों का नाम 21 परमवीर चक्र पुरस्कार विजेता के नाम पर रखा दिया था.

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह: एक दृष्टि

  • अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है. ये बंगाल की खाड़ी के दक्षिण में हिन्द महासागर में स्थित है.
  • इसमें दो द्वीप समूह शामिल हैं – अंडमान द्वीप समूह और निकोबार द्वीप समूह. 10° उत्तरी अक्षांश, अंडमान द्वीप समूह को निकोबार द्वीप समूह से अलग करते हैं.
  • अंडमान द्वीप समूह का कुल क्षेत्रफल 6,408 वर्ग किमी और निकोबार द्वीप समूह का 1,841 वर्ग किमी है.
  • यह लगभग 572 छोटे बड़े द्वीपों से मिलकर बना है जिनमें से सिर्फ कुछ ही द्वीपों पर लोग रहते हैं.
  • यह दक्षिण में इंडोनेशिया के साथ समुद्री सीमा साझा करता है, इसके उत्तर-पूर्व में म्यांमार और दक्षिण-पूर्व में थाईलैंड है.

अण्‍डमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों का नामकरण सैनिकों के नाम पर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिकों के नाम पर किया है.

यह नामकरण 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 126वीं जयंती के दिन किया गया था. उनकी जयंती  पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाती है.

मुख्य बिन्दु

  • प्रधानमंत्री ने नेताजी को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के प्रतिरूप का भी अनावरण किया. इसका निर्माण सुभाष चंद्र द्वीप पर किया गया है. 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह के रॉस द्वीप का नामकरण नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप के रूप में किया था.
  • उत्तर और मध्य अंडमान में निर्जन द्वीप संख्या ‘आईएनएएन 370’ को मेजर सोमनाथ शर्मा के नाम पर ‘सोमनाथ द्वीप’ नाम दिया गया है. मेजर सोमनाथ शर्मा देश के पहले परमवीर चक्र विजेता हैं.
  • भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान अपनी वीरता के लिए सम्मानित सूबेदार और मानद कैप्टन करम सिंह के नाम पर ‘आईएनएएन 308’ द्वीप का नाम ‘करम सिंह’ द्वीप रखा गया है.
  • इसके अलावा मेजर रामा राघोबा राणे, नायक जदुनाथ सिंह, कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह शेखावत, कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा मागर, सूबेदार जोगिंदर सिंह सहनन, मेजर शैतान सिंह भाटी, कंपनी क्वार्टरमास्टर हवलदार अब्दुल हमीद, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, कर्नल होशियार सिंह दहिया, सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, कैप्टन बाना सिंह, कैप्टन विक्रम बत्रा, कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय और सूबेदार मेजर संजय कुमार के नाम पर भी द्वीपों के नाम रखे गए हैं.
  • यह नामकरण राष्ट्र की सम्‍प्रभुता और अखण्‍डता की सुरक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले नायकों को श्रद्धांजलि के तौर पर किया गया है.

अंडमान निकोबार द्वीप समूह तक समुद्र के नीचे केबल बिछाने की परियोजना का उद्घाटन

केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चेन्नई में चेन्नई से अंडमान निकोबार द्वीप समूह तक समुद्र के नीचे केबल बिछाने की महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्घाटन किया. सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम BSNL, युनिवर्सल सर्विस ऑब्लीगेशन फंड के अन्तर्गत इस परियोजना को कार्यान्वित करेगा. इस परियोजना के तहत शुरूआती तौर पर चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर स्थित कारबाइन्स कोव तक केबल बिछाई जायेगी. 2020 के अंत तक इस परियोजना के पूरे हो जाने की संभावना है.

इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद यहाँ डाटा नेटवर्क में सुधार होगा. सामरिक दृष्टि से महत्‍वपूर्ण इस द्वीप समूह की लंबाई-चौड़ाई को देखते हुए उपग्रह ट्रांसपोंडर आधारित दूरसंचार नेटवर्क सामरिक दृष्टि से महत्‍वपूर्ण द्वीप के लिए प्रर्याप्‍त नहीं था. इसलिए समुद्र में बिछाया जा रहा यह फाइबर ऑपटिक केबल जो कम लागत अत्‍यधिक भरोसेमंद और दूरसंचार व्‍यवस्‍था को सुनिश्चित करेगा. ये देश के भारत नेट और डिजिटल इंडिया की पहल को भी गति देगा.