सूडान में चल रहे गृहयुद्ध के बीच मानवीय युद्धविराम
सूडान में अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) ने मानवीय युद्धविराम पर सहमत होने की घोषणा की है. यह सहमति अमेरिका और अरब देशों (सऊदी अरब, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात) के नेतृत्व वाले ‘क्वाड’ समूह के प्रस्ताव पर बनी है.
- RSF के अनुसार, यह सहमति युद्ध के भयावह मानवीय परिणामों का समाधान करने और नागरिकों को तत्काल सहायता पहुँचाने की अनुमति देने के लिए दी गई है.
- सूडान की नियमित सेना (SAF, जो सेना समर्थित सरकार का नेतृत्व करती है) ने अभी तक इस युद्धविराम प्रस्ताव पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है और यह संकेत दिया है कि वह लड़ाई जारी रखना चाहती है.
सूडान संघर्ष
- सूडान में अप्रैल 2023 से सूडानी सशस्त्र बलों (SAF) और अर्धसैनिक RSF के बीच भीषण संघर्ष चल रहा है.
- अल-फशर शहर पर RSF के हालिया कब्ज़े के बाद नागरिकों पर सामूहिक हत्याओं और अत्याचारों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी निंदा हुई है, जिसके बाद RSF पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा है.
सूडान संघर्ष के मुख्य कारण
सूडान संघर्ष मुख्य रूप से दो शक्तिशाली सैन्य गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई है:
- सूडानी सशस्त्र बल (SAF): इसका नेतृत्व जनरल अब्देल फत्ताह अल-बुर्हान कर रहे हैं.
- रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF): यह एक अर्धसैनिक समूह है, जिसका नेतृत्व जनरल मोहम्मद हमदान डगालो (हेमेड्टी) कर रहे हैं.
वर्ष 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद, ये दोनों गुट सत्ता में भागीदार थे. लेकिन SAF में RSF के एकीकरण (Integration) और महत्वपूर्ण संस्थानों पर नियंत्रण को लेकर बातचीत टूटने के बाद दोनों के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गईं.
