मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना की भारत यात्रा
मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना ने 13 से 16 अक्टूबर 2025 तक भारत की राजकीय यात्रा की थी. उन्होंने भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के निमंत्रण पर यह यात्रा की.
राष्ट्रपति के रूप में यह उनकी पहली भारत यात्रा थी, जो दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने के अवसर पर हुई.
यात्रा के मुख्य बिन्दु
- उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की. इस वार्ता में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया.
- यह वार्ता मुख्य रूप से रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा, खनन, सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सांस्कृतिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने पर केंद्रित थी.
- वार्ता में भारत की $1.7 बिलियन की ऋण सहायता से मंगोलिया में बन रही तेल रिफाइनरी परियोजना की प्रगति पर भी चर्चा हुई, जो मंगोलिया की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है.
- दोनों देशों ने दस समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए. ये समझौता ज्ञापन मानवीय सहायता, मंगोलिया में विरासत स्थलों के जीर्णोद्धार, आव्रजन, भूविज्ञान और खनिज संसाधनों में सहयोग, सहकारिता को बढ़ावा देने और डिजिटल समाधानों के आदान-प्रदान के लिए हैं.
- दोनों नेताओं ने भारत और मंगोलिया के द्विपक्षीय संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में संयुक्त रूप से स्मारक डाक टिकट जारी किए.
- भारत ने मंगोलिया के नागरिकों को मुफ्त ई-वीज़ा प्रदान करने का निर्णय लिया.
- उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मु और प्रधानमंत्री मोदी के अलावा उपराष्ट्रपति श्री सीपी राधाकृष्णन, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से भी मुलाकात की.
भारत और मंगोलिया संबंध
- भारत और मंगोलिया ने 1955 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे और 2015 में अपनी साझेदारी को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया.
- पिछले 7 दशकों में दोनों देशों ने साझा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित एक घनिष्ठ और बहुआयामी साझेदारी विकसित की है.
- यह साझेदारी रक्षा और सुरक्षा संसदीय आदान-प्रदान विकास साझेदारी, ऊर्जा, खनन, सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सांस्कृतिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में फैली हुई है.
- मंगोलिया भारत को अपना ‘तीसरा पड़ोसी’ और ‘आध्यात्मिक पड़ोसी’ मानता है. ‘तीसरा पड़ोसी’ मंगोलिया की एक विदेश रणनीति है जिसका उद्देश्य दो बड़े पड़ोसियों (रूस और चीन) पर अपनी आर्थिक और राजनीतिक निर्भरता को कम करना है.