तियानजिन में SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक, विदेश मंत्री एस जयशंकर की चीन यात्रा

  • विदेश मंत्री एस जयशंकर 14-15 जुलाई को चीन की यात्रा पर थे. वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के प्रयोजन से गए थे.
  • वर्ष 2020 में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य गतिरोध के बाद दोनों देशों के संबंधों में आए तनाव के बाद विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर की यह पहली चीन यात्रा थी.
  • SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक 15 जुलाई को तियानजिन में हुई थी. वर्तमान में चीन इस संगठन का अध्यक्ष है.
  • बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने SCO को आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के मुद्दों पर अडिग रुख अपनाए जाने की बात कही.
  • उन्‍होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों, षड्यंत्रकर्ताओं और धन उपलब्‍ध कराने वालों को जवाबदेह ठहराने पर बल दिया.

द्विपक्षीय बैठक

  • विदेश मंत्री सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर ने 14 जुलाई को पेइचिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक की.
  • डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि आपसी संबंधों के विकास के लिए सीमा पर शांति बनाए रखना ज़रूरी है.
  • उन्होंने प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों और आर्थिक सहयोग में आने वाली बाधाओं का भी मुद्दा उठाया.
  • उन्‍होंने सीमा पार नदियों पर सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया है, जिसमें चीन द्वारा जल विज्ञान संबंधी आंकड़े उपलब्ध कराना भी शामिल है.

शंघाई सहयोग संगठन (SCO): एक दृष्टि

  • शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) एक स्थायी अंतर-सरकारी संगठन है जो जून 2001 में ‘शंघाई फाइव’ (Shanghai Five) के विस्तार के बाद अस्तित्व में आया था.
  • ‘शंघाई फाइव’ का गठन रूस, चीन, कज़ाखस्तान, किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान ने साथ मिलकर वर्ष 1996 में किया था.
  • साल 2017 में भारत और पाकिस्तान भी इसके स्थायी सदस्य बने. उससे पहले भारत को 2005 में SCO में एक पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल किया गया था.
  • SCO के दो मुख्य निकाय हैं- SCO राष्ट्राध्यक्ष परिषद और SCO शासनाध्यक्ष परिषद. SCO राष्ट्राध्यक्ष की परिषद एससीओ की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है.
  • SCO की अध्यक्षता रूसी वर्णमाला के अनुसार सदस्य देशों के बीच सालाना बारी-बारी से आयोजित की जाती है.
  • यह समूह अपने सदस्य देशों के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है.
  • बहुत सारे पश्चिमी देशों के विशेषज्ञों का यह मानना है की SCO को चीन और रूस के द्वारा एक पश्चिम विरोधी गठबंधन के रूप में बदला जा रहा है.
  • एससीओ के स्थायी सदस्य (10 देश): कजाकिस्तान, चीन, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान, भारत, पाकिस्तान, ईरान और बेलारूस.
  • मंगोलिया और अफगानिस्तान (2021 से निलंबित) SCO में पर्यवेक्षक (Observer) के रूप में शामिल हैं. SCO का मुख्यालय बीजिंग, चीन में है.