एक्सिओम-4 मिशन: अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से शुभांशु शुक्ला की सफल वापसी

  • भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और एक्सिओम-4 मिशन के चालक दल के तीन अन्य सदस्य अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से सकुशल पृथ्वी पर लौट आए.
  • एक्सिओम-4 मिशन के अंतरिक्ष यात्री स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान से पृथ्वी पर लौटे. यह अंतरिक्ष यान 15 जुलाई 2025 को अमरीका के कैलिफ़ोर्निया के सैन डिएगो तट के पास प्रशांत महासागर में उतरा.

एक्सिओम-4 मिशन (Axiom-4 Mission): घटनाक्रम

  • भारत के शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को अन्‍तर्राष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजने के लिए एक्सिओम-4 मिशन लॉन्च किया गया था.
  • इस मिशन के माध्यम से अमरीका, भारत, पोलैंड और हंगरी के चार लोगों को वैज्ञानिक प्रयोगों और अनुसंधान के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र में भेजा गया था.
  • एक्सिओम-4 मिशन को 25 जून को अमरीका में फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया था. 28 घंटे की यात्रा के बाद यह मिशन 26 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्‍द्र पहुंचा था.
  • एक्सियम-4 मिशन में भारत के शुभांशु शुक्‍ला, पोलैंड के स्‍लावोस उजानान्‍स्‍की, हंगरी के तिबोर कापू और अमरीका के पेगी ह्विस्‍टन शामिल थे. शुभांशु शुक्ला इस मिशन के चालक थे. पेगी ह्विस्‍टन नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री हैं जो मिशन कमांडर थे.
  • एक्सिओम मिशन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारत की इसरो की एक संयुक्त पहल है. इस मिशन को निजी अमेरिकी कंपनी एक्सिओम स्पेस इंक द्वारा प्रक्षेपित किया गया था.
  • ये अंतरिक्ष यात्री 15 दिनों तक अन्‍तर्राष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर कर कई प्रकार के वैज्ञानिक प्रयोग तथा अनुसंधान किए. इनमें, सूक्ष्‍म गुरुत्‍व से संबंधित शोध, प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रदर्शन और अन्य प्रयोग शामिल थे.

स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्षयान (SpaceX Dragon spacecraft)

  • चारों अन्तरिक्ष यात्री, स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान में सवार हो कर फाल्कन 9 रॉकेट के माध्यम से अंतरिक्ष गए थे. इस अंतरिक्षयान को 26 जून 2025 को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से डॉक यानी जोडा गया था.
  • स्पेसएक्स ड्रैगन (Dragon) अंतरिक्षयान जिसे ड्रैगन कैप्सूल भी कहा जाता है, एक पुनः प्रयोज्य अंतरिक्ष यान है जिसे एलन मस्क की SpaceX कंपनी ने विकसित किया गया है.
  • यह अंतरिक्ष यात्रियों और कार्गो को पृथ्वी से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक ले जाने और वापस लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष केन्‍द्र पहुंचने वाले पहले भारतीय

  • शुभांशु शुक्‍ला अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष केन्‍द्र (ISS) पहुंचने के साथ ही इस केन्‍द्र में पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं.
  • राकेश शर्मा के बाद शुभांशु शुक्‍ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं. राकेश शर्मा 1984 में सोवियत संघ के इंटरकोस्मोस कार्यक्रम के तहत सोयुज टी-11 यान से अंतरिक्ष गए थे.

शुभांशु शुक्ला

  • शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन के पद पर है. वह भारत के गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए चयनित अंतरिक्ष यात्री भी हैं.
  • अंतर्राष्‍ट्रीय अंतरिक्ष केन्‍द्र पर अपने प्रवास के दौरान, शुभांशु शुक्ला ने विशिष्ट सूक्ष्म-गुरुत्वाकर्षण प्रयोग किए.

अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन क्या है?

  • अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन (ISS) बाहरी अन्तरिक्ष में पृथ्वी की परिक्रमा करने वाला मानव निर्मित उपग्रह है. इसे अनुसंधान और शोध के लिए बनाया गया है. इसे पृथ्वी की निकटवर्ती कक्षा में स्थापित किया गया है.
  • ISS विश्व की कई स्पेस एजेंसियों का संयुक्त उपक्रम है. इसे बनाने में संयुक्त राज्य अमेरिका की नासा के साथ रूस की रशियन फेडरल स्पेस एजेंसी (RKA), जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA), कनाडा की कनेडियन स्पेस एजेंसी (CSA) और यूरोपीय देशों की संयुक्त यूरोपीयन स्पेस एजेंसी (ESA) काम कर रही हैं.
  • यह 109 मीटर लंबा और 51 मीटर चौड़ा है. यह पृथ्वी से 370-460 किमी की ऊँचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है.