भारत ने आकाश प्राइम का सफल उपयोगकर्ता परीक्षण किया

  • भारतीय सेना ने 16-17 जुलाई को आकाश प्राइम वायु रक्षा प्रणाली (Akash Prime Air Defence System) का सफल उपयोगकर्ता परीक्षण किया है. यह परीक्षण लद्दाख के उच्चतम पर्वतीय क्षेत्र में 15,000 फीट की ऊँचाई पर किया गया.
  • परीक्षण के दौरान आकाश प्राइम मिसाइल ने दो उच्च गति वाले हवाई लक्ष्यों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया और नष्ट कर दिया.

आकाश प्राइम (Akash Prime)

आकाश प्राइम, मूल आकाश मिसाइल का उन्नत संस्करण है. आकाश स्वदेशी मिसाइल है जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है। आकाश मिसाइल के चार प्रकार हैं:

  1. आकाश मार्क-1
  2. आकाश-1S
  3. आकाश एनजी (नई पीढ़ी)
  4. आकाश प्राइम
  • आकाश वायु रक्षा प्रणाली का उपयोग भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और भारतीय सेना द्वारा किया जा रहा है. इसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
  • आकाश एक ‘सतह-से-हवा’ में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली है जो हेलीकॉप्टरों, विमानों, क्रूज मिसाइलों, ड्रोन और अन्य हवाई खतरों को निशाना बना सकती है.
  • आकाश मिसाइल प्रणाली एक रडार प्रणाली से लैस है जो आने वाले शत्रुतापूर्ण हवाई लक्ष्यों का पता लगा सकती है और नष्ट कर सकती है। इसे एक मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म से प्रक्षेपित किया जा सकता है.
  • आकाश प्राइम एक उच्च-ऊंचाई वाला संस्करण है जिसमें लक्ष्य निर्धारण के लिए स्वदेशी रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर लगा है। इस प्रणाली की मारक क्षमता 20 किलोमीटर है.
  • यह ऊंचाई और ठंडे मौसम में भी बखूबी काम करती है. इसे चीन और पाकिस्तान को ध्यान में रख कर उच्च ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्र के लिए डिज़ाइन किया गया है.
  • आकाश प्रणाली में एक स्वदेश विकसित राजेंद्र 3D पैसिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे रडार, चार इंटरकनेक्टेड लॉन्चर और तीन मिसाइलें होती हैं.
  • आकाश मिसाइल का निर्माण हैदराबाद स्थित भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) द्वारा किया जा रहा है. यह रक्षा मंत्रालय के अधीन भारत सरकार के स्वामित्व वाली एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है.