ईरान राष्ट्रपति चुनाव: मसूद पेज़ेश्कियान ईरान के नए राष्ट्रपति चुने गए

ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में सुधारवादी नेता मसूद पेज़ेश्कियान (Masoud Pezeshkian) को जीत मिली है. वे देश के 9वें राष्ट्रपति चुने गए. उन्होंने 30 लाख वोटों से कट्टरपंथी नेता सईद जलीली को हराया. पजशकियान को 1.64 करोड़ वोट मिले. वहीं जलीली को 1.36 करोड़ वोट हासिल हुए.

मुख्य बिन्दु

  • ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 28 जून 2024 को हुआ था जिसमें चार उम्मीदवार थे. यहाँ कुल 61 मिलियन मतदाताओं में से केवल 40 प्रतिशत ने ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया जो देश में 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से ईरानी राष्ट्रपति चुनाव में सबसे कम मतदान प्रतिशत है.
  • इस चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को आवश्यक बहुमत वोट नहीं हासिल हुआ. मसूद पेज़ेश्कियान को लगभग 42.5 प्रतिशत वोट और जलीली को 38.7 प्रतिशत वोट मिले.
  • राष्ट्रपति चुनने के लिए 5 जुलाई 2024 को आवश्यक रन-ऑफ राष्ट्रपति चुनाव आयोजित किया गया था. इस बार पेज़ेश्कियान को 53.7 प्रतिशत वोट और जलीली को 44.3 प्रतिशत वोट मिले. इस प्रकार मसूद पेज़ेशकियान  को ईरान का नया निर्वाचित राष्ट्रपति घोषित किया गया.
  • ईरान में फरवरी 2023 में चुनाव हुए थे जिसमें इब्राहिम रईसी दोबारा देश के राष्ट्रपति बने थे. 19 मई 2024 को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनकी मृत्यु के बाद ईरान में राष्ट्रपति चुनाव की आवश्यकता हुई थी.

मसूद पेज़ेश्कियान

  • मसूद पेज़ेश्कियान पेशे से हार्ट सर्जन रहे हैं. वो फिलहाल देश के स्वास्थ्य मंत्री हैं. उन्हें एक हिजाब विरोधी और उदारवादी नेता के रूप में जाना जाता है.
  • उन्होंने ईरान में ‘एकता और सद्भाव’ लाने का वादा किया था. साथ ही ये भी वादा किया था कि वो दुनिया से ईरान के अलगाव को ख़त्म करेंगे. इसके बाद ही ईरान के लोगों का उनकी ओर झुकाव बढ़ना शुरू हुआ.
  • पेज़ेश्कियान ने पश्चिमी देशों के साथ साल 2015 के असफल परमाणु समझौते के नवीनीकरण पर सकारात्मक बातचीत का भी आह्वान किया है.
  • इस समझौते के मुताबिक़ ईरान पश्चिमी प्रतिबंधों में ढील के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश लगाने के लिए सहमत हो गया था.

सईद जलीली

  • पेज़ेश्कियान के प्रतिद्वंद्वी कट्टरपंथी सईद जलीली पूर्व परमाणु वार्ताकार रह चुके हैं और उन्हें ईरान के सबसे ताक़तवर धार्मिक समुदायों में समर्थन मिलता रहा है. वे ईरान के यथास्थिति के पक्ष में थे.
  • जलीली पश्चिम विरोधी रहे हैं. वो परमाणु समझौते को बहाल करने के भी ख़िलाफ़ रहे हैं. उनकी नीतियां ईरान के लिए ज्यादा प्रतिबंध और अलगाव के समर्थन में थी.

ईरान में राष्ट्रपति चुनाव

  • ईरानी संविधान के अनुसार, जनता सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के माध्यम से राष्ट्रपति का चुनाव करती है. ईरान में जन्मा ईरान का नागरिक ही राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ सकता है.
  • ईरानी संविधान के अनुसार, जीतने वाले उम्मीदवार को डाले गए वैध वोटों में से 50 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल करने होते हैं.
  • ईरानी राष्ट्रपति का कार्यकाल चार वर्ष का होता है, और वह पुनः चुनाव के लिए पात्र होते हैं.
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