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आकाश मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण, सतह से हवा में मार करने में सक्षम
भारत ने 31 मार्च 2024 को आकाश मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण किया था. यह परीक्षण भारतीय सेना की पश्चिमी कमान ने किया था. आकाश मिसाइल प्रणाली दुश्मन के विमान या मिसाइल को हवा में नष्ट कर सकती है.
आकाश मिसाइल प्रणाली: मुख्य बिन्दु
- आकाश मिसाइल सिस्टम की सिंगल यूनिट में चार मिसाइलें होती हैं. जो अलग-अलग टारगेट्स को ध्वस्त कर सकती हैं.
- आत्मनिर्भर भारत पहल को बढावा देने के लिए आकाश मिसाइल प्रणाली को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया है.
- आकाश मिसाइल डीआरडीओ द्वारा निर्मित एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है. इसकी मारक क्षमता 40 से 80 km है.
- इसे इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीएमडीपी) के तहत विकसित किया गया है, जिसमें नाग, अग्नि और त्रिशूल मिसाइल और पृथ्वी बैलिस्टिक मिसाइल का विकास भी शामिल है.
- भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना के लिए दो मिसाइल संस्करण बनाए गए हैं. भारतीय सेना ने मई 2015 में आकाश मिसाइलों के पहले बैच को शामिल किया था.
- पहली आकाश मिसाइल मार्च 2012 में भारतीय वायु सेना को सौंपी गई थी. मिसाइल को औपचारिक रूप से जुलाई 2015 में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था.
- आकाश मिसाइल सतह-से-हवा में मार करने वाली प्रणाली पूरी तरह से स्वायत्त मोड में काम करते हुए कई हवाई लक्ष्यों को साध सकती है.
- प्रणाली में एक लॉन्चर, एक मिसाइल, एक नियंत्रण केंद्र, एक बहुक्रियाशील अग्नि नियंत्रण रडार, एक प्रणाली हथियार और विस्फोट तंत्र, एक डिजिटल ऑटोपायलट, C4I (कमांड, नियंत्रण संचार और खुफिया) केंद्र और सहायक जमीनी उपकरण शामिल हैं.
क्या है कच्चातिवु की कहानी, भारत सरकार ने इसे श्रीलंका को क्यों दिया था
कच्चातिवु द्वीप (Katchatheevu Island) का मुद्दा हाल के दिनों में चर्चा में रहा है. दरअसल के. अन्नामलाई ने आरटीआई दायर कर कच्चातिवु के बारे में पूछा था. आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि सन 1974 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और श्रीलंका की राष्ट्रपति श्रीमावो भंडारनायके ने एक समझौता किया था. इसके तहत कच्चातिवु द्वीप को श्रीलंका को औपचारिक रूप से सौंप दिया गया था.
मुख्य बिन्दु
- कच्चातिवु द्वीप 285 एकड़ का हरित क्षेत्र है जो 1976 तक भारत का था. यह भारत के रामेश्वरम और श्रीलंका के नेदुन्तीवु के बीच पाक जलडमरूमध्य में स्थित है. यह बंगाल की खाड़ी को अरब सागर से जोड़ता है.
- यह द्वीप सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. यह द्वीप कई दशकों से दोनों देशों के बीच विवाद और मतभेद का विषय रहा जो वर्तमान समय में श्रीलंका द्वारा प्रशासित है.
- साल 1974 में तत्कालीन PM इंदिरा गांधी ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति श्रीमावो भंडारनायके के साथ 1974-76 के बीच चार समुद्री सीमा समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे. इन्हीं समझौते के तहत कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया गया था.
- भारत में कच्चातीवु का हस्तांतरण अवैध माना जाता है क्योंकि इसे भारतीय संसद द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया था. भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बेरुबारी यूनियन मामले (1960) में फैसला सुनाया कि भारतीय क्षेत्र को किसी अन्य देश को हस्तांतरित करने के लिए संसद द्वारा संविधान संशोधन अधिनियम के माध्यम से अनुमोदन किया जाना चाहिए.
कच्चातिवु का इतिहास
- कच्चातिवू द्वीप का निर्माण 14वीं शताब्दी में ज्वालामुखी विस्फोट के कारण हुआ था. यह कभी 17वीं शताब्दी में मदुरई के राजा रामानद के अधीन था.
- ब्रिटिश शासनकाल में यह द्वीप मद्रास प्रेसीडेंसी के पास आया. 1921 में श्रीलंका और भारत दोनों ने मछली पकड़ने के लिए भूमि पर दावा किया और विवाद अनसुलझा रहा. आजादी के बाद इसे भारत का हिस्सा माना गया.
- साल 1974 में 26 जून को कोलंबो और 28 जून को दिल्ली में दोनों देशों के बीच इस द्वीप के बारे में बातचीत हुई. इन्हीं दो बैठकों में कुछ शर्तों के साथ इस द्वीप को श्रीलंका को सौंप दिया गया.
- 1974 के समझौते ने भारतीय मछुआरों को अपने जाल सुखाने और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए द्वीप के चर्च का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी.
- हालाँकि, संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन (UNCLOS) के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) का 1976 में किया गया सीमांकन, 1974 के समझौते का स्थान ले लेता है, जिससे द्वीप पर इन गतिविधियों में संलग्न होने के भारतीय मछुआरों के अधिकार प्रभावी रूप से समाप्त हो जाते हैं.
भारत, मोजाम्बिक और तंजानिया के बीच सैन्य अभ्यास IMT TRILAT 24 आयोजित किया गया
भारत, मोजाम्बिक और तंजानिया के बीच 21 से 28 मार्च तक त्रिपक्षीय नौसैनिक अभ्यास IMT TRILAT 24 आयोजित किया गया था. यह IMT TRILAT का दूसरा संस्करण था जो 28 मार्च 2024 को मोजाम्बिक के नाकाला में संपन्न हुआ.
मुख्य बिन्दु
- इस अभ्यास का उद्देश्य भारत, मोजाम्बिक और तंजानिया की नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग और अंतर-संचालनीयता को बढ़ाना था. भारतीय नौसेना के जहाज ‘तीर’ और ‘सुजाता’ ने इस अभ्यास में भाग लिया था.
- IMT TRILAT 24 दो चरणों में आयोजित किया गया था. पहला चरण हार्बर चरण था जो 21-24 मार्च तक जंजीबार में आयोजित किया गया. दूसरा चरण समुद्री चरण था जो 24-28 मार्च तक आयोजित किया गया.
- मोजाम्बिक, दक्षिण-पूर्वी अफ्रीका का एक देश है जो 1975 में पुर्तगाल से आज़ाद हुआ था. इसकी राजधानी मापुटो है. पूर्वी अफ्रीका में स्थित तंजानिया को 1961 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता मिली थी. तंजानिया की राजधानी डोडोमा है.
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास टाइगर ट्रायम्फ-24 आयोजित किया गया
भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) की नौसेनाओं ने 18 से 31 मार्च तक ‘टाइगर ट्रायम्फ-24’ (Tiger Triumph Exercise 24) सैन्य अभ्यास आयोजित किया था. यह अभ्यास भारत के पूर्वी समुद्री तट पर आयोजित किया गया था. इस अभ्यास का उद्देश्य द्विपक्षीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) था.
टाइगर ट्रायम्फ-24: मुख्य बिन्दु
- इस अभ्यास में भारतीय नौसेना, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के साथ-साथ अमेरिकी नौसेना, अमेरिकी मरीन कॉर्प्स और अमेरिकी सेना के युद्धपोत और सैनिक शामिल हुए थे.
- टाइगर ट्रायम्फ-24 अभ्यास का उद्देश्य मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) ऑपरेशनों के संचालन के लिए अमेरिकी और भारतीय सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता विकसित करना था.
- अभ्यास को दो चरणों में विभाजित किया गया था- हार्बर चरण (18-25 मार्च) और समुद्री चरण (19-31 मार्च). हार्बर चरण के दौरान, दोनों नौसेनाओं के कार्मिक प्रशिक्षण, विषय-वस्तु विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, खेल आयोजन आदि थे.
- समुद्री चरण में समुद्री, जलस्थलीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) ऑपरेशन आयोजित किया गया. समुद्री चरण के पूरा होने के बाद समापन समारोह आयोजित किया गया था.
टाइगर ट्रायम्फ: एक दृष्टि
- टाइगर ट्रायम्फ भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के सशस्त्र बलों के बीच एक द्विपक्षीय त्रि-सेवा उभयचर सैन्य अभ्यास है. यह दोनों देशों के बीच पहला त्रि-सेवा सैन्य अभ्यास है.
- भारत और अमेरिका ने 6 सितंबर 2018 को एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें 2019 में भारत में एक संयुक्त थल, वायु और समुद्री अभ्यास आयोजित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई थी.
- ‘टाइगर ट्रायम्फ’ नाम दोनों देशों के राष्ट्रीय पशुओं से लिया गया है. भारत के लिए बंगाल टाइगर और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए बाल्ड ईगल.
मियामी ओपन टेनिस टूर्नामेंट 2024, बोपन्ना और एबडेन की जोड़ी ने पुरुष युगल का खिताब जीता
मियामी ओपन (Miami Open) टेनिस टूर्नामेंट 2024 मायामी, अमेरिका में 17-31 मार्च तक खेला गया था. यह एक वार्षिक पेशेवर टेनिस टूर्नामेंट है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में मियामी गार्डन, फ्लोरिडा के हार्ड रॉक स्टेडियम में आउटडोर हार्ड कोर्ट पर खेला जाता है.
मियामी ओपन 2024: मुख्य विजेता
- मियामी ओपन टूर्नामेंट 2024 के पुरुष सिंगल्स का खिताब इटली के यानिक सिन्नर ने जीता. दूसरी वरीयता प्राप्त सिन्नर ने फाइनल में बुल्गारियाई खिलाड़ी ग्रिगोर दिमित्रोव को हराया.
- महिला सिगल्स का खिताब गैर वरीयता प्राप्त अमेरिकी खिलाड़ी डेनिएल कोलिन्स ने जीता. उन्होंने फाइनल में कजाकिस्तान की खिलाड़ी ऐलेना आंद्रेयेवना को हराया.
- पुरुष डबल्स खिताब भारत के रोहन बोपन्ना और उनके ऑस्ट्रेलियाई साथी मैथ्यू एबडेन की शीर्ष वरीयता प्राप्त जोड़ी ने जीता. उन्होंने दूसरी वरीयता प्राप्त क्रोएशियाई खिलाड़ी इवान डोडिग और अमेरिकी खिलाड़ी ऑस्टिन क्राजिसेक को हराया.
6ठा हॉकी इंडिया पुरस्कार 2023: सलीमा और हार्दिक को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया
हॉकी इंडिया ने 31 मार्च 2024 को छठे हॉकी इंडिया पुरस्कार (6th Hockey India Awards) 2023 की घोषणा की थी. पुरस्कार समारोह नई दिल्ली में आयोजित किया गया था. इस समारोह में पिछले कैलेंडर वर्ष (2023) के उत्कृष्ट भारतीय हॉकी खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया.
इस समारोह में सलीमा टेटे और हार्दिक सिंह को क्रमशः वर्ष की महिला और पुरुष खिलाड़ी चुना गया. इसके लिए उन्हें बलबीर सिंह सीनियर पुरस्कार दिया गया. साथ ही 25-25 लाख रुपये भी दिए गए.
6ठा हॉकी इंडिया पुरस्कार 2023: मुख्य बिन्दु
- वर्ष का सर्वश्रेष्ठ पुरुष खिलाड़ी: भारतीय पुरुष टीम के उप-कप्तान हार्दिक सिंह को वर्ष के सर्वश्रेष्ठ पुरुष खिलाड़ी चुने जाएं के लिए बलबीर सिंह सीनियर पुरस्कार दिया गया. वह टोक्यो 2023 ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली टीम और एशियाई खेल 2023 में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे.
- वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी: ओलंपियन सलीमा टेटे को वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी चुने जाएं के लिए बलबीर सिंह सीनियर पुरस्कार दिया गया. पिछले वर्ष हांग्जो एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय महिला टीम में उनकी भूमिका के लिए यह पुरस्कार दिया गया.
- लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड: म्यूनिख 1972 ओलंपिक कांस्य पदक विजेता अशोक कुमार को मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया. अशोक कुमार, मेजर ध्यानचंद के बेटे हैं.
- वर्ष का सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर: पीआर श्रीजेश को वर्ष के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर के लिए प्रतिष्ठित हॉकी इंडिया बलजीत सिंह पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
- डिफेंडर ऑफ द ईयर: हरमनप्रीत सिंह ने डिफेंडर ऑफ द ईयर के लिए हॉकी इंडिया परगट सिंह पुरस्कार जीता.
- मिडफील्डर ऑफ द ईयर: हार्दिक सिंह ने मिडफील्डर ऑफ द ईयर के लिए हॉकी इंडिया अजीत पाल सिंह पुरस्कार भी जीता.
- फॉरवर्ड ऑफ द ईयर: अभिषेक को फॉरवर्ड ऑफ द ईयर के लिए हॉकी इंडिया धनराज पिल्ले पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
हॉकी इंडिया: एक दृष्टि
हॉकी इंडिया भारत में हॉकी संचालन हेतु अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ और भारत सरकार से मान्यता प्राप्त संस्था है. इसकी स्थापना मई 2009 में भारतीय हॉकी महासंघ (IHF) और भारतीय महिला हॉकी महासंघ (IWHF) के विलय के बाद हुई थी. हॉकी इंडिया ने 2014 में वार्षिक हॉकी इंडिया पुरस्कार शुरू किया था.
1 अप्रैल 2024: भारतीय रिजर्व बैंक का 90वां स्थापना दिवस
प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का स्थापना दिवस (RBI Foundation Day) मनाया जाता है. इसकी स्थापना इसी दिन 1935 में हुई थी. 1 अप्रैल 2024 को RBI का 90वां स्थापना दिवस था.
RBI की स्थापना
RBI की स्थापना भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल 1935 को हुई थी. प्रारंभ में RBI निजी स्वमित्व वाला था. 1949 में राष्ट्रीयकरण के बाद से इस पर भारत सरकार का पूर्ण स्वमित्व है. इसका केंद्रीय कार्यालय प्रारंभ में कोलकाता में स्थपित किया गया था जिसे 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में स्थानांतरित किया गया. भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना से पहले, केंद्रीय बैंक के सभी कार्य इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा किया जाता था. पढ़ें पूरा आलेख…»
2 अप्रैल: विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस
प्रत्येक वर्ष 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस (World Autism Awareness Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य ऑटिज्म से ग्रस्त लोगों को इससे लड़ने तथा इसका निदान करने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि वे समाज में अन्य लोगो की तरह पूर्ण और सार्थक जीवन जी सकें.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2007 में 2 अप्रैल के दिन को विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस के रूप में घोषित किया था. पहला विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 2 अप्रैल 2008 को मनाया गया था. नीले रंग को ऑटिज्म का प्रतीक माना गया है.
इस वर्ष यानी 20244 में विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस का विषय (थीम) ‘ऑटिस्टिक आवाजों को सशक्त बनाना’ (Empowering Autistic Voices) है.
ऑटिज्म (Autism): एक दृष्टि
- ऑटिज्म एक आजीवन न्यूरोलॉजिकल विकार (disorder) है. इसके लक्षण जन्म से प्रथम तीन वर्षों में ही नज़र आने लगते. जिन बच्चों में यह रोग होता है उनका मानसिक विकास अन्य बच्चों से असामान्य होता है. यह जीवन-पर्यंत बना रहने वाला विकार है.
- ऑटिज्म से ग्रसित व्यक्ति दूसरों से अलग स्वयं में खोया रहता है. ऑटिज्म के रोगी को मिर्गी के दौरे भी पड़ सकते हैं. यह बीमारी पूरी दुनिया में फैला हुआ है.
1 अप्रैल 24: 88वां ओडिशा दिवस, संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल को ओडिशा दिवस (Odisha Day) मनाया जाता है. 1936 में इसी दिन ओडिशा को स्वतंत्र राज्य बनाया गया था. इस प्रकार 2024 में 88वां ओडिशा दिवस मनाया गया.
ओडिशा का गठन भाषाई आधार पर संयुक्त बंगाल प्रांत से अलग कर बनाया गया था. 1912 में बंगाल से बिहार और उड़ीसा को अलग किया गया था. 1 अप्रैल, 1936 में बिहार व उड़ीसा प्रांत का विभाजन अलग-अलग प्रांत में किया गया.
ओडिशा: एक दृष्टि
- स्वतंत्रता के बाद ओडिशा तथा इसके आसपास की रियासतों ने भारत सरकार को अपनी सत्ता सौंप दी थी. 1949 में ओडिशा की सभी रियासतों का ओडिशा राज्य में सम्पूर्ण विलय हो गया था.
- कलिंग, उत्कल और उद्र ओडिशा के प्राचीन नाम हैं. यह प्रदेश मुख्यत: भगवान जगन्नाथ की भूमि के लिए प्रसिद्ध है.
- भारतीय राज्य ओडिशा देश के पूर्वी तट पर है. ओडिशा उत्तर में झारखण्ड, उत्तर पूर्व में पश्चिम बंगाल दक्षिण में आंध्रप्रदेश और पश्चिम में छत्तीसगढ़ है तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी है.
- ओडिशा के उत्तर में छोटा नागपुर का पठार है. महानदी, ब्राह्मणी, कालिंदी और वैतरणी ओडिशा के दक्षिण में बहने वाली मुख्य नदियां हैं.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
भारतीय रिजर्व बैंक के 90 वर्ष पूरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 अप्रैल को मुंबई में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 90 वर्ष पूरा होने के अवसर पर आयोजित समारोह में शामिल हुए. RBI ने 1 अप्रैल 1935 से काम करना शुरू किया था.
पिछले वित्त वर्ष में रक्षा निर्यात पहली बार 21 हजार करोड रुपये
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पिछले वित्त वर्ष में देश का रक्षा निर्यात पहली बार 21 हजार करोड रुपये को पार कर गया है. रक्षा निर्यात में पिछले वर्ष की तुलना में 32 प्रतिशत से अधिक की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई. रक्षा मंत्रालय ने भारत के रक्षा साजो-समान के निर्माण और निर्यात को बढाने के लिए कई कदम उठाये हैं.
जैसलमेर में भारतीय वायुसेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास गगन शक्ति
राजस्थान में जैसलमेर जिले की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में 1-10 अप्रैल तक भारतीय वायुसेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास गगन शक्ति चल रहा है. इस युद्धाभ्यास को वायुसेना का सबसे बड़ा अभ्यास माना जा रहा है.