WTO का 13वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन अबू धाबी में आयोजित किया गया
विश्व व्यापार संगठन (WTO) का 13वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 26 फरवरी से 1 मार्च तक अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में आयोजित किया गया था. सम्मेलन की अध्यक्षता UAE के विदेश व्यापार राज्य मंत्री डॉ. थानी बिन अहमद अल ज़ायद ने की थी.
मुख्य बिन्दु
- भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने किया था.
- विकासशील देशों का गठबंधन जी-33, जिसमें भारत एक प्रमुख सदस्य है, ने विकासशील देशों के सामने आने वाली खाद्य सुरक्षा चुनौतियों के बारे में चिंता व्यक्त की.
- जी-33 ने खाद्य और कृषि संगठन के वर्ष 2030 तक लगभग 600 मिलियन लोगों के दीर्घकालिक भूख का सामना करने के अनुमान का हवाला देते हुए कार्यवाही की तात्कालिकता पर जोर दिया.
- जी-33 समूह ने विकासशील देशों के लिए आयात वृद्धि और कीमतों में गिरावट से खुद को बचाने के लिए विशेष सुरक्षा तंत्र के महत्व पर भी जोर दिया.
- WTO के इस सम्मेलन में कोमोरास और तिमोर-लेस्ते को संगठन का सदस्य बनाया गया. कोमोरोस और तिमोर-लेस्ते, 2016 के बाद से WTO में शामिल होने वाले पहले देश हैं.
- सम्मेलन में WTO के भविष्य को लेकर चर्चा हुई सतत विकास और औद्योगिकीकरण के लिए नीतिगत मामलों पर बल दिया गया.
- भारत ने बहुमुखी व्यापार व्यवस्था को गुटों में नहीं बांटने की सलाह दी ताकि WTO व्यापारिक विषयों पर ध्यान केंद्रित कर सके.
- भारत ने WTO के समझौतों में लचीलेपन पर बल दिया है, जिससे विकासशील देशों की आवश्यकताओं तथा समस्याओं पर भी ध्यान केंद्रित किया जा सके. भारत ने WTO में चीन के नेतृत्व वाले निवेश सुविधा प्रस्ताव का विरोध किया.
- ब्राजील ने WTO से विकासशील देशों को आवश्यक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया.
- भारत और अन्य विकासशील देशों की मांग को दोहराते हुए ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा ने सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने और असमानता, गरीबी और भुखमरी जैसी गंभीर वैश्विक चुनौतियों के समाधान के महत्व को रेखांकित किया.
- वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने नियम-आधारित वैश्विक व्यापार व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के तौर पर अपीलीय निकाय की बहाली पर ज़ोर दिया जो दिसंबर 2019 से निष्क्रिय है.
- न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री टॉड मैक्कले ने सार्वजनिक भंडारण पर भारत के रुख का पुरजोर समर्थन किया. श्री मैक्कले इस 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के उपाध्यक्ष भी हैं. उन्होंने कहा कि भारत और अन्य विकासशील देशों की सार्वजनिक भंडारण संबंधी चिंताएं दूर करना महत्वपूर्ण है.