डेली कर्रेंट अफेयर्स
सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार नए चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए
सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार को नया चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली उच्च-स्तरीय समिति ने चुनाव आयुक्तों के खाली पड़े दो पदों के लिए 14 मार्च को इनका चयन किया था.
मुख्य बिन्दु
- तीन सदस्यीय चुनाव आयोग में केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही बच गए थे. चुनाव आयुक्त के दो पद पूर्व चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे के रिटायर होने और अरुण गोयल के इस्तीफ़े के बाद खाली हुए थे.
- ज्ञानेश कुमार साल 1988 बैच के केरल कैडर के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं. वे गृह मंत्रालय में अहम ज़िम्मेदारियां निभा चुके हैं.
- उत्तराखंड कैडर के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सुखबीर सिंह संधू मूल रूप से पंजाब से आते हैं. वह उत्तराखंड के मुख्य सचिव पद पर रह चुके हैं.
- चुनाव आयुक्त चयन समिति में पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, अर्जुनराम मेघवाल और अधीर रंजन चौधरी शामिल थे.
चुनाव आयुक्त चयन प्रक्रिया
- संसद ने दिसंबर 2023 में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की शर्तें) अधिनियम-2023 पारित किया था.
- इस अधिनियम के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त चयन प्रक्रिया में दो समितियां शामिल होगीं.
- पहला कानून मंत्री के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय खोज समिति, जिसमें दो सचिव स्तरीय अधिकारी भी शामिल रहेंगे. इसके बाद इनके सुझाए नामों में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय चयन समिति फैसला करेगी. इस समिति में प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता के अलावा एक केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे.
- खोज समिति चयन समिति को पांच नामों की सिफारिश करेगी, हालांकि चयन समिति को इस सूची के बाहर से भी आयुक्तों का चयन करने का अधिकार है. इसके बाद चयन समिति द्वारा सुझाए व्यक्ति को राष्ट्रपति बतौर चुनाव आयुक्त नियुक्त करेंगी.
एक देश- एक चुनाव पर गठित कोविंद समिति ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपी
एक देश- एक चुनाव (One Nation, One Election) के लिए गठित कोविंद समिति ने 14 मार्च को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी. इस रिपोर्ट में 2029 में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की गई है.
रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु
- 18626 पेज की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2029 से देश में पहले चरण लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं. इसके बाद 100 दिनों के भीतर दूसरे चरण में स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं.
- केवल 15 राजनीतिक दलों को छोड़कर शेष 32 दलों ने न केवल साथ-साथ चुनाव प्रणाली का समर्थन किया बल्कि सीमित संसाधनों की बचत, सामाजिक तालमेल बनाए रखने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए ये विकल्प अपनाने की ज़ोरदार वकालत की.
- ‘एक देश एक चुनाव’ का जिस जिस ने विरोध किया, उसमें 15 राजनीतिक दलों के अलावा हाईकोर्ट के तीन रिटायर्ड जज और एक पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त भी शामिल थे.
- इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के चार रिटायर न्यायमूर्ति जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस शरद अरविंद बोबडे एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में थे.
- ‘एक देश एक चुनाव’ का विरोध करने वालों की दलील है कि ‘इसे अपनाना संविधान की मूल संरचना का उल्लंघन होगा. ये अलोकतांत्रिक, संघीय ढांचे के विपरीत, क्षेत्रीय दलों को अलग-अलग करने वाला और राष्ट्रीय दलों का वर्चस्व बढ़ाने वाला होगा’.
- रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विधि आयोग के प्रस्ताव पर सभी दल सहमत हुए तो यह 2029 से ही लागू होगा. साथ ही इसके लिए दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने होंगे. मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभाओं का कार्यकाल 6 महीने बढ़ाकर जून 2029 तक किया जाए. उसके बाद सभी राज्यों में एक साथ विधानसभा-लोकसभा चुनाव हो सकेंगे.
- त्रिशंकु सदन या अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति में नए सदन के गठन के लिए फिर से चुनाव कराए जा सकते हैं. इस स्थिति में नए लोकसभा (या विधानसभा) का कार्यकाल, पहले की लोकसभा (या विधानसभा) की बाकी बची अवधि के लिए ही होगा.
कोविंद की अगुवाई में सितंबर 2023 में बनी थी समिति
एक देश- एक चुनाव (One Nation, One Election) की संभावनाओं के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में सितंबर 2023 में एक समिति का गठन किया गया था.
इस समिति में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस के पूर्व नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और चीफ़ विजिलेंस कमिश्नर संजय कोठारी शामिल थे. इसके अलावा विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर क़ानून राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल और डॉ. नितेन चंद्रा समिति में शामिल थे.
96वें ऑस्कर अकादमी पुरस्कार की घोषणा, ‘ओपेनहाइमर’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार
96वें ऑस्कर पुरस्कार (96th Academy Awards) 2024 के विजेताओं की घोषणा 10 मार्च को की गयी थी. पुरस्कार समारोह परंपरागत रूप से अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित लॉस एंजेलिस के डॉल्बी थिएटर में आयोजित किया गया था. इस पुरस्कार समारोह में 2023 में रिलीज हुई फिल्मों को सम्मानित किया गया.
ओपेनहाइमर को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार
- 96वें आस्कर पुरस्कार समारोह में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार अमेरिकी फिल्म ओपेनहाइमर (Oppenheimer) को दिया गया.
- यह फिल्म भौतिक वैज्ञानिक और परमाणु बम के आविष्कारक जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर की जीवनी पर आधारित है. यह फिल्म क्रिस्टोफर नोलन द्वारा लिखित, निर्मित और निर्देशित है.
- ओपेनहाइमर ने सर्वाधिक सात पुरस्कार जीते. इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म के अलावा, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (किलियन मर्फी), सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता (रॉबर्ट डाउनी जूनियर), सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी, सर्वश्रेष्ठ फिल्म संपादन और सर्वश्रेष्ठ मूल स्कोर का पुरस्कार भी जीता.
96वें ऑस्कर अकादमी के मुख्य पुरस्कार: एक दृष्टि
- सर्वश्रेष्ठ फिल्म: ओपेनहाइमर
- सर्वश्रेष्ठ डायरेक्टर: क्रिस्टोफर नोलन (फिल्म ओपेनहाइमर के लिए)
- सर्वश्रेष्ठ एक्टर: सिलियन मर्फी (फिल्म ओपेनहाइमर के लिए)
- सर्वश्रेष्ठ एक्ट्रेस: एम्मा स्टोन (फिल्म पुअर थिंग्स के लिए)
- सर्वश्रेष्ठ एनिमेटेड फीचर फिल्म: द बॉय एंड द हीरोन
- सर्वश्रेष्ठ इंटरनेशनल फीचर फिल्म: इंट्रस्ट ऑफ जोन (देश- यूनाइटेड किंगडम)
- सर्वश्रेष्ठ सपोर्टिंग एक्ट्रेस: Da’Vine Joy Randolph (फिल्म द होल्डओवर्स के लिए)
- सर्वश्रेष्ठ सपोर्टिंग एक्टर: रॉबर्ट डाउनी जूनियर (फिल्म ओपेनहाइमर के लिए)
- सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री फीचर: 20 डेज इन मारियुपोल
ऑस्कर अकादमी पुरस्कार: एक दृष्टि
- ऑस्कर अकादमी पुरस्कार को ही ऑस्कर पुरस्कार के नाम से जाना जाता है. यह ये एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का सबसे बड़ा और सम्मानित पुरस्कार है.
- यह पुरस्कार अमेरिकन अकादमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेस (AMPAS) द्वारा फिल्म उद्योग में निर्देशकों, कलाकारों और लेखकों सहित पेशेवरों की उत्कृष्टता को पहचान देने के लिए प्रदान किया जाता है.
- ऑस्कर पुरस्कार के समकक्ष के ग्रेमी पुरस्कार (संगीत के लिए), एमी पुरस्कार (टेलीविजन के लिए) और टोनी पुरस्कार (थिएटर के लिए) हैं.
- ऑस्कर पुरस्कार विजेताओं को ‘गोल्डन स्टैचू’ की एक प्रति प्रदान की जाती है. इस गोल्डन स्टैचू को आधिकारिक तौर पर ‘एकेडमी ऑफ मेरिट’ कहा जाता है.
- पहला ऑस्कर पुरस्कार समारोह 16 मई,1929 को, हॉलीवुड में होटल रुज़वेल्ट में आयोजित किया गया था.
अब तक के भारतीय ऑस्कर विजेता
- भानु अथैया: वर्ष 1982 में सर्वश्रेष्ठ वेशभूषा के लिए ऑस्कर (आई रिचर्ड एटनबरो की फिल्म ‘गांधी’).
- सत्यजीत रॉय: वर्ष 1992 में ‘लाइफ-टाइम अचीवमेंट’ कैटेगरी में ऑस्कर.
- एआर रहमान: वर्ष 2009 में सर्वश्रेष्ठ संगीत और गुलजार के साथ संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ गीत (फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के गीत ‘जय हो’ के लिए).
- गुलजार: वर्ष 2009 में एआर रहमान और गुलजार को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर (फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के लिए).
- रेसुल पोक्कुट्टी: वर्ष 2009 में सर्वश्रेष्ठ साउंड मिक्सिंग का ऑस्कर (फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के लिए).
- फिल्म ‘पीरियड एंड ऑफ सेंटेंस’: वर्ष 2019 में सर्वश्रेष्ठ डॉक्यमेंट्री फिल्म का ऑस्कर (फिल्म का निर्माण भारतीय फिल्मकार गुनीत मोंगा की ‘सिखिया एंटरटेनमेंट’ कंपनी द्वारा किया गया था. यह फिल्म भारत के हापुड़ में बनी है.)
- आरआरआर (ऑस्कर जीतने वाली पहली भारतीय फ़िल्म): एसएस राजामौली की फ़िल्म ‘आरआरआर’ ने 2023 में सर्वश्रेष्ठ मूल गीत का अकादमी पुरस्कार जीता था. ‘नातू नातू’ साउंडट्रैक को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. ‘आरआरआर’ को ऑस्कर जीतने वाली पहली भारतीय फ़िल्म होने का गौरव हासिल है.
नायब सैनी ने हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली
हरियाणा में 13 मार्च को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नायब सिंह सैनी ने नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. सैनी के साथ पांच अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली. हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे.
मुख्य बिन्दु
- आगामी लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा की राजनीतिक घटनाक्रम में मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. मुख्यमंत्री के रूप में खट्टर का दूसरा कार्यकाल अक्टूबर 2024 में खत्म होना था.
- इससे पहले, भाजपा विधायक दल की बैठक में सैनी को नेता चुना गया था. नेता चुने जाने के बाद सैनी ने खट्टर और अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था.
- सैनी साल 2014 में वह नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे. वह हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री भी रहे हैं. साल 2019 में वह कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए थे.
- हरियाणा विधानसभा के पिछले चुनाव के बाद भाजपा ने जजपा के साथ मिलकर और कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी.
15 मार्च: विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस (World Consumer Rights Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य उभोक्ताओं या ग्राहकों को उनके हितों के लिए बनाए गए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और उसके अंतर्गत आने वाले कानूनों की जानकारी देना है.
विश्व उपभोक्ता दिवस 2024 का मुख्य विषय (थीम) ‘उपभोक्ताओं के लिए निष्पक्ष और जिम्मेदार एआई’ (Fair and Responsible AI for Consumers) है.
उपभोक्ता अधिकार दिवस का इतिहास
पहली बार अमेरिका में रल्प नाडेर ने उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत की थी, जिसके फलस्वरूप 15 मार्च 1962 को अमेरिकी कांग्रेस में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने उपभोक्ता संरक्षण पर पेश किए गए विधेयक पर अनुमोदन किया था. 15 मार्च, 1983 को पहली बार यह दिवस मनाया गया था.
भारत में उपभोक्ता आंदोलन
भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत 1966 में मुंबई से हुई थी. 1974 में पुणे में ग्राहक पंचायत की स्थापना के बाद अनेक राज्यों में उपभोक्ता कल्याण हेतु संस्थाओं का गठन किया गया और यह आंदोलन बढ़ता गया.
राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस
हर साल 24 दिसंबर को भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस भी मनाया जाता है. भारत में इसी दिन (24 दिसंबर को) वर्ष 1986 में ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम’ लागू हुआ था. भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पहली बार 24 दिसंबर 2000 को मनाया गया था.
मौजूदा केन्द्र सरकार ने उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा एवं विवादों के समय पर निपटान के लिए ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 1986’ की जगह ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019’ लागू किया है. नए अधिनियम के तहत केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के गठन का भी प्रावधान है. प्राधिकरण के पास उपभोक्ता अधिकार, अनुचित कारोबार और भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मामलों की जांच का अधिकार है.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
जल शक्ति अभियान: कैच द रेन अभियान 2024
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 11 मार्च को नई दिल्ली में ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’ अभियान का पांचवां संस्करण शुरू किया. ‘नारी शक्ति से जल शक्ति’ थीम वाला यह अभियान जल संरक्षण और प्रबंधन में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालता है.
द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा खंड का उद्घाटन
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 मार्च को द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा खंड का उद्घाटन किया. 19 किलोमीटर का खंड, देश की पहली 8-लेन एक्सप्रेसवे परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्ग (NH)-48 पर दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यातायात प्रवाह में सुधार और भीड़भाड़ को कम करना है.
सऊदी अरब में दुनिया की पहली 3D-प्रिंटेड मस्जिद बनाई गई
सऊदी अरब के में 3D प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करके निर्मित दुनिया की पहली मस्जिद बनाई गई है. जेद्दा के अल-जवाहरा उपनगर में स्थित इस मस्जिद का नाम दिवंगत अब्दुलअज़ीज़ अब्दुल्ला शरबतली के नाम पर रखा गया है.
लेखक अमिताव घोष इरास्मस पुरस्कार 2024 से सम्मानित
भारतीय लेखक अमिताव घोष को जलवायु संकट और प्रकृति के साथ मानवीय संबंधों पर अपने लेखन के माध्यम से ‘अकल्पनीय की कल्पना’ विषय पर उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए नीदरलैंड स्थित प्रैमियम इरास्मियनम फाउंडेशन द्वारा प्रतिष्ठित इरास्मस पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है.
राष्ट्रपति ने मॉरीशस के राष्ट्रीय समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु 11-13 मार्च तक मॉरीशस की राजकीय यात्रा पर थे. वे 12 मार्च को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे. समारोह में भारतीय नौसेना का एक दल ने भी हिस्सा लिया था जिसमें भारतीय नौसेना के पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन पोत – आईएनएस तीर और सीजीएस सारथी शामिल थे.