देश के पहले मानव अंतरिक्ष उडान मिशन ‘गगनयान’ के लिए चार यात्रियों के नाम घोषित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पहले मानव अंतरिक्ष उडान मिशन ‘गगनयान’ (Gaganyaan Mission) के लिए चार यात्रियों के नाम की घोषणा 28 फ़रवरी को की थी. ये अंतरिक्ष यात्री ‘गगनयान मिशन’ के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं.

मुख्य बिन्दु

  • गगनयान मिशन के लिए ये अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला चुने गए हैं. चारों देश के हर तरह के फाइटर जेट्स उड़ा चुके हैं.
  • सभी अंतरिक्ष यात्री जो पहले क्रू मिशन का हिस्सा होंगे, वे भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के टेस्ट पायलट हैं. इनके चयन के लिए इसरो और आईएएफ के इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (आईएएम) जिम्मेदार थे.
  • अंतरिक्ष उड़ान के लिए आवश्यक परिस्थितियों के अनुकूल ढलने के लिए उन्हें शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से प्रशिक्षित किया जाता है. विभिन्न प्रकार के विमान उड़ाने के कारण, वे जल्दी ही नई प्रणालियों से परिचित हो जाते हैं. वे विभिन्न प्रकार के दबावों और गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध काम करने के भी आदी होते हैं.
  • भारतीय वायुसेना के इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (आइएएम) ने 2019 में 12 टेस्ट पायलटों का चयन किया था. इसरो ने कई चरणों के बाद इनमें से चार लोगों का अंतिम चयन किया.
  • इन चारों को शुरुआती प्रशिक्षण के लिए रूस भेजा गया था. प्रशिक्षण 2021 में पूरा हुआ. अब इन्हें बेंगलुरु में कई एजेंसियां और सशस्त्र बल प्रशिक्षण दे रहे हैं. चारों नियमित रूप से वायुसेना के विमान भी उड़ाते हैं.

क्या है गगनयान मिशन

  • गगनयान मिशन में चालक दल के चार सदस्यों को तीन दिन के लिए पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष की कक्षा में भेजा जाएगा और सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा.
  • यह मिशन 2025 में लॉन्च होगा. मिशन के लिए ‘क्रू मॉड्यूल’ रॉकेट का इस्तेमाल होगा.
  • इसरो ने अक्टूबर 2023 में श्रीहरिकोटा से गगनयान स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया था. परीक्षण यह जानने के लिए था कि क्या रॉकेट में खराबी की हालत में अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित बच सकते हैं.
  • गगनयान मिशन में कामयाबी मिलने पर अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा.