प्रधानमंत्री की ग्रीस यात्रा: ग्रीस के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 25 अगस्त को ग्रीस की आधिकारिक यात्रा पर थे. वे दक्षिण अफ्रीका के जोहान्‍सबर्ग में आयोजित 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के बाद ग्रीस के एथेंस पहुंचे थे.

ग्रीस यात्रा के मुख्य बिन्दु

  • श्री मोदी ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस के निमंत्रण पर वहाँ गए थे. 40 साल के बाद ग्रीस की यात्रा करने वाले वे पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. आखिरी बार प्रधानमंत्री के तौर पर 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ग्रीस गई थीं.
  • प्रधानमंत्री को ग्रीस का सर्वोच्च सम्मान: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ग्रीस का सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया. यह सम्मान ग्रीस की राष्ट्रपति कैटरीना एन सकेलारोपोउलू ने दिया.
  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि भारत और ग्रीस 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना करने पर सहमत हुए.
  • श्री मोदी ने कहा कि रक्षा और सुरक्षा, बुनियादी ढांचा, कृषि, शिक्षा तथा कौशल विकास सहित विभिन्‍न क्षेत्रों में सहयोग बढाने का फैसला किया गया.
  • दोनों पक्षों में आतंकवाद और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग के बारे में चर्चा हुई. दोनों देशों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के स्तर पर बातचीत का एक संस्‍थागत प्‍लेटफॉर्म बनाए जाने पर सहमति हुई.
  • प्रधानमंत्री ने यात्रा के दौरान ग्रीस के प्रधानमंत्री की पत्‍नी को मेघालय की शॉल उपहार स्‍वरूप दी है. मेघालय की शॉल का समृद्ध इतिहास है. ये मूल रूप से खासी और जयंतिया राजशाही परिवारों के लिए बुनी जाती थी.

भारत-ग्रीस संबंध

  • इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास जताया कि ग्रीस भारत के साथ अपने संबंधों का एक नया अध्याय खोलेगा.
  • ग्रीस ने कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भारत का साथ दिया है. इनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन भी शामिल है.
  • भारत और ग्रीस के रिश्ते प्राचीनकाल से रहे हैं. लेकिन भारत के आजाद होने के बाद 1950 में ग्रीस से उसके राजनयिक रिश्ते कायम हुए.
  • ग्रीस ने भारत में 1950 में दिल्ली में अपना दूतावास खोला था वहीं भारत ने 1980 में अपना दूतावास खोला. ग्रीस ने 1985 में परमाणु निरस्त्रीकरण पर छह देशों की दिल्ली घोषणा में भागीदारी की थी.