केंद्र सरकार ने पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को सहयोग देने के लिए ‘पीएम-विश्वकर्मा’ योजना को मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 16 अगस्त को मंत्रिमंडल की आर्थिक कार्य समिति ने पांच वर्ष की अवधि के लिए इस योजना को स्वीकृति दी. इस योजना पर 13 हजार करोड रुपये की लागत आएगी.
मुख्य बिन्दु
इस योजना का उद्देश्य हाथों और औजारों के जरिए काम करने वाले शिल्पकारों और कारीगरों की पीढ़ियों से चले आ रहे पारंपरिक कौशल को मजबूती तथा बढ़ावा देना है.
इस योजना के अंतर्गत शुरूआत में 18 पारंपरिक उद्योग-धंधों को शामिल किया जाएगा. इनमें बढई, नाव बनाने वाले, सुनार, राज मिस्री, खिलौने बनाने वाले, लौहार और कुम्हार शामिल हैं.
इस योजना के अंतर्गत कौशल (स्कील) प्रशिक्षण दिया जाएगा. दो तरह के स्कील प्रोगाम होंगे- बेसिक और एडवांस्ड स्कील्स. स्कील लेने के दौरान 500 रुपये प्रतिदिन स्टाईफंड भी दिया जाएगा. फिर माडर्न टूल्स खरीदने के लिए 15 हजार रुपये तक का सपोर्ट मिलेगा.
इस योजना के अंतर्गत अधिकतम 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर 1 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा. इससे 30 लाख से अधिक परिवार लाभान्वित होंगे.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-08-18 17:20:462023-08-22 18:08:10पारंपरिक शिल्पकारों को सहयोग देने के लिए ‘पीएम-विश्वकर्मा’ योजना को मंजूरी