डेली कर्रेंट अफेयर्स
56वें और 57वें ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा: नीलमणि फूकन और दामोदर मौउजो को दिया जाएगा
ज्ञानपीठ पुरस्कार चयन समिति ने 7 दिसम्बर को 56वें और 57वें ज्ञानपीठ पुरस्कार (Gyanpeeth Award) की घोषणा की. वर्ष 2020 के लिए असमिया साहित्यकार नीलमणि फूकन (Nilmoni Phukan) को तथा वर्ष 2021 के लिए कोंकणी साहित्यकार दामोदर मौउजो (Damodar Maujo) को दिए जाने की घोषणा की गयी है.
नीलमणि फूंकन मूलत: असमिया भाषा के भारतीय कवि और कथाकार हैं. उन्होंने कविता की तेरह पुस्तकें लिखी हैं. सूर्य हेनो नामि अहे एई नादियेदी, मानस-प्रतिमा और फुली ठका, सूर्यमुखी फुल्तोर फाले आदि उनकी कुछ महत्वपूर्ण कृतियाँ हैं. उन्हें 56वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
दामोदर मौउजो गोवा के उपन्यासकार, कथाकार, आलोचक और निबन्धकार हैं. इनके द्वारा रचित एक उपन्यास कार्मेलिन के लिये उन्हें सन् 1983 में साहित्य अकादमी पुरस्कार (कोंकणी) से सम्मानित किया जा चुका है. मौउज़ो ने छह कहानी संग्रह, चार उपन्यास, दो आत्मकथात्मक कृतियां और बाल साहित्य को कलमबद्ध किया है. मौउज़ो को 57वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है और वह दिवंगत रवींद्र केलकर के बाद यह शीर्ष साहित्यिक पुरस्कार जीतने वाले दूसरे कोंकणी लेखक बन गए हैं.
ज्ञानपीठ पुरस्कार: एक दृष्टि
- ज्ञानपीठ पुरस्कार साहित्य के क्षेत्र में भारत का सर्वोच्च सम्मान है.
- यह पुरस्कार भारतीय संविधान के आठवीं अनुसूची में बताई गई भाषाओं में से किसी भाषा के लेखन के लिए दिया जाता है.
- पुरस्कार में 11 लाख रुपये की राशि, वाग्देवी की प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है.
- पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार 1965 में मलयालम लेखक जी शंकर कुरूप को प्रदान किया गया था.
- अब तक हिन्दी तथा कन्नड़ भाषा के लेखक सबसे अधिक 7 बार यह पुरस्कार पा चुके हैं. यह पुरस्कार बांग्ला को 5 बार, मलयालम को 4 बार, उड़िया, उर्दू और गुजराती को 3-3 बार, असमिया, मराठी, तेलुगू, पंजाबी और तमिल को 2-2 बार मिल चुका है.
- वर्ष 2017 का ज्ञानपीठ पुरस्कार हिन्दी के प्रख्यात उपन्यासकार कृष्णा सोबती को दिया गया था.
- वर्ष 2018 के ज्ञानपीठ पुरस्कार से अंग्रेजी के मशहूर साहित्यकार अमिताव घोष सम्मानित किये गये थे. ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाले वह देश के अंग्रेजी के पहले लेखक हैं.
- वर्ष 2019 के ज्ञानपीठ पुरस्कार से मलयालम कवि अक्कीथम को सम्मानित किया गया था.
ओलाक शुल्ज ने जर्मनी के अगले चांसलर के रूप में शपथ ली
जर्मनी में ओलाक शुल्ज (Olaf Schulz) ने 8 दिसम्बर को आधिकारिक रूप से देश के अगले चांसलर के रूप में शपथ ली. जर्मन संसद ने 8 दिसम्बर को ओलाफ शॉल्त्स को औपचारिक रूप से देश का नया चांसलर चुना था. सांसदों के कुल 707 वैध मतों में से 395 मत शुल्ज के पक्ष में पड़े. वह जर्मनी के नौवें चांसलर हैं. इसके साथ ही एंगेला मर्केल के 16 वर्ष का शासन सम्पन्न हो गया.
श्री सुल्ज की पार्टी सोशल डेमोक्रेट्स ने सितम्बर में सुश्री मर्केल के कंजरवेटिव (CDU-CSU) ब्लॉक पर जीत दर्ज की थी. श्री शुल्ज ने घोषणा की थी कि वे सबसे बडे औद्योगिक आधुनिकीकरण को बढावा देंगे जो जलवायु परिवर्तन रोकने में मददगार होगा.
प्रधानमंत्री ने गोरखपुर में तीन प्रमुख विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 दिसम्बर को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 10 हजार करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इन परियोजनाओं में उर्वरक संयंत्र, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के क्षेत्रीय केंद्र का नया भवन शामिल हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जिन दो बड़ी परियोजनाओं उर्वरक संयंत्र और एम्स का उद्घाटन किया, उनकी आधारशिला उन्होंने 2016 में रखी थी. ICMR के क्षेत्रीय केंद्र की आधारशिला वर्ष 2018 में तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रखी थी.
भारत के पहले CDS बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर दुर्घटना में निधन
भारत के पहले चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ (CDS) बिपिन रावत का 8 दिसम्बर, 2021 को निधन हो गया. उनका निधन तमिलनाडु के कुनूर में भारतीय वायुसेना का Mi-17 हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से हुआ. रिपोर्ट्स के मुताबिक यह दुर्घटना खराब मौसम के कारण हुई.
CDS बिपिन रावत तमिलनाडु में एक सैन्य संस्थान में भाषण देने के लिए जा रहे थे. इस हेलिकॉप्टर में CDS बिपिन रावत व उनकी पत्नी सहित कुल 14 लोग सवार थे. इस दुर्घटना में CDS बिपिन रावत, उनकी पत्नी तथा 11 अन्य सैन्य अधिकारियों की दुखद मृत्यु हुई. इस दुर्घटना में ग्रुप कैप्टेन वरुण सिंह ही जीवित बचे हैं.
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के तीनों बलों – भारतीय थल सेना, नौसेना तथा वायुसेना के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ (CDS) पद के सृजन की घोषणा की थी. जनरल बिपिन रावत देश के पहले CDS नियुक्त किये गये थे.
21वां भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक, भारत-रूस ‘टू-प्लस-टू’ संवाद
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 6 दिसम्बर को आधिकारिक यात्रा की थी. इस यात्रा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक में भाग लिया था. बैठक दिल्ली के हैदराबाद हाउस में आयोजित किया गया था. बैठक में दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और रणनीतिक भागीदारी और मजबूत करने के उपायों पर विचार-विमर्श किया. उनकी यात्रा के दौरान, भारत और रूस ने 28 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. उनमें से कुछ अर्ध-गोपनीय थे.
- पिछली भारत-रूस शिखर बैठक सितम्बर 2019 में रूस में हुई थी. 2020 में कोविड महामारी के कारण बैठक नहीं हो सकी थी. नवम्बर 2019 में ब्राजिलिया में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अवसर पर मुलाकात के बाद यह दोनों नेताओं की पहली बैठक थी.
- इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते कुछ दशकों में दुनिया ने बहुत से भूराजनीतिक परिवर्तन देखे हैं, लेकिन भारत और रूस की दोस्ती जस की तस रही है. इस दौरान व्लादिमीर पुतिन ने भी भारत को भरोसेमंद दोस्त करार दिया. पुतिन ने कहा कि हम भारत को एक महान ताकत, मित्र देश और भरोसेमंद साथी के तौर पर देखते हैं.
- रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि फिलहाल दोनों देशों के बीच करीब 38 अरब डॉलर का कारोबार है. इसके अलावा हम सैन्य और तकनीक के क्षेत्र में भी बड़ी साझेदारी रखते हैं. इस मीटिंग में पुतिन ने आतंकवाद के खिलाफ जंग में भी भारत का साथ देने की बात कही.
भारत-रूस ‘टू-प्लस-टू’ संवाद, AK-203 राइफलों का निर्माण समझौता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन की मुलाकात से पहले भारत और रूस के बीच पहला ‘टू-प्लस-टू’ संवाद आयोजित किया गया था. इस संवाद में भारत का प्रतिनिधित्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर ने किया था. इसमें रूस की ओर से विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई सोइग्यू ने भाग लिया.
इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूसी रक्षा मंत्री से मुलाकात के दौरान 5,000 करोड़ रुपये के राइफल निर्माण परियोजना समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस परियोजना के तहत रूस के सहयोग से 5 लाख से ज्यादा AK-203 राइफलों का निर्माण के अमेठी में किया जाना है. इस दौरान दोनों देशों के बीच अगले 10 साल तक के लिए रक्षा करार भी हुआ.
6 दिसंबर: महापरिनिर्वाण दिवस, भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर की 65वीं पुण्यतिथि
6 दिसम्बर 2021 को भारतीय संविधान के निर्माता और भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर की 65वीं पुण्यतिथि थी. इसी दिन वर्ष 1956 में डॉ अम्बेडकर का निधन हुआ था. उनकी पुण्यतिथि को प्रतिवर्ष ‘महापरिनिर्वाण दिवस’ के रुप में मनाया जाता है और बाबा साहब को श्रद्धांजलि दी जाती है. 1990 में बाबा साहेब आम्बेडकर को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था.
7 दिसंबर: अन्तर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस
प्रत्येक वर्ष 7 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य राज्यों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए अन्तर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन के महत्व के बारे में दुनिया भर में जागरूकता पैदा करना है. इस वर्ष यानी 2021 में नागरिक विमानन दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘वैश्विक उड्डयन विकास के लिए नवाचार को आगे बढ़ाना’ (Advancing Innovation for Global Aviation Development) है. वर्ष 2019 से यह दिवस इसी थीम पर मनाया जा रहा है. यह थीम 2023 तक रहेगा.
7 दिसम्बर: सशस्त्र सेना झंडा दिवस
प्रत्येक वर्ष 7 दिसम्बर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है. झंडा दिवस का उद्देश्य देश वासियों द्वारा सेना के प्रति सम्मान प्रकट करना है. 1949 से ही हर साल सात दिसम्बर को देश की रक्षा के लिए शहीद होने वाले जवानों को सम्मान देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है. इस दिन सशस्त्र बल कर्मियों के कल्याण के लिए लोगों से धन जुटाया जाता है. इस दिन झंडे की खरीद से इकट्ठा हुए धन को शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण में खर्च किया जाता है.
8 दिसम्बर: दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन का घोषणा-पत्र दिवस
8 दिसम्बर 2021 को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) का 37वां घोषणा-पत्र दिवस मनाया गया. इसी दिन सार्क समूह के घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किये गए थे. पिछला सार्क शिखर सम्मेलन वर्ष 2014 में काठमांडू में हुआ था. 2016 का शिखर सम्मेलन पाकिस्तान के इस्लामाबाद में होना था लेकिन उरी आतंकी हमले के बाद भारत ने इसमें शामिल होने से इंकार कर दिया था. बंगलादेश, भूटान और अफगानिस्तान के भी इंकार के बाद सम्मेलन रद्द कर दिया गया था.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैंपियनशिप में संकेत महादेव ने स्वर्ण पदक जीता
राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैंपियनशिप 2021 में भारत के संकेत महादेव सरगर ने स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने यह पदक पुरुषों के 55 किलोग्राम वर्ग में जीता. उन्होंने 113 किलोग्राम वजन उठाकर स्नैच में नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी बनाया. राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैंपियनशिप 2021 ताशकंद में खेला जा रहा है.
अमरीका ने पेइचिंग ओलिंपिक्स के कूटनीतिक बहिष्कार की घोषणा की
अमरीका ने चीन के पेइचिंग के होने वाले 2022 शीतकालीन ओलिंपिक्स के कूटनीतिक बहिष्कार की घोषणा की है. अमरीकी राष्ट्रपति भवन ने बताया कि चीन में मानवाधिकारों के चिंताजनक रिकॉर्ड को देखते हुए इन खेलों में कोई आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजा जाएगा, हालांकि अमरीकी एथलीट खेलों में भाग ले सकते हैं. शीतकालीन ओलम्पिक 4 फरवरी 2022 से शुरू होंगे.
बहरीन में एशिया युवा पैरा बैडमिंटन खेलों का समापन
भारतीय बैडमिंटन दल ने कल बहरीन में एशिया युवा पैरा खेलों में 16 पदकों के साथ अपने दौरे का समापन कर किया. पैरा बैडमिंटन खिलाडियों ने चार स्वर्ण, सात रजत और पांच कांस्य पदक जीते.
भारत ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया
भारत ने ओडिसा में चांदीपुर स्थित समेकित परीक्षण रेंज से कम दूरी तक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन- (DRDO) ने बताया कि बहुत कम ऊंचाई पर निर्धारित इलैक्ट्रॉनिक लक्ष्य को भेदने के लिए वर्टिकल लॉन्चर के जरिये परीक्षण को अंजाम दिया गया.
यूक्रेन और रूस की पूर्वी सीमा पर तनाव
यूक्रेन की पूर्वी सीमा पर तनाव को देखते हुए अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ वर्चुअल बातचीत की. रूस ने हजारों सैनिक सीमा पर भेजे हैं लेकिन कहा है कि यूक्रेन पर हमला करने की कोई योजना नहीं है. रूस चाहता है कि यूक्रेन नेटो में शामिल न होने के बारे में गारंटी दे लेकिन पश्चिमी देशों का कहना है कि यूक्रेन की प्रभुसत्ता का सम्मान किया जाना चाहिए.
भारतीय भौतिकीविद् अनिल मेनन को नासा अभियानों के लिए चुना गया
भारतीय मूल के भौतिकीविद् अनिल मेनन को नौ अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ नासा के भावी अभियानों के लिए चुना गया है. यह घोषणा अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से की गई है. 45 वर्षीय मेनन अमरीकी वायुसेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं. वे नासा के फ्लाइट सर्जन के तौर पर काम कर चुके हैं और सोयूज मिशन में भी शामिल रहे हैं.
भारत म्यामांर में लोकतांत्रिक सत्ता हस्तांतरण का समर्थन करता है
भारत ने कहा है कि वह म्यामांर के एक न्यायालय द्वारा पूर्व स्टेट काउंसलर आंग सांग सू ची और अन्य के खिलाफ हाल के फैसलों से व्यथित है. भारत एक पड़ोसी लोकतंत्र के नाते, म्यामांर में लोकतांत्रिक सत्ता हस्तांतरण का लगातार समर्थन करता है. म्यामां की एक अदालत ने आंग सांग सू ची और पूर्व राष्ट्रपति विन मिंट को सेना के खिलाफ हिंसा भडकाने और देश के स्वभाविक आपदा कानूनों को तोडने के आरोप में चार साल की सजा सुनाई थी.