डेली कर्रेंट अफेयर्स
32वां ओलम्पियाड खेल 2020 टोक्यो में आयोजित किया जा रहा है
टोक्यो ओलंपिक 2020 (32वां ओलम्पियाड के खेल) का आयोजना 23 जुलाई से 8 अगस्त 2021 के बीच टोक्यो, जापान में किया जा रहा है. भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 5 अगस्त को जर्मनी को 5-3 से हराकर कांस्य पदक जीता. भारतीय टीम सेमीफाइनल मैच में बेल्जियम से पराजित होने के बाद कांस्य पदक के लिए जर्मनी को पराजित किया. पढ़ें पूरा आलेख…»
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अफ्रीकी मूल के लोगों के एक स्थायी मंच की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अफ्रीकी मूल के लोगों के लिए एक स्थायी मंच की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसका उद्देश्य नस्लवाद, नस्ली भेदभाव, विदेशियों से नफरत और असहिष्णुता जैसी चुनौतियों को कम करना है.
- 193 सदस्यीय महासभा ने इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दी. इस प्रस्ताव में एक ऐसे मंच की मांग की गई है जो अफ्रीकी मूल के लोगों की सुरक्षा और उनके जीवन की गुणवत्ता तथा आजीविका में सुधार के लिए काम करे और जिस समाज में वे रहते हैं उसमें उनका पूर्ण समावेश सुनिश्चित करे.
- नए फोरम में 10 सदस्य होंगे, जिनमें से 5 सभी क्षेत्रों से महासभा द्वारा चुने जाएंगे और 5 को मानवाधिकार परिषद द्वारा क्षेत्रीय समूहों के साथ-साथ अफ्रीकी मूल के लोगों के संगठनों के परामर्श से नियुक्त किया जाएगा.
- महासभा ने कहा, सभी मनुष्य स्वतंत्र हैं, उनके अधिकार तथा गरिमा समान है और उनमें समाज के विकास तथा कल्याण में रचनात्मक योगदान देने की क्षमता है. नस्ली श्रेष्ठता का कोई भी सिद्धांत वैज्ञानिक रूप से गलत, नैतिक रूप से निंदनीय, सामाजिक रूप से अन्यायपूर्ण तथा खतरनाक है और इन्हें खारिज किया जाना चाहिए.
- महासभा द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव में कहा गया है कि नस्लवाद, नस्ली भेदभाव, विदेशियों से नफरत और असहिष्णुता से निपटने की कोशिशों के बाद भी ये व्यापक रूप से जारी हैं और इसकी निंदा की जानी चाहिए.
दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक 2021 संसद में पारित
दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक (Insolvency and Bankruptcy Code Amendment Bill) 2021 संसद में पारित हो गया है. राज्यसभा ने इस विधेयक को 3 अगस्त को जबकि लोकसभा ने 28 जुलाई को मंजूरी दी थी.
संसद की मंजूरी के बाद इसने कानून का रूप ले लिया है. यह कानून उस दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) अध्यादेश 2021 का स्थान लेगा, जिसे 4 अप्रैल 2021 को लागू किया गया था.
यह विधेयक दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता 2016 में संशोधन के लिए लाया गया था. यह छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा करने और व्यापार करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए दिवालियापन और दिवाला को समय पर हल करने के लिए समाधान प्रदान करता है.
मुख्य बिंदु
यह संशोधन विधेयक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए एक वैकल्पिक दिवाला समाधान प्रक्रिया प्रदान करेगा. इस संकल्प को “प्री-पैकेज्ड इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (PIRP)” कहा जाएगा.
यह 330 दिनों के भीतर कॉर्पोरेट देनदारों के दिवालियेपन के मुद्दों को हल करने के लिए एक समयबद्ध प्रक्रिया शुरू करेगा. समाधान की इस प्रक्रिया को कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) कहा जाता है. CIRP के तहत, देनदार या उसके लेनदार रुपये की चूक की स्थिति में CIRP की शुरुआत के लिए आवेदन कर सकेंगे.
सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यपाल के क्षमादान की शक्ति पर व्याख्या की
सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में राज्यपाल के क्षमादान की शक्ति पर व्याख्या की थी. न्यायालय ने माना कि, राज्यपाल की क्षमा करने की शक्ति, ‘दंड प्रक्रिया संहिता’ (CrPC) की धारा 433A के तहत दिए गए प्रावधान की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण है.
मुख्य बिंदु
- इससे पहले जनवरी 2021 में दया याचिका के एक मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि राज्यपाल राज्य मंत्रिपरिषद की सिफारिश को अस्वीकार नहीं कर सकता है, हालाँकि निर्णय लेने के लिये कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है.
- सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि राज्यपाल 14 वर्ष की जेल होने से पूर्व भी कैदियों को क्षमादान दे सकता है.
- CrPC की धारा 433A किसी भी स्थिति में संविधान के अनुच्छेद 72 या 161 के तहत राष्ट्रपति/राज्यपाल को क्षमादान देने की संवैधानिक शक्ति को प्रभावित नहीं कर सकती है.
- न्यायालय ने कहा कि अनुच्छेद 161 के तहत एक कैदी को क्षमा करने की राज्यपाल की संप्रभु शक्ति वास्तव में राज्य सरकार द्वारा प्रयोग की जाती है.
- लघुकरण और रिहाई की कार्रवाई इस प्रकार एक सरकारी निर्णय के अनुसार हो सकती है और राज्यपाल की मंज़ूरी के बिना भी आदेश जारी किया जा सकता है.
- CrPC की धारा 432 सरकार को सज़ा माफ करने का अधिकार देती है. राज्य सरकार इस या संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत छूट देने की नीति बना सकती है.
- यदि कोई कैदी 14 वर्ष से अधिक समय तक कारावास में रह चुका है, तो राज्य सरकार समय से पहले रिहाई का आदेश पारित करने में सक्षम है.
- भारत में राष्ट्रपति और राज्यपाल की क्षमादान शक्ति:
- संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत राष्ट्रपति को अपराध के लिये दोषी ठहराए गए किसी भी व्यक्ति की सज़ा को माफ करने, राहत देने, छूट देने या निलंबित करने, हटाने या कम करने की शक्ति है, जहाँ दंड मौत की सज़ा के रूप में है.
- अनुच्छेद 161 के तहत राज्य के राज्यपाल के पास किसी ऐसे मामले से संबंधित किसी भी कानून के खिलाफ किसी भी अपराध के लिये दोषी ठहराए गए व्यक्ति की सज़ा को माफ करने, राहत देने, राहत या छूट देने या निलंबित करने, हटाने या कम करने की शक्ति है.
- अनुच्छेद 72 के तहत राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति का दायरा अनुच्छेद 161 के तहत राज्यपाल की क्षमादान शक्ति से अधिक व्यापक है. राष्ट्रपति उन सभी मामलों में क्षमादान दे सकता है जहाँ दी गई सजा मौत की सजा है लेकिन राज्यपाल की क्षमादान शक्ति मौत की सजा के मामलों तक विस्तारित नहीं होती है.
सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीएम कनाडे महाराष्ट्र के लोकायुक्त नियुक्त
बॉम्बे हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीएम कनाडे को महाराष्ट्र का लोकायुक्त नियुक्त किया गया है. यह नियुक्ति महाराष्ट्र के राज्यपाल, भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सलाह पर की. महाराष्ट्र में लगभग एक साल तक पूर्णकालिक लोकायुक्त नहीं था. पिछले लोकायुक्त, (सेवानिवृत्त) न्यायमूर्ति एमएल तहलियानी ने अगस्त 2020 में अपना कार्यकाल पूरा किया था.
लोकायुक्त: एक दृष्टि
लोकायुक्त भारत के राज्यों द्वारा गठित भ्रष्टाचाररोधी स्वतंत्र संस्थान है. नागरिक किसी भी सरकारी अधिकारी या निर्वाचित प्रतिनिधि के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत सीधे लोकायुक्त को कर सकते हैं, जिन्हें शीघ्र निवारण का काम सौंपा जाता है.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
धर्मांतरित व्यक्तियों को CSS का लाभ नहीं
केंद्र सरकार ने संसद में कहा कि कोई भी व्यक्ति जो हिंदू, सिख या बौद्ध धर्म से अलग धर्म को मानता है, उसे अनुसूचित जाति का सदस्य नहीं माना जाएगा. जैसे, अनुसूचित जातियों के कल्याण और विकास के लिए केन्द्र प्रायोजित योजनाओं (CSS) के लाभों को अनुसूचित जाति से धर्मांतरित ईसाइयों या अन्य धर्म के व्यक्तियों को नहीं दिया जा सकता है.
दिल्ली विधायकों के वेतन बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में कैबिनेट ने विधायकों के वेतन में 66% बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यह बढ़ोतरी विधायकों के मौजूदा मासिक वेतन और भत्तों को 54,000 रुपये से बढ़ाकर 90,000 रुपये करने के लिए की गई है. दिल्ली में विधायकों को पहले 54,000 रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाता था जिसमें 12,000 रुपये वेतन और शेष राशि भत्ते के रूप में शामिल थी.
भारत के ओलंपिक दल को स्वतंत्रता दिवस पर विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को लाल किले में भारत के ओलंपिक दल को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित करेंगे. प्रधानमंत्री बातचीत के लिए भारतीय ओलिंपिक दल को अपने आवास पर भी आमंत्रित करेंगे.
पीएम मुद्रा योजना के तहत 3 लाख करोड़ रुपये का ऋण वितरण लक्ष्य
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए पीएम मुद्रा योजना (PMMY) के तहत 3 लाख करोड़ रुपये का ऋण वितरण लक्ष्य निर्धारित किया है. वित्त वर्ष 2020-2021 में ऋण वितरण का लक्ष्य 3.21 लाख करोड़ रुपये था.
सामान्य बीमा व्यवसाय संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित
लोकसभा ने सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक (General Insurance Business Nationalisation Amendment Bill) 2021 को पारित किया है. यह विधेयक सरकार को राज्य के स्वामित्व वाली सामान्य बीमा कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी कम करने और आवश्यक संसाधन उत्पन्न करने की अनुमति देगा. यह सार्वजनिक क्षेत्र के सामान्य बीमाकर्ताओं को नवीन उत्पादों को डिजाइन करने में भी मदद करेगा.
हिमांशु कपानिया आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष
आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने वोडाफोन आइडिया बोर्ड के गैर-कार्यकारी निदेशक और गैर-कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. वीआई (Vi) बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने सर्वसम्मति से हिमांशु कपानिया को गैर-कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में चुना है.