व्यापार को सुगम बनाने वाले देशों की सूची में भारत 63वें स्थान पर पहुंचा

विश्व बैंक की व्यापार को सुगम बनाने वाले देशों (World Bank’s Ease of Doing Business) की सूची में भारत 63वें स्थान पर पहुंच गया है. भारत की रैंकिंग में 14 पायदान का सुधार हुआ है. 2018-19 की सूची में भारत की 77वीं रैंक थी.

24 अक्टूबर को वाशिंगटन में जारी इस सूची के अनुसार दिवाला और धन शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के सफल कार्यान्वयन की वजह से भारत लगातार तीसरी बार इस सूची में दस श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले देशों में शामिल रहा है. भारत ने 2013-14 की 142वीं रैंक के मुकाबले 6 साल में 79 स्थान का सुधार किया है.

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत के अलावा टॉप-10 सुधारक देशों में सऊदी अरब (62), जॉर्डन (75), टोगो (97), बहरीन (43), ताजिकिस्तान (106), पाकिस्तान (108), कुवैत (83), चीन (31) और नाइजीरिया (131) शामिल हैं.

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में टॉप-5 देश

देशरैंक
न्यूजीलैंड1
सिंगापुर2
हॉन्गकॉन्ग, चीन3
डेनमार्क4
कोरिया5

‘ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस’: एक दृष्टि

  • ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (कारोबार करने में सहूलियत) का मतलब होता है किसी भी देश में कारोबार कितनी सरलता से शुरू किया जा सकता है.
  • विश्व बैंक वर्ष 2003 से हर साल ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस वाले देशों की सूची जारी करता है. इसमें वह 10 पैमानों पर 190 देशों की रैकिंग तय करता है.
  • जिन 10 पैमानों के आधार पर देशों की रैंक तय की जाती है वे हैं- बिजली कनेक्शन, कॉन्ट्रैक्ट लागू करना, बिजनेस शुरू करना, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, दिवालिया शोधन प्रक्रिया, कंस्ट्रक्शन परमिट, क्रेडिट मिलना, इन्वेस्टर्स के हितों की रक्षा, टैक्स पेमेंट और सीमा पार व्यापार शामिल हैं. एक 11वां पैमाना ‘श्रम बाजार के नियम’ भी होता है लेकिन देशों की रैंकिंग तय करते समय इसके मूल्य को नहीं जोड़ा जाता.
  • भारत 10 मानकों में से 6 मानकों में अपनी रैंकिंग को बेहतर करने में कामयाब रहा है. सबसे उल्लेखनीय सुधार ‘कंस्ट्रक्शन परमिट’ और ‘सीमा पार व्यापार’ से जुड़े संकेतकों के मामले में देखा गया है. निर्माण परमिट की स्वीकृति देने के मामले में भारत की रैंकिंग वर्ष 2017 की 181वीं से बेहतर होकर 2018 में 52वीं हो गई है. इसी तरह ‘सीमा पार व्यापार’ से जुड़े संकेतकों के मामले में भारत की रैंकिंग वर्ष 2017 की 146वीं से बेहतर होकर वर्ष 2018 में 80वीं हो गई है. कारोबार शुरू करने में भारत की रैंकिग 156 से बेहतर होकर 137 हो गई है.
  • विश्व बैंक यह रैंकिंग तय करने के लिए 10 करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले देशों के मामले में दो व्यापारिक शहर से डाटा लेता है. उदाहरण के लिए विश्व बैंक जब भारत की रैंक तय करता है तो वह दो शहरों मुंबई और दिल्ली से इन पैमानों पर आंकड़े जुटाता है.
  • किसी देश के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग बेहद महत्वपूर्ण है. बहुराष्ट्रीय कंपनियां किसी देश में निवेश से पहले वहां की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखकर निर्णय लेती हैं.