अल्टिमा थुले की सतह पर पानी का प्रमाण

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को अल्टिमा थूले (Ultima Thule) की सतह पर मेथनॉल, पानी की जमी बर्फ, और कार्बनिक अणुओं के एक अद्वितीय मिश्रण का प्रमाण मिला है. यह मानव जाति द्वारा खोजी गई अब तक की सबसे दूरस्थ दुनिया है.

नासा के न्यू होराइजन्स अंतरिक्ष यान ने 2019 में नए साल के मौके पर उड़ान के दौरान इस पिंड का डाटा इकट्ठा किया था. इस डाटा के विश्लेषण में उस क्षेत्र के खगोलीय पिंड के विकास, भूविज्ञान और रचना के बारे में बहुत कुछ जानकारी मिली है. इनमें इसकी सतह पर खास निशान, पहाड़नुमा आकृतियां और ज्वालामुखी के विस्फोट से बनने वाले गड्ढे भी शामिल हैं.

अल्टिमा थुले: एक दृष्टि

  • कूइपर बेल्ट (अंतरिक्ष का एक दूरस्थ हिस्सा) में स्थित ‘2014 MU-69’ नामक पिंड को अल्टिमा थुले (Ultima Thule) उपनाम दिया गया है. थुले का अर्थ है ज्ञात दुनिया से परे सबसे दूर स्थित स्थान.
  • इस कुइपर बेल्ट ऑब्जेक्ट को 2014 में हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा खोजा गया था.
  • अल्टिमा थुले प्लूटो से 1.6 बिलियन किलोमीटर और पृथ्वी से 6.4 बिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
  • अल्टिमा थुले इंसान की तरफ से खोजी गई आज तक की सबसे दूर की सतह है. यह धरती से करीब 4 अरब मील दूर स्थित है. इस पिंड की लंबाई 36 किलोमीटर है.

न्यू होराइजन्स अंतरिक्ष यान क्या है?

यह अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान संस्‍था नासा का एक अंतरिक्ष शोध यान है. इसे सौरमंडल के बाहरी बौने ग्रह प्‍लूटो के अध्‍ययन के लिये 19 जनवरी, 2006 को प्रक्षेपित किया गया था.