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इसराइल का कतर में हमास के शीर्ष नेताओं पर हमला

  • इसराइल ने 9 सितम्बर को क़तर की राजधानी दोहा में हमास के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाकर हमला किया है. यह कतर में इसराइल की पहली सैन्य कार्रवाई है।
  • इस हमले में हमास के पांच सदस्य मारे गए, जिनमें उसके निर्वासित गाजा प्रमुख और शीर्ष वार्ताकार खलील अल-हय्या का बेटा भी शामिल है।
  • हमास के जिन सदस्यों को निशाना बनाया, उनमें ख़लील अल-हैया शामिल थे, हालांकि इस हमले हमास का शीर्ष नेतृत्व हमले में बच गया।
  • इसराइल डिफ़ेंस फ़ोर्सेज़ (IDF) के अनुसार, इस हमले में उन लोगों को निशाना बनाया गया है, जो सीधे तौर पर 7 अक्तूबर 2023 के जनसंहार के लिए ज़िम्मेदार थे.
  • हमले की चपेट में दोहा का एक आवासीय परिसर आया, जहां हमास की राजनीतिक शाखा के कई नेता रहते हैं.

कतर दोनों के बीच मध्यस्थ

  • अक्तूबर 2023 में इसराइल और हमास के बीच छिड़ी जंग के बाद से ही क़तर दोनों के बीच शांति वार्ता के लिए मध्यस्थ की भूमिका में रहा है.
  • हमास के अनुसार वार्ताकारों की उनकी टीम को हमले में निशाना बनाया गया है. ये टीम दोहा में है.

क़तर और अन्य देशों की प्रतिक्रिया

  • क़तर ने इस हमले की निंदा की है और अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का ‘घोर उल्लंघन’ बताया है. क़तर, इसराइल के इस लापरवाही भरे बर्ताव और लगातार क्षेत्रीय सुरक्षा से उसकी छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं करेगा.
  • भारत, ईरान, अरब देशों सहित दुनियाभर के देशों ने कतर पर इजरायली हमले की निंदा की है. भारत ने दोहा में इज़राइली हमलों के बाद चिंता व्यक्त करते हुए संयम बरतने और कूटनीति से काम लेने का आह्वान किया है.
  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से बात की और दोहा में हुए हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत कतर की संप्रभुता के उल्लंघन की निंदा करता है.
  • अमेरिका ने इसे एकतरफा हमला बताया जो अमेरिकी और इजरायली हितों को आगे नहीं बढ़ाता। क़तर को अमेरिका के सबसे प्रमुख गैर-नेटो सहयोगी के तौर पर देखा जाता है.

इसराइल-फ़िलिस्तीन युद्ध

  • 7 अक्टूबर 2023 को फ़िलिस्तीनी आतंकवादी संगठन ‘हमास’ ने इज़राइल पर हमला किया था जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और 250 से ज़्यादा बंधक बना लिए गए थे.
  • इसके परिणामस्वरूप इज़राइल ने फ़िलिस्तीन के गाज़ा पट्टी पर बमबारी की और आक्रमण शुरू किया जो अब तक जारी है.
  • हमास, फ़िलिस्तीन के गाजा पट्टी और पश्चिमी तट के इलाकों में केंद्रित है. इज़राइल का उद्देश्य गाज़ा को हमास मुक्त करना है.
  • इसराइल ने गाज़ा शहर पर कब्ज़ा करने के लिए योजना बनाई है. इस्राइल के रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने 20 अगस्त 2025 को इस योजना को मंज़ूरी दी थी.

इस्राइल ने गाज़ा शहर पर कब्ज़ा करने के लिए योजना बनाई

इस्राइल ने गाज़ा शहर पर कब्ज़ा करने के लिए योजना बनाई है. इस्राइल के रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने 20 अगस्त को इस योजना को मंज़ूरी दी. इस्राइल की सुरक्षा कैबिनेट में इस योजना की समीक्षा जाएगी.

  • इस्राइल ने गाज़ा शहर पर कब्ज़ा करने और उसे अपने नियंत्रण में लेने के लिए योजनाबद्ध सैन्य कार्रवाई का पहला कदम उठाया है.
  • इस्राइली रक्षा बल (IDF) पहले से ही बाहरी इलाकों ज़ितून और जबालिया में बड़े हमले की तैयारी में लगी है.
  • इस अभियान के लिए साठ हज़ार रिज़र्व सैनिकों को बुलाया जा रहा है.
  • इस्राइल का लक्ष्य हमास के सैन्य ढांचे को गाज़ा की आबादी से अलग करके कमज़ोर और नष्ट करना है.

हमले की कई देशों ने आलोचना की

  • फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने चेतावनी दी है कि इससे आपदा और क्षेत्रीय अस्थिरता पैदा हो सकती है.
  • अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति ने भी गाज़ा की स्थिति पर चिंता प्रकट की है. उसने चेतावनी दी है कि लड़ाई बढने से स्थिति और खराब होगी तथा शेष 50 बंधकों की रिहाई में बाधा आयेगी.
  • कतर और मिस्र ने साठ दिनों के युद्ध-विराम और लगभग आधे बंधकों की रिहाई से संबंधित नए युद्ध-विराम समझौते का प्रस्ताव रखा है. हमास इस योजना से सहमत है लेकिन इस्राइल ने अभी तक औपचारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इस्राइल सभी बंधकों की रिहाई का पूर्ण समझौता चाहता है.

इज़राइल-फ़िलिस्तीन युद्ध

  • 7 अक्टूबर 2023 को फ़िलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास ने इज़राइल पर हमला किया था जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और 250 से ज़्यादा बंधक बना लिए गए.
  • इसके परिणामस्वरूप इज़राइल ने गाज़ा पट्टी पर बमबारी की और आक्रमण शुरू किया जो अब तक जारी है. हमास, फ़िलिस्तीन के गाजा पट्टी और पश्चिमी तट के इलाकों में केंद्रित है. इज़राइल का उद्देश्य गाज़ा को हमास मुक्त करना है.

भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी कर्नल वैभव अनिल काले गाजा में शहीद

भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी कर्नल वैभव अनिल काले 15 मई को गाजा के रफाह इलाके में शहीद हो गए. घटना के वक्त वह संयुक्त राष्ट्र का झंडा लेकर एक वाहन से जा रहे थे.

मुख्य बिन्दु

  • संयुक्त राष्ट्र ने वैभव अनिल काले (Col Waibhav Anil Kale) को रफाह के यूरोपियन हॉस्पिटल में सुरक्षा कार्यों के लिए तैनात किया था. वह संयुक्त राष्ट्र के ही वाहन में सवार थे, इसी दौरान इजराइली हमले में उनकी मौत हो गई.
  • 46 वर्षीय वैभव काले 1998 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे. उन्होंने 2009-10 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भी भाग लिया था.
  • काले 2022 में भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हो गए थे. दो महीने पहले, वह संयुक्त राष्ट्र डीएसएस में सुरक्षा समन्वय अधिकारी के रूप में संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुए थे.

अंतर्राष्‍ट्रीय गठबंधन को हमास के खिलाफ कार्यवाही का फ्रांस का प्रस्ताव

फ्रांस ने इस्‍लामिक स्‍टेट का मुकाबला कर रहे अंतर्राष्‍ट्रीय गठबंधन को गजा में फलीस्‍तीनी आतंकी गुट हमास के खिलाफ कार्यवाही करने का प्रस्ताव दिया है. यह अंतर्राष्‍ट्रीय गठबंधन इराक और सीरिया में इस्‍लामिक स्‍टेट का मुकाबला कर रहा है.

यह प्रस्ताव फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुअल मैक्रो ने दिया है. लेकिन, उन्‍होंने यह नही बताया कि अमरीका के नेतृत्‍व वाले लगभग एक दर्जन देशों के इस गठबंधन की क्‍या भूमिका होगी.

इस्रायल इस गठबंधन का सदस्‍य नही है. मैक्रो के सलाहकारों ने बताया कि गठबंधन की भागीदारी का मतलब यह नही है कि वहां सैनिक भेजे जाएंगे लेकिन खुफिया सूचनाओं को साझा किया जा सकता है.

इस्राइल के विदेश मंत्री एली कोहेन की भारत यात्रा

इस्राइल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने हाल ही में भारत की यात्रा की थी. इस यात्रा के क्रम में 9 मई को उन्होंने विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रहमण्यम जयशंकर के साथ नई दिल्ली में द्विपक्षीय वार्ता बैठक की थी. बैठक में भारत-इस्राइल संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई.

  • बैठक में दोनों देशों ने आई 2 यू 2 संगठन में प्रगति और बहुपक्षीय मंचों में सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया. इसके अलावा यूक्रेन,  हिंद-प्रशांत और संबंधित क्षेत्रों के बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया गया.
  • विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत-इजरायल के बीच कृषि, जल, रक्षा और सुरक्षा पर विशेष साझेदारी है जो द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ा रही है.
  • इस्राइली विदेश मंत्री भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित भारत-इजरायल बिजनेस फोरम में शामिल हुए.
  • इस वर्ष के अंत में इजरायल के प्रधान मंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू की भारत यात्रा की तैयारी के सिलसिले में इजरायली विदेश मंत्री की भारत यात्रा हो रही है.
  • इससे पहले अप्रैल में व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ इजरायल के वित्त मंत्री नीर बरकत भारत की यात्रा पर आए थे.

इजरायल-फिलिस्तीन तनाव: अल-अक्सा मस्जिद में इजरायली छापे के बाद तनाव

इजरायल ने दक्षिणी लेबनान और गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास से जुड़े ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं. ये हमले इजरायल के उत्तरी हिस्से में दागे गए रॉकेटों की प्रतिक्रिया में किए गए हैं.

मुख्य बिन्दु

  • यरूशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद में इजरायली पुलिस के छापे के बाद क्षेत्र में तनाव चरम पर है. मक्का और मदीना के बाद अल-अक्सा मस्जिद को मुसलमानों द्वारा इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है.
  • अल-अक्सा मस्जिद यरूशलम में एक पहाड़ी पर स्थित है, जिसे यहूदी हर हा-बेयित (Har ha-Bayit) या टेंपल माउंट (Temple Mount) नाम देते हैं और मुस्लिम इसे अल-हरम अल-शरीफ (al-Haram al-Sharif) या द नोबल सैंक्चुअरी कहते हैं.
  • दोनों देशों के बीच 2006 के युद्ध के बाद लेबनान में सबसे ज्यादा रॉकेट दागे गए है.

इस्राइल में बेन्‍यामिन नेतन्‍याहू पुनः प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए

इस्राइल में पूर्व प्रधानमंत्री बेन्‍यामिन नेतन्‍याहू पुनः प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए हैं. हाल ही में संपन्न हुए इस्राइल के आम चुनावों में उनकी अगुवाई वाली राजनीतिक दल दक्षिणपंथी ‘लिकुड’ ने जीत हासिल की है.

मुख्य बिन्दु

  • आम चुनावों में 120 सदस्यीय इस्राइल की संसद में नेतन्याहू की ‘लिकुड’ पार्टी ने जीत हासिल की है. नेतन्याहू ने मौजूदा प्रधानमंत्री यार लापिड की ‘येश अतीद’ पार्टी को चुनाव में हराया है. यार लापिड इजरायल में पिछले चार महीने से अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में काम कर रहे थे.
  • पिछले चार वर्ष से भी कम समय में इस्राइल में यह पांचवां संसदीय चुनाव था. 73 वर्षीय बेन्‍यामिन नेतन्‍याहू पिछले 15 वर्ष में पांच बार प्रधानमंत्री चुने गये हैं. नेतन्याहू के नाम देश के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने का रिकार्ड है.
  • इजरायल की राजनीति में नेतन्याहू कई वर्षों तक अजेय रहे हैं. उन्हें 2021 में तब झटका लगा जब उन्हें सत्ता से बाहर करने के लिए विभिन्न दलों ने मजबूत गठबंधन बनाकर उन्हें जोरदार टक्कर दी.

इजरायल ने ‘आयरन बीम’ लेजर मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम का परीक्षण किया

इजरायल ने 15 अप्रैल को लेजर मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम (laser missile defence system) ‘आयरन बीम’ (Iron Beam)  का परीक्षण किया था. विश्व में किस देश द्वारा किया गया यह पहला  लेजर आधारित मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम का सफल परीक्षण है. इजरायल ने इस मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम का नाम ‘आयरन बीम’ दिया है. इस लेजर वेपन को जमीन, हवा और समुद्र में तैनात किया जा सकता है.

मुख्य बिंदु

  • परीक्षण में इस डिफेंस सिस्‍टम ने मोर्टार, रॉकेट और एंटी टैंक मिसाइलों द्वारा किये गये परीक्षण हमले को नष्ट कर दिया.
  • इसके एक वार के इस्तेमाल में आने वाला खर्च केवल 267 रुपये है. इजरायल हमास के रॉकेट हमलों को रोकने के लिए कई वर्षों से अपने काफी महंगे आयरन डोम मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम का उपयोग कर रहा था जिसका इस्तेमाल काफी महंगा था.
  • आयरन डोम की जगह लेने वाले इस आयरन बीम डिफेंस सिस्‍टम को देश के हवाई रक्षा कवच को मजबूत करने के लिए बनाया गया है.

संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राइल में अपना पहला दूतावास खोला

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने इस्राइल में अपना पहला दूतावास खोला है. UAE के राजदूत मोहम्मद अल खाजा ने अपने देश का झंडा इमारत पर फहराकर इसकी शुरुआत की. दूतावास के उद्घाटन समारोह में इस्राइल के राष्ट्रपति इसाक हर्गोज भी मौजूद थे.

मुख्य बिंदु

  • खाड़ी के किसी भी देश का इस्राइल में यह पहला दूतावास है. इससे पहले जून में इस्राइल ने UAE में अपना दूतावास खोला था. अमेरिका के प्रयासों से पिछले साल UAE और बहरीन ने अब्राहम समझौते के तहत इस्राइल के साथ संबंधों के सामान्य करने की शुरुआत की थी.
  • UAE का दूतावास तेल अवीव स्थित इस्राइल स्टॉक एक्सचेंज टावर में है. ज्यादातर देश तेल अवीव में ही अपने दूतावास खोलते हैं क्योंकि यरुशलम की स्थिति विवादित है. अमेरिका ने भी 2018 में अपना दूतावास यरुशलम में स्थापित किया था.
  • इस्राइल ने 1967 के युद्ध के समय पूर्वी यरुशलम को अपने नियंत्रण में ले लिया था. यरूशलम में इस्राइल की संसद, सुप्रीम कोर्ट और कई सरकारी कार्यालय हैं. जबकि फलस्तीनी इसे भविष्य के स्वतंत्र देश की राजधानी बताते हैं.

नफ्ताली बेनेट इस्राइल के नये प्रधानमंत्री बने

इस्राइल के नये प्रधानमंत्री के रूप में श्री नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett) को शपथ दिलाई गई है. 13 जून को संसद में विश्वास मत के दौरान बेनेट के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के पक्ष में 60 और विरोध में 59 वोट पड़े. 120 सदस्यों के सदन में मतदान के दौरान एक सांसद अनुपस्थित रहे.

पूर्व प्रधानमंत्री बेनयामिन नेतनयाहु की सत्ता समाप्त

श्री बेनेट की जीत ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनयामिन नेतनयाहु (Benjamin Netanyahu) की 12 साल की सत्ता को समाप्त कर दिया है. 71 वर्षीय नेतनयाहु सबसे लंबे समय तक इस्राइल के प्रधानमंत्री रहे हैं. अपनी पीढ़ी के सबसे प्रभावशाली राजनेता नेतनयाहू दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी के प्रमुख बने रहेंगे और विपक्ष के नेता होंगे.

नफ्ताली बेनेट दक्षिणपंथी यामिना पार्टी के नेता हैं

मौजूदा सरकार आठ राजनीतिक दलों के गठबंधन से बना है जिसका नेतृत्‍व मध्‍यमार्गीय यायर लैपिड (Yair Lapid) और प्रखर राष्‍ट्रवादी नफ्ताली बेनेट कर रहे हैं. 49 वर्षीय नफ्ताली बेनेट इस्राइल के पूर्व रक्षा मंत्री और दक्षिणपंथी यामिना पार्टी के नेता हैं. वह इजराइल के 13वें प्रधानमंत्री बने हैं.

श्री बेनेट सत्ता बंटवारे के समझौते के तहत सितंबर 2023 के प्रधानमंत्री के पद पर रहेंगे. उसके बाद वे अगले दो वर्षों के लिए यायर लैपिड को सत्ता सौंपेगे. इस वर्ष मार्च में हुए चुनाव के बाद किसी भी दल को स्‍पष्‍ट बहुमत नहीं मिला था.

इसाक हेर्जोग इजरायल के 11वें राष्ट्रपति चुने गये

इसाक हेर्जोग (Isaac Herzog) इजरायल के 11वें राष्ट्रपति चुने गये हैं. 2 जून को हुए राष्ट्रपति चुनाव में इसाक हेर्जोग ने जीत हासिल की थी. इन चुनाव में देश की संसद नेसेट में 120 सांसदों ने नए राष्ट्रपति को चुनने के लिए वोट डाले. राष्ट्रपति पद की दौड़ में इसाक के सामने शिक्षाविद मिरियम पेरेत्ज खड़ी थीं. पेरेत्ज राष्ट्रवादी विचारधारा की हैं.

इसाक हेर्जोग

इसाक हेर्जोग इजरायल की लेबर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और विपक्ष के नेता हैं. इससे पहले 2013 के संसदीय चुनाव में वह इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ चुनाव में खड़े हुए थे लेकिन हार गए थे.

हेर्जोग का सात साल का कार्यकाल 9 जुलाई से शुरू होगा. वर्तमान राष्ट्रपति रेउवेन रिवलिन के का कार्यकाल जुलाई 2021 में समाप्त हो रहा है.

भारत और इजराइल ने कृषि में सहयोग के लिए 3 साल की कार्य योजना पर हस्ताक्षर किये

भारत और इजराइल ने कृषि में सहयोग के लिए तीन साल की कार्य योजना ‘INDO-ISRAEL Agricultural Project’ (IIAP) पर हस्ताक्षर किए हैं. दोनों देशों के बीच यह पांचवां IIAP है. यह कार्य योजना 2023 तक जारी रहेगा. भारत और इजरायल के बीच 1993 से कृषि क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंध हैं और इस तरह के चार संयुक्त कार्य कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक पूरा किया है.

5वा भारत और इजराइल ने कृषि में सहयोग कार्य योजना (IIAP): मुख्य बिंदु

  • पिछले कार्य योजना में भारतीय किसानों को इजरायल के खेत और जल प्रौद्योगिकियों के बारे में जागरूक करने के लिए 13 उत्कृष्टता केंद्र (Centres of Excellence) स्थापित किए गए थे.
  • इस कार्य योजना का उद्देश्य मौजूदा उत्कृष्टता केंद्रों को विकसित करना, नए केंद्र स्थापित करना, उत्कृष्टता केंद्रों को आत्मनिर्भर मोड में लाना और निजी क्षेत्र की कंपनियों और सहयोग को प्रोत्साहित करना होगा.
  • यह कार्यक्रम किसानों की शुद्ध आय में वृद्धि को बढ़ावा देगा और उनकी आजीविका को बेहतर करेगा. पारंपरिक खेतों को IIAP मानकों के आधार पर आधुनिक-प्रगतिशील कृषि क्षेत्र में बदल देगा.