राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार और शिल्प गुरु पुरस्कार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 9 दिसम्बर को नई दिल्ली में वर्ष 2023 और 2024 के लिए राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार और शिल्प गुरु पुरस्कार वितरित किए. पुरस्कार समारोह ‘राष्ट्रीय हस्तशिल्प सप्ताह’ (8-14 दिसंबर) का हिस्सा था.
राष्ट्रपति ने कुल 48 पुरस्कार प्रदान किए गए जिसमें 12 शिल्प गुरु और 36 राष्ट्रीय पुरस्कार शामिल हैं.
पुरस्कारों की श्रेणियां
1. शिल्प गुरु पुरस्कार (Shilp Guru Awards)
यह हस्तशिल्प के क्षेत्र में भारत का सर्वोच्च सम्मान है. यह उन कारीगरों को दिया जाता है जिन्होंने शिल्प में असाधारण महारत हासिल की है और परंपरा को जीवित रखा है.
प्रमुख विजेता (2023 और 2024 के लिए):
- अजीत कुमार दास (पश्चिम बंगाल): हाथ से पेंट किए गए वस्त्र – 2023
- डी. शिवम्मा (आंध्र प्रदेश): चमड़े की कठपुतली – 2023
- सुधीर कुमार महाराणा (ओडिशा): पट्टचित्र पेंटिंग – 2023
- सुभाष अरोड़ा (हरियाणा): मेटल क्राफ्ट (ढोकरा कला) – 2024
- मोहम्मद दिलशाद (उत्तर प्रदेश): लकड़ी की नक्काशी – 2024
- कमलेश शर्मा (राजस्थान): वुड क्राफ्ट – 2024
2. राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार
यह पुरस्कार उन शिल्पकारों को दिया जाता है जिन्होंने अपनी कला में उत्कृष्ट योगदान दिया है और शिल्प विरासत को बढ़ावा दिया है.
- प्रमुख विजेता (2023 और 2024 के लिए):
- हीराबाई झरेका बघेल (छत्तीसगढ़): मेटल क्राफ्ट – 2023
- इम्तियाज अहमद (उत्तर प्रदेश): हस्तनिर्मित कालीन – 2023
- रोशन छिपा (राजस्थान): कलात्मक वस्त्र – 2023
- टी. भास्करन (तमिलनाडु): पत्थर की नक्काशी – 2024
- रूपबान चित्रकर (पश्चिम बंगाल): पेंटिंग – 2024
- बलदेव बाघमारे (मध्य प्रदेश): जनजातीय शिल्प – 2024
