यूनेस्को अंतर-सरकारी समिति का 20वां सत्र भारत की मेजबानी में संपन्न हुआ
यूनेस्को (UNESCO) की ‘अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ (ICH) की सुरक्षा के लिए अंतर-सरकारी समिति का 20वां सत्र (20th Session of UNESCO Intergovernmental Committee) हाल ही में भारत की मेजबानी में संपन्न हुआ है.
यह सत्र 8 से 13 दिसम्बर तक नई दिल्ली के लाल किला में आयोजित किया गया था. इस बैठक की अध्यक्षता यूनेस्को में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी. शर्मा ने की थी.
मुख्य बिन्दु
- इस आयोजन में 185 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिससे भारत को अपनी समृद्ध विरासत और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का मौका मिला.
- यह भारत के लिए कूटनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक ऐतिहासिक आयोजन था.
- इस सत्र के दौरान दुनिया भर से 60 से अधिक सांस्कृतिक धरोहरों के नामांकन पर विचार किया गया.
- भारत ने इस वर्ष यूनेस्को की अमूर्त विरासत सूची के लिए प्रकाश पर्व दिपावली को नामांकित किया था जिसे इस सूची में शामिल कर लिए गया.
दीपावली यूनेस्को सांस्कृतिक विरासत में शामिल
इस सत्र का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय दीपावली (Deepavali) को ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ (Intangible Cultural Heritage of Humanity) की सूची में शामिल करना रहा.
यह भारत की तरफ से इस सूची में शामिल होने वाला 16वां विरासत है. इस सूची में शामिल कुछ प्रमुख नाम हैं:
- दीपावली (2025)
- गुजरात का गरबा (2023)
- कोलकाता की दुर्गा पूजा (2021)
- कुंभ मेला (2017)
- नवरोज (2016)
- योग (2016)
- लद्दाख का बौद्ध मंत्रोच्चारण (2012)
- छऊ नृत्य (2010)
- रामलीला (2008)
- कुटियाट्टम (संस्कृत थिएटर) (2008)
