प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूटान यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 से 12 नवंबर, 2025 तक भूटान की राजकीय यात्रा पर थे. यह यात्रा दोनों देशों के बीच ‘पड़ोसी पहले’ (Neighbourhood First) की नीति और विशेष द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था.
यात्रा के मुख्य बिन्दु
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने थिम्पू में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की.
- दोनों नेताओं ने 1020 मेगावॉट क्षमता वाली पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया गया. यह भारत-भूटान सहयोग से निर्मित एक बड़ी परियोजना है.
- यह परियोजना भूटान की बिजली उत्पादन क्षमता में वृद्धि करेगी और भारत को बिजली निर्यात की शुरुआत का प्रतीक है, जिससे दोनों देशों की ऊर्जा साझेदारी और मजबूत होगी.
- भारत ने भूटान को ऊर्जा परियोजनाओं के लिए चार हज़ार करोड़ रुपये की रियायती ऋण (Line of Credit) देने की घोषणा की है.
- गेलेफू में निवेशकों और आगंतुकों की सुगम आवाजाही के लिए असम के हतिसार में एक आव्रजन जाँच चौकी (Immigration Check Post) स्थापित करने का निर्णय लिया गया.
- गेलेफू को भारत के रेलवे नेटवर्क से जोड़ने (गेलेफू-कोकराझार) और समत्से-बानरहाट रेल लिंक पर काम में तेजी लाने पर भी चर्चा की गई.
- प्रधानमंत्री भूटान के चौथे राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुक की 70वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया.
- वाराणसी में एक भूटानी मंदिर/मठ और अतिथि गृह के निर्माण के लिए भूमि आवंटन की घोषणा की गई.
- दोनों देशों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग और स्वास्थ्य और चिकित्सा सहयोग के क्षेत्र में कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए.
