सौर विकिरण से एयरबस के विमानों पर खतरा
सोलर रेडियेशन या सौर विकिरण से एयरबस के लगभग 6,000 A320 विमानों पर खतरा का समाचार हाल के दिनों में समाचार की सुर्खियों में रहा है. यह विमानन इतिहास की सबसे बड़ी विमान ग्राउंडिंग/रिकॉल में से एक है.
यह विकिरण विमान के उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर (Flight Control Computer) के डेटा को नष्ट (corrupt) कर सकता है, जिससे विमान अनियंत्रित हो सकता है.
मुख्य बिन्दु
- इसका पता तब चला जब एक जेटब्लू एयरबस A320 उड़ान के दौरान, पायलट के हस्तक्षेप के बिना, अचानक नीचे की ओर झुक गई थी, जिसके कारण यात्रियों को चोटें आईं और विमान को आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी.
- गहन जाँच में पता चला कि ELAC 2 कंप्यूटर का एक विशिष्ट हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर संयोजन (सॉफ़्टवेयर संस्करण L104) सौर विकिरण के प्रति संवेदनशील था.
- इस जोखिम को देखते हुए, एयरबस ने दुनिया भर के लगभग 6,000 A320 परिवार के विमानों (A319, A320, A321) के लिए तत्काल सॉफ्टवेयर अपडेट या कुछ पुराने विमानों के लिए हार्डवेयर प्रतिस्थापन का आदेश दिया.
खतरे का मूल कारण
- खतरे का मूल कारण सूर्य से निकलने वाले तेज आवेशित कण था, जिन्हें सौर फ्लेयर्स (Solar Flares) या कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के रूप में जाना जाता है. ये आवेशित कण उच्च ऊंचाई पर उड़ते समय विमान के डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स पर प्रभाव डालते हैं.
- इससे मुख्य रूप से ELAC 2 (Elevator Aileron Computer) नामक कंप्यूटर प्रभावित होता है. यह कंप्यूटर विमान के फ्लाई-बाय-वायर (Fly-by-Wire) सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
- ELAC कंप्यूटर पायलट के कमांड को विमान की सतहों (जैसे एलिवेटर और आइलरॉन) तक पहुंचाता है, जो विमान के पिच (ऊंचाई) और रोल (किनारों की ओर झुकाव) को नियंत्रित करते हैं.
- जब तीव्र सौर विकिरण इन कंप्यूटरों से गुजरता है, तो यह उनकी मेमोरी में संग्रहीत क्रिटिकल उड़ान नियंत्रण डेटा को करप्ट कर सकता है.
