15 नवंबर 2025 को भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाई गई
15 नवंबर 2025 को भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाई गई. उनका जन्म 15 नवंबर, 1875 को हुआ था. 15 नवंबर को प्रतिवर्ष ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.
मुख्य बिन्दु
- उनकी 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में, वर्ष 2024-2025 को ‘जनजातीय गौरव वर्ष’ (Janjatiya Gaurav Varsh) के रूप में मनाया जा रहा है.
- 15 नवंबर 2025 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा में आयोजित राष्ट्रीय ‘जनजातीय गौरव दिवस’ कार्यक्रम का नेतृत्व किया.
- राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने अंबिकापुर, छत्तीसगढ़ में आयोजित ‘जनजातीय गौरव दिवस’ समारोह के समापन कार्यक्रम में भाग लिया.
- यह पूरा वर्ष भगवान बिरसा मुंडा के मूल्यों, उनके संघर्ष (उलगुलान), और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समुदायों के योगदान को सम्मान देने पर केंद्रित रहा.
बिरसा मुंडा
- बिरसा मुंडा एक महान आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी, लोक नायक, और धार्मिक सुधारक थे, जिन्होंने 19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन और ज़मींदारी व्यवस्था के अत्याचारों के विरुद्ध आदिवासी समुदाय का नेतृत्व किया था.
- उनका जन्म 15 नवंबर 1875 (वर्तमान झारखंड के खूंटी जिले में) हुआ था. वे मुंडा जनजाति से थे.
- उन्हें ‘धरती आबा’ (पृथ्वी के पिता) के नाम से भी जाना जाता है. उन्हें भारतीय आदिवासी समुदाय द्वारा भगवान का दर्जा दिया जाता है.
- उन्होंने ‘जल, जंगल और ज़मीन’ पर आदिवासियों के पैतृक अधिकारों को बहाल करने के लिए उलगुलान (महान विद्रोह) का नेतृत्व किया. यह आंदोलन ब्रिटिश सरकार की वन नीतियों और ज़मींदारों द्वारा किए जा रहे शोषण के खिलाफ था.
- उन्होंने ‘बिरसाइत’ नामक एक नए धर्म की स्थापना की, जिसमें उन्होंने आदिवासियों को अंधविश्वास, जादू-टोना, शराब और मांस के सेवन से दूर रहने का आह्वान किया.
