मंगल क्रेटर का नामकरण भारतीय नामों पर करने की मंजूरी

अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने मंगल ग्रह की सात भूवैज्ञानिक विशेषताओं (geological features) का नामकरण सात भारतीय नामों पर करने की मंजूरी दी है. यह भारत की अंतरिक्ष विज्ञान और भूविज्ञान में बढ़ती वैश्विक पहचान को दर्शाता है.

मंगल पर शामिल किए गए नए भारतीय नाम

क्रेटर/विशेषता का नामविशेषता का प्रकारनामकरण का आधार
कृष्‍णन (Krishnan)विशाल क्रेटरप्रसिद्ध भारतीय भूविज्ञानी एम. एस. कृष्णन
पेरियार वलिस (Periyar Vallis)घाटीकेरल की सबसे लंबी नदी, पेरियार
वर्कला (Varkala)छोटा क्रेटरवर्कला में मौजूद भूवैज्ञानिक रूप से अनोखी चट्टान
थुम्बा (Thumba)छोटा क्रेटरथुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन
वलियामाला (Valiamala)छोटा क्रेटरभारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST)
बेकल (Bekal)छोटा क्रेटरकासरगोड में स्थित ऐतिहासिक बेकल किला
कृष्‍णन पालस (Krishnan Palus)मैदानकृष्‍णन क्रेटर के भीतर स्थित मैदान.

पिछली स्वीकृतियाँ (जून 2024)

इससे पहले, IAU ने मंगल के थारसिस ज्वालामुखी क्षेत्र में खोजे गए तीन क्रेटरों के नाम भी भारतीय संदर्भों पर रखे थे:

  1. लाल क्रेटर: प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक प्रोफेसर देवेंद्र लाल के नाम पर.
  2. मुरसान क्रेटर: उत्तर प्रदेश के मुरसान शहर (पीआरएल निदेशक डॉ. अनिल भारद्वाज का जन्मस्थान) के नाम पर.
  3. हिलसा क्रेटर: बिहार के हिलसा शहर (खोजकर्ताओं में से एक, डॉ. राजीव रंजन भारती का जन्मस्थान) के नाम पर.

यह कदम वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय में भारत के बढ़ते योगदान का एक महत्वपूर्ण प्रमाण है.