नियाग्रा में जी-7 विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई

जी-7 विदेश मंत्रियों की बैठक (G7 Foreign Ministers’ Meeting) 2025, 11 और 12 नवंबर 2025 को नियाग्रा (कनाडा) में आयोजित की गई थी. बैठक की मेजबानी कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने की थी.

  • जी-7 देश (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, कनाडा) और यूरोपीय संघ इस बैठक के मुख्य प्रतिभागी थे.
  • भारत, ब्राजील, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको आदि आमंत्रित अतिथि देश (Outreach Partners) थे. भारत की ओर से विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इसमें भाग लिया.

चर्चा के मुख्य विषय

  • इस बैठक में वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक चुनौतियों पर विशेष जोर दिया गया.
  • मंत्रियों ने स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific) की वकालत की और पूर्वी तथा दक्षिणी चीन सागर में किसी भी एकतरफा बलपूर्वक बदलाव का कड़ा विरोध किया.
  • गाजा संघर्ष पर चर्चा हुई, जिसमें युद्धविराम और मानवीय सहायता पर जोर दिया गया. क्षेत्र में शांति के लिए कूटनीतिक समाधानों का समर्थन किया.
  • यूक्रेन के लिए निरंतर समर्थन की पुष्टि की गई और रूस को सैन्य सहायता देने वाले तीसरे पक्षों (जैसे उत्तर कोरिया और ईरान) की आलोचना की गई.
  • महत्वपूर्ण खनिजों (Critical Minerals) की आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित करने और किसी एक देश पर निर्भरता कम करने पर सहमति बनी.
  • बैठक के अंत में जारी संयुक्त बयान (Joint Statement) में समुद्री सुरक्षा, साइबर खतरों और गलत सूचनाओं से निपटने के लिए जी-7 देशों की एकजुटता को दोहराया गया.

भारत की भूमिका

  • विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने फ्रांस, जर्मनी और कनाडा के विदेश मंत्रियों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं.
  • ‘आउटरीच सत्र’ में डॉ. जयशंकर ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने और डिजिटल सुरक्षा पर भारत के दृष्टिकोण को रखा.
  • तनावपूर्ण संबंधों के बीच, डॉ. जयशंकर ने कनाडाई विदेश मंत्री अनीता आनंद से मुलाकात की, जिसे दोनों देशों के बीच संवाद बनाए रखने के प्रयास के रूप में देखा गया.