मंत्रिमंडल ने निर्यात संवर्धन मिशन को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ₹25,060 करोड़ के परिव्यय के साथ निर्यात संवर्धन मिशन (Export Promotion Mission – EPM) को मंजूरी दी है.
यह एक प्रमुख पहल है, जिसकी घोषणा केंद्रीय बजट 2025-26 में भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धा को मज़बूत करने के लिए की गई थी. इसकी घोषणा विशेष रूप से MSME, पहली बार निर्यात करने वाले और श्रम-प्रधान क्षेत्रों को बढावा देने के लिए की गई थी.
EPM के मुख्य बिन्दु
- यह मिशन वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक चलेगा. इसका उद्देश्य निर्यातकों के लिए एक व्यापक, लचीला और डिजिटल रूप से संचालित ढाँचा प्रदान करना है.
- यह मिशन निर्यात क्षेत्र की संरचनात्मक चुनौतियों जैसे सीमित और महंगा व्यापार वित्त, अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुपालन की उच्च लागत और कमजोर ब्रांडिंग को दूर करने पर ध्यान केंद्रित करेगा.
- यह मिशन भारत के निर्यात को एकल, परिणाम-आधारित और अनुकूलनीय तंत्र की ओर ले जाकर वैश्विक व्यापार चुनौतियों का तेजी से जवाब देने में मदद करेगा.
मिशन का उद्देश्य और प्रभाव
- EPM का लक्ष्य उन संरचनात्मक चुनौतियों को दूर करना है जो भारतीय निर्यात को बाधित करती हैं:
- भारतीय निर्यातकों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना, विशेष रूप से कपड़ा, चमड़ा, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग सामान और समुद्री उत्पाद जैसे क्षेत्रों में.
- विनिर्माण, लॉजिस्टिक्स और संबद्ध सेवाओं में नए रोजगार के अवसर पैदा करना.
- गैर-पारंपरिक जिलों और क्षेत्रों से निर्यात को बढ़ावा देना और नए बाजारों में विस्तार करना.
