गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 5 अक्तूबर को महाराष्ट्र में भारत की पहली सहकार-आधारित सीबीजी और स्प्रे ड्रायर पोटाश ग्रेन्युल परियोजना (Cooperative‑Run CBG & Spray Dryer Potash Project) का उद्घाटन किया.
अहिल्यानगर जिले के कोपरगांव स्थित सहकार महर्षि शंकरराव कोल्हे सहकारी चीनी मिल में यह परियोजना शुरू की गयी है.
श्री शाह ने कहा कि देश भर की 15 सहकारी चीनी मिलों में इस तरह की इकाइयाँ स्थापित की जाएँगी.
परियोजना की विशेषताएं
यह भारत में एक महत्वपूर्ण पहल है जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा और उर्वरक का उत्पादन होगा.
इस परियोजना के माध्यम से कृषि अपशिष्ट को स्वच्छ ईंधन (CBG/CNG) और जैविक पोटाश उर्वरक में बदला जाएगा. इससे पर्यावरण संरक्षण और किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी.
यह परियोजना भारत की पहली सहकारी-आधारित (Cooperative-Run) ‘संपीड़ित बायो-गैस (CBG) और स्प्रे ड्रायर पोटाश ग्रेन्युल’ परियोजना है.
परियोजना के उद्देश्य
स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन: कृषि और जैविक कचरे, जैसे गन्ने की प्रेसमड (press mud) और फसल के अवशेषों का उपयोग करके संपीड़ित बायो-गैस (CBG) का उत्पादन करना. इस CBG का उपयोग CNG के विकल्प के रूप में परिवहन और उद्योगों में किया जाएगा.
पोटाश उर्वरक उत्पादन: इस प्रक्रिया के उप-उत्पादों (by-products) का उपयोग करके ‘स्प्रे ड्रायर’ तकनीक से उच्च गुणवत्ता वाले पोटाश ग्रेन्युल (Potash Granules) उर्वरक का निर्माण करना. यह किसानों को आयातित पोटाश पर निर्भरता कम करेगा.