47वां आसियान शिखर सम्मेलन और 22वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन
47वां दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (47th ASEAN Summit) शिखर सम्मेलन और 22वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन 26 से 28 अक्टूबर 2025 तक मलेशिया के कुआलालंपुर में आयोजित किया गया था.
सम्मेलन का थीम था ‘समावेशिता और स्थिरता’ (Inclusivity and Sustainability). मलेशिया, आसियान का वर्तमान अध्यक्ष देश है.
सम्मेलन के मुख्य बिन्दु
- तिमोर-लेस्ते को औपचारिक रूप से आसियान के 11वें सदस्य के रूप में प्रवेश देने के लिए घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए गए. यह दो दशकों से अधिक समय में आसियान का पहला विस्तार है.
- थाईलैंड और कंबोडिया के बीच हालिया सीमा संघर्ष को हल करने के लिए ‘कुआलालंपुर शांति समझौते’ (Kuala Lumpur Peace Accord) पर हस्ताक्षर किए गए.
- दो महत्वपूर्ण व्यापार पहलों को अंतिम रूप दिया गया. ये पहल हैं- उन्नत आसियान व्यापार माल समझौता (ATIGA) और आसियान-चीन मुक्त व्यापार समझौता (ACFTA) 3.0
- मलेशिया ने 2025 के लिए अपनी अध्यक्षता का समापन किया और 1 जनवरी 2026 से शुरू होने वाली अध्यक्षता फिलीपींस को सौंप दी.
22वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से इस सम्मेलन को संबोधित किया और इसे भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का मुख्य स्तंभ बताया. भारत की ओर से विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने व्यक्तिगत रूप से बैठक में भाग लिया.
- प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2026 को ‘आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष’ (Year of ASEAN-India Maritime Cooperation) के रूप में मनाने की घोषणा की. इसका उद्देश्य समुद्री सुरक्षा, ब्लू इकोनॉमी, और आपदा राहत (HADR) में सहयोग को गहरा करना है.
- व्यापक रणनीतिक साझेदारी (CSP) को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की, जिसमें डिजिटल कनेक्टिविटी, सप्लाई चेन की स्थिरता और तकनीकी सहयोग पर जोर दिया गया.
- प्रधानमंत्री ने आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौते की शीघ्र समीक्षा का आह्वान करते हुए कहा कि इससे जनहित में आर्थिक क्षमता का पूरा उपयोग हो सकेगा.
