जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण का औपचारिक शुभारंभ
केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 24 सितंबर 2025 को वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) का औपचारिक रूप से शुभारंभ किया था.
यह न्यायाधिकरण GST से संबंधित विवादों के समाधान को सुगम बनाने और भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में विश्वास को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण योगदान देगा.
GSTAT क्या है?
- GSTAT का पूरा नाम ‘Goods and Services Tax Appellate Tribunal’ (वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण) है.
- यह एक वैधानिक निकाय है, जिसे वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत स्थापित किया गया है.
- इसका उद्देश्य पूरे भारत में जीएसटी विवादों के लिए एक एकीकृत अपीलीय मंच (वन नेशन, वन फोरम) तैयार करना है.
- यह ‘नागरिक देवो भव’ और अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों के सिद्धांतों के अनुरूप नागरिक-केंद्रित शासन को बढ़ावा देगा.
GSTAT का संचालन
- जीएसटीएटी का संचालन नई दिल्ली में एक प्रधान पीठ (Principal Bench) और देशभर में 45 स्थानों पर 31 राज्य पीठों (State Benches) के माध्यम से होगा.
- प्रत्येक पीठ में 2 न्यायिक सदस्य, 1 केंद्रीय तकनीकी सदस्य और 1 राज्य तकनीकी सदस्य होंगे.
- इसे तीन ‘S’ के आधार पर तैयार किया गया है:
- Structure (संरचना): न्यायिक + तकनीकी विशेषज्ञता
- Scale (विस्तार): राज्य पीठें और सरल मामलों के लिये एकल सदस्यीय पीठें
- Synergy (समन्वय): प्रौद्योगिकी, प्रक्रियाएँ और मानवीय विशेषज्ञता
अध्यक्ष और सदस्य
- सरकार ने मई, 2024 में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संजय कुमार मिश्रा को GSTAT की प्रधान पीठ का अध्यक्ष नियुक्त किया था.
- अगस्त, 2025 में, सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मयंक कुमार जैन को पीठ का न्यायिक सदस्य नियुक्त किया. सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ए वेणु प्रसाद और सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी अनिल कुमार गुप्ता तकनीकी सदस्य (राज्य) और तकनीकी सदस्य (केंद्र) होंगे.