मिशन सुदर्शन चक्र: भारत ने एकीकृत हवाई रक्षा प्रणाली का पहला सफल परीक्षण किया
भारत ने मिशन सुदर्शन चक्र के अंतर्गत 23 अगस्त को एकीकृत हवाई रक्षा प्रणाली (IADWS) का पहला सफल परीक्षण किया था. यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के चांदीपुर से किया था. इस दौरान प्रणाली से तीन लक्ष्यों को सफलतापूर्वक नष्ट किया.
एकीकृत हवाई रक्षा प्रणाली (IADWS)
IADWS का पूरा नाम Integrated Air Defence Weapon System है. यह एक बहु-स्तरीय स्वदेशी सतह-से-हवा में मार करने वाली कम दूरी की हवाई रक्षा प्रणाली है.
IADWS में, QRSAM (त्वरित मिसाइल), VSHORADS (वायु रक्षा प्रणाली) और DEW (लेजर आधारित उच्च ऊर्जा अस्त्र) शामिल हैं:
- QRSAM: QRSAM (Quick Reaction Surface-to-Air Missile) छोटी दूरी की मिसाइल प्रणाली है, जो तेजी से प्रतिक्रिया देती है. यह 3 से 30 km की दूरी तक लक्ष्य को नष्ट कर सकती है.
- VSHORADS: VSHORADS (Very Short Range Air Defence System) चौथी पीढ़ी का पोर्टेबल वायु रक्षा प्रणाली है. यह 300 मीटर से 6 किलोमीटर की दूरी तक ड्रोन, हेलीकॉप्टर और अन्य छोटे हवाई खतरों को नष्ट कर सकता है.
- DEW: DEW (Directed Energy Weapon): एक अत्याधुनिक लेजर हथियार है, जो ड्रोन और अन्य हवाई लक्ष्यों को 3 किलोमीटर से कम दूरी पर नष्ट कर सकता है.
इन तीनों हथियारों का संचालन एक केंद्रीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के जरिए होता है, जिसे DRDO ने विकसित किया है.
IADWS की विशेषताएं
- IADWS विभिन्न प्रकार के हवाई खतरों जैसे ड्रोन, क्रूज मिसाइल, हेलीकॉप्टर और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमान—को नष्ट करने में सक्षम है. इसकी रेंज 30 km तक है.
- यह पूरी तरह से स्वदेशी है जो आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूत करती है. ये बार-बार इस्तेमाल किए जा सकते हैं, जिससे इनकी लागत भी पारंपरिक हथियारों की तुलना में कम है.
- IADWS का सबसे खास हिस्सा इसका लेजर आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) है. लेजर हथियारों की खासियत यह है कि वे प्रकाश की गति से सटीक हमला करते हैं.
- यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि लेजर हथियारों की तकनीक में महारत हासिल करने वाले देशों की सूची में अब भारत भी शामिल हो गया है.
सुदर्शन चक्र मिशन
- IADWS भारत के महत्वपूर्ण ठिकानों को हवाई हमलों से बचाने के लिए बनाई गई ‘सुदर्शन चक्र मिशन’ का हिस्सा है.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर सुदर्शन चक्र की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि यह रक्षा कवच न केवल दुश्मन के हमलों को रोकेगा, बल्कि जवाबी हमला करने की ताकत भी रखेगा.
