रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 25 जुलाई को मिसाइल ‘ULPGM-V3’ का सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण आंध्र प्रदेश के कुरनूल स्थित नेशनल ओपन एरिया रेंज से किया गया.
परीक्षण के दौरान ULPGM-V3 को एक मानवरहित वायुयान (ड्रोन) से छोड़ा गया. इस मानवरहित वायुयान को बेंगलुरु की भारतीय स्टार्टअप न्यूस्पेस रिसर्च टेक्नोलॉजीज ने स्वदेशी रूप से विकसित किया है.
ULPGM-V3: मुख्य बिन्दु
ULPGM-V3 का पूरा नाम Unmanned Aerial Vehicle Launched Precision Guided Missile-V3 है.
ULPGM-V3 मानवरहित वायुयान (ड्रोन) से दागे जाने वाली सटीक मारक क्षमता वाली मिसाइल है. यह ULPGM-V2 का उन्नत संस्करण है.
यह मिसाइल विभिन्न प्रकार के लक्ष्यों को भेद सकती है. इसे मैदानी इलाकों और ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों दोनों में इस्तेमाल किया जा सकता है.
यह मिसाइल दिन और रात दोनों समय में लक्ष्यों को भेदने की क्षमता रखती है. इसमें दो-तरफा डेटा लिंक है, जिससे प्रक्षेपण के बाद इसके लक्ष्य में बदलाव किया जा सकता है.
यह तीन मॉड्यूलर वारहेड से लैस है जिसमें आधुनिक बख्तरबंद गाड़ियों को नष्ट करने के लिए बख्तरबंद रोधी प्रणाली है.
ULPGM का विकास
ULPGM मिसाइल का विकास DRDO ने स्वदेशी रूप से किया है. इस परियोजना में अडाणी डिफेंस, भारत डायनमिक्स लिमिटेड और लगभग 30 मध्यम एवं लघु स्टार्टअप ने सहयोग किया है.
DRDO: एक दृष्टि
DRDO, रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) का संक्षिप्त रूप है. यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एक संगठन है. यह सैन्य अनुसंधान तथा विकास से संबंधित कार्य करता है.
इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है. DRDO का आदर्श वाक्य ‘बलस्य मूलं विज्ञानं’ है. पूरे देश में DRDO की 52 प्रयोगशालाओं का नेटवर्क है.
DRDO देश की सुरक्षा के लिए मिसाइल, रडार, सोनार, टॉरपीडो आदि का निर्माण करती है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2025-07-26 17:38:192025-07-26 17:38:19DRDO ने ULPGM-V3 मिसाइल का सफल परीक्षण किया