प्रदूषण नियंत्रण पोत ‘समुद्र प्रचेत’ का जलावतरण किया गया

‘समुद्र प्रचेत’ का जलावतरण

  • भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के लिए निर्मित प्रदूषण नियंत्रण पोत (PCV) ‘समुद्र प्रचेत’ (Samudra Prachet) का 23 जुलाई 2025 को सफलतापूर्वक जलावतरण किया गया. यह जलावतरण गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) ने वास्को, गोवा स्थित अपने शिपयार्ड में किया.
  • किसी जहाज के जलावतरण का अर्थ है, उस जहाज को उसके निर्माण के बाद पहली बार पानी में उतारना. इसे ‘लॉन्चिंग’ भी कहा जाता है.

समुद्र प्रचेत क्या है?

  • समुद्र प्रचेत, एक उन्नत प्रदूषण नियंत्रण पोत (Pollution Control Vessel) है. यह भारतीय EEZ (एक्सक्लूसिव इकॉनोमिक जोन) में किसी भी तेल रिसाव के हालात में तेज और प्रभावी प्रतिक्रिया देने में मदद करेगा.
  • इस पोत (वेसेल) का डिजाइन और निर्माण गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) ने भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के लिए किया है. यह पूरी तरह से स्वदेशी है.
  • जहाज की लंबाई 114.5 मीटर और चौड़ाई 16.5 मीटर है. इसका कुल वजन 4170 टन है.

भारतीय तटरक्षक बल (ICG)

  • भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) भारत का एक समुद्री बल है जो देश के समुद्री क्षेत्रों की सुरक्षा, तटीय सुरक्षा, और समुद्री खोज और बचाव कार्यों के लिए जिम्मेदार है.
  • ICG, रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करता है. इसकी स्थापना 1 फरवरी 1977 को किया गया था. इसका आदर्श वाक्य ‘वयं रक्षामह’ (हम रक्षा करते हैं) है.
  • इसका मुख्य उद्देश्य भारत के समुद्री हितों की रक्षा करना, समुद्री पर्यावरण की सुरक्षा करना, और समुद्री आपदाओं के दौरान बचाव कार्यों में सहायता करना है. ICG, भारतीय नौसेना से अलग है, जो युद्ध के लिए तैयार बल है.
  • तेल रिसाव के कारण समुद्र में होने वाले समुद्री प्रदूषण की स्थिति में भारतीय तटरक्षक बल, भारत की सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला बल है.

गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL)

  • गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) 1957 में स्थापित, सार्वजनिक क्षेत्र का एक उपक्रम है जो भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के लिए जहाजों का निर्माण करता है. यह रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है.
  • भारतीय तटरक्षक बल ने GSL के साथ दो प्रदूषण नियंत्रण पोत बनाने का अनुबंध किया था. इस अनुबंध के तहत निर्मित पहला पोत ‘समुद्र प्रताप’ था जिसका जलावतरण 29 अगस्त 2024 को किया गया था. दूसरा पोत ‘समुद्र प्रचेत’ है.