थाईलैंड और कंबोड‍िया के बीच संघर्ष-विराम पर सहमति, जानिए क्या है विवाद का कारण

  • थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 28 जुलाई को संघर्ष-विराम पर  सहमति बन गई है. दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर 24 जुलाई से संघर्ष जारी था.
  • मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने दोनों देशों के बीच सीजफायर के लिए वार्ता बैठक की मध्यस्थता की. वार्ता के अनुसार दोनों देश 28 जुलाई की मध्यरात्रि से तत्काल और बिना शर्त संघर्ष-विराम पर सहमत हुए.
  • इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्ष-विराम होने  की बात कही थी. ट्रंप ने संघर्ष-विराम नहीं करने की स्थिति में दोनों देशों के साथ व्यापार समझौते पर बात नहीं करने की चेतावनी दी थी.

मलेशिया में वार्ता बैठक

  • मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन) के प्रमुख के रूप में वार्ता की अध्यक्षता की थी. यह वार्ता बैठक मलेशिया में आयोजित किया गया था.
  • इस वार्ता में कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट और थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुनथाम वेचायाचाई शामिल हुए थे. इसमें चीनी और अमेरिकी राजदूतों ने भी हिस्सा लिया.

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्ष

  • थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्ष 24 जुलाई को सीमा पर एक बारूदी सुरंग विस्फोट में पांच थाई सैनिकों के घायल होने के बाद शुरू हो गया था.
  • दोनों पक्षों ने संघर्ष शुरू करने के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया, जिसमें कम से कम 35 लोग मारे गए और दोनों पक्षों के 2,60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए.
  • दोनों देशों ने अपने राजदूतों को वापस बुला लिया और थाईलैंड ने कंबोडिया के साथ सभी सीमा चौकियां भी बंद कर दी थी.

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवाद का कारण

  • थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवाद, फ़्रांसीसी क़ब्ज़े के बाद कंबोडिया की सीमाएं तय करने से ही शुरू हो गया था. थाईलैंड ने इसका तीखा विरोध किया था.
  • 2008 में कंबोडिया ने एक विवादित क्षेत्र में स्थित 11वीं सदी के ‘प्रेह विहेयर मंदिर‘ को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट के तौर पर रजिस्टर कराने की कोशिश की. थाईलैंड ने इसका तीखा विरोध किया. इसके बाद दोनों देशों के बीच कई बार झड़पें हुईं.
  • दोनों के बीच तनाव मई 2025 में तब निचले स्तर पर पहुंच गया, जब एक झड़प में कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई.

विवाद का कारण प्रेह विहेयर मंदिर

  • प्रेह विहेयर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. इसका निर्माण 11वीं सदी में हुआ था. यह मंदिर अपनी बेहतरीन वास्तुकला का नमूना है.
  • प्रेह विहेयर मंदिर विवाद पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस (ICJ) ने 15 जून 1962 में अपना फ़ैसला सुनाया था जिसमें मंदिर को कंबोडियाई क्षेत्र का हिस्सा बताया था.
  • कंबोडिया ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में शिकायत की थी कि थाईलैंड ने इस मंदिर के खंडहरों से घिरे उसके क्षेत्र क़ब्ज़ा कर लिया है.
  • ICJ ने यह निर्णय साल 1904 की फ़्रैंको-सायामी संधि और एक संयुक्त सीमा-निर्धारण आयोग के बनाए नक्शे के आधार पर दिया था.