भारतीय नौसेना के नए पनडुब्बी रोधी युद्धपोत ‘अजय’ का जलावतरण
भारतीय नौसेना के लिए तैयार की गई उथले पानी का पनडुब्बी रोधी युद्धपोत (Anti-Submarine Warfare Shallow Water Craft) ‘अजय’ (Ajay) का 21 जुलाई को सफलतापूर्वक जलावतरण किया गया.
GRSE द्वारा तैयार की गई जलपोतों की श्रृंखला का अंतिम पोत
- कोलकाता स्थित रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) द्वारा तैयार की गई आठ पनडुब्बी रोधी जलपोतों की श्रृंखला का अंतिम पोत है.
- इस प्रोजेक्ट के 8 पनडुब्बी रोधी युद्धपोत हैं: अर्नाला, अंजादीप, अमिनी, अग्रे, एंड्रोथ, अक्षय, अझिक्कल और अजय.
- इस प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए सभी आठ पोत भारतीय नौसेना के लिए विशेष रूप से डिजाइन और निर्मित किए गए हैं जिनमें 80% से ज्यादा स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है.
- केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने 2014 में भारतीय नौसेना के लिए 16 विशेष पनडुब्बी रोधी युद्धक पोतों (ASW SWC) के निर्माण को मंज़ूरी दी थी.
- आठ युद्धक पोत GRSE को और आठ कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) को दिए गए थे. GRSE द्वारा विकसित जहाजों को ‘अर्नाला श्रेणी’, जबकि CSL द्वारा बनाए जा रहे जहाजों को ‘माहे श्रेणी’ कहा जाता है.
INS अजय की विशेषता
- INS अजय पनडुब्बी रोधी युद्धपोत की लंबाई 77.6 मीटर और चौड़ाई 10.5 मीटर है. इसको खास तौर पर शैलो वॉटर (कम गहराई वाले समुद्र क्षेत्र) में पनडुब्बी खोज और हमले के लिए डिजाइन किया गया है.
- इनकी प्रमुख विशेषताओं में सतही लक्ष्यों के विरुद्ध कार्रवाई, खदान बिछाने की क्षमता और तटीय क्षेत्रों में गश्त शामिल है.
- ये युद्धपोत हल्के टॉरपीडो, पनडुब्बी रोधी रॉकेट और अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं. ये विमान के साथ समन्वित पनडुब्बी रोधी अभियान चलाने में भी सक्षम हैं.