RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा: नया रेपो दर 5.5 प्रतिशत
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 4-6 जून को मुंबई में हुई थी. बैठक की अध्यक्षता बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने की थी. यह चालू वित्त वर्ष (2025-26) की दूसरी द्विमासिक (जून-जुलाई) मौद्रिक नीति (2nd Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी.
MPC की बैठक, जून 2025: मुख्य बिंदु
- इस बैठक में RBI ने रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती की है. इस कटौती के बाद रेपो रेट अब घटकर 5.5 % रह गई है. फरवरी 2025 से अब तक आरबीआई ने नीतिगत रेपो दर में 100 आधार अंकों (1%) की कटौती की है.
- यह लगातार तीसरी बार है जब रेपो दर में कटौती की गई है. फरवरी 2025 में आरबीआई ने नीतिगत रेपो दर में 0.25% की कटौती की थी. अप्रैल 2025 में पुनः 0.25% की कटौती की गई थी.
- RBI ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 1% की कटौती करके इसे 3% करने की भी घोषणा की है.
- RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लिए विकास दर के पूर्वानुमान को 6.5% बरकरार रखा है.
- 2024-25 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत और 2023-24 में 9.2 प्रतिशत थी.
रेपो दर में परिवर्तन का प्रभाव
- रिजर्व बैंक जिस रेट पर बैंकों को कर्ज (लोन) देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं. रेपो रेट के कम या अधिक होने का प्रभाव कर्ज पर पड़ता है. रेपो दर में वृद्धि से बैंकों को RBI से अधिक व्याज पर कर्ज मिलता है. यानी RBI के इस कदम से कर्ज महंगा होगा.
- RBI बढ़ते मुद्रास्फीति (महंगाई दर) पर नियंत्रण के लिए नीतिगत रेपो दर में वृद्धि करता है, जबकि बाजार में मांग को बढाने के लिए रेपो दर में कमी करता है.
- रेपो दर में वृद्धि से लोग अपने बचत को खर्च करने के बजाय बैंक में जमा करने को प्रोत्साहित होते हैं, जिससे मांग घटेगी और महंगाई कम होगी.
वर्तमान दरें: एक दृष्टि
नीति रिपो दर | 5.5% |
रिवर्स रेपो दर | 3.35% |
स्थायी जमा सुविधा (SDF) | 5.25% |
सीमांत स्थायी सुविधा दर (MSF) | 5.75% |
बैंक दर | 5.75% |
नकद आरक्षित अनुपात (CRR) | 3% |
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR) | 18% |
मौद्रिक नीति समिति (MPC): एक दृष्टि
- RBI की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) भारत सरकार द्वारा गठित एक समिति है. इसका गठन RBI अधिनियम 1934 के प्रावधानों के तहत 29 सितंबर 2016 को किया गया था.
- यह भारत सरकार द्वारा निर्धारित मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आरबीआई की नीतिगत ब्याज दर निर्धारित करती है.
- मौद्रिक नीति समिति में वर्तमान में 6 सदस्य हैं. इसमें तीन सदस्य RBI से होते हैं और तीन अन्य स्वतंत्र सदस्य भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं.
- समिति की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर करता है. इस समिति का गठन उर्जित पटेल कमिटी की सिफारिश के आधार किया गया था.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
- भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
- RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
- पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.