मिजोरम को भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया

  • मिजोरम, पूर्ण साक्षरता हासिल करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है. मिजोरम के मुख्‍यमंत्री लालदुहोमा ने 20 मई को मिजोरम को देश का पहला कार्यात्मक रूप से पूर्ण साक्षर राज्‍य घोष‍ित किया.
  • सरकार की उल्लास (ULLAS) योजना ने मिजोरम को पूर्णतः साक्षर राज्य का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
  • ULLAS योजना के तहत राज्‍य में साक्षरता दर 98.2% पहुंच गया है जो कि मिजोरम शिक्षा मंत्रालय के 95% बेंचमार्क से अधिक है.
  • किसी राज्‍य को पूर्ण साक्षर घोषित करने के लिए उसे शिक्षा मंत्रालय के तय बेंचमार्क को ही पार करना होता है.
  • मिजोरम से पहले 24 जून 2024 को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख भारत में पूर्ण कार्यशील साक्षरता दर्जा हासिल करने वाला भारत का पहला केंद्र शासित प्रदेश बना था.

साक्षरता क्या है?

साक्षरता का अर्थ है पढ़ने, लिखने और सुनने की क्षमता, जो हमें प्रभावी ढंग से संवाद करने और दुनिया को समझने में मदद करती है.

राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के अनुसार कोई व्यक्ति कार्यात्मक रूप से साक्षर है यदि:

  1. वह पढ़, लिख और सरल गणित कर सकता है.
  2. अपने अभाव के कारणों से अवगत है और विकास की प्रक्रिया में भाग लेकर अपनी स्थिति में सुधार लाने की क्षमता रखता है.
  3. आर्थिक स्थिति और अपने कल्याण में सुधार करने के लिए कौशल प्राप्त करता है.
  4. राष्ट्रीय एकीकरण, महिलाओं की समानता, पर्यावरण संरक्षण और छोटे परिवार के मानदंडों का पालन जैसे मूल्यों को आत्मसात करता है.

उल्लास (ULLAS) योजना क्या है?

  • ULLAS, Understanding of Lifelong Learning for All in Society का संक्षिप्त रूप है. भारत सरकार ने 2022 में उल्लास शुरू किया था. योजना के लिए कुल परिव्यय 1037.90 करोड़ रुपये है.
  • इस कार्यक्रम को सामुदायिक भागीदारी और स्वैच्छिक भागीदारी के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है.
  • इसका लक्ष्य 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के वयस्क हैं, जिन्होंने औपचारिक स्कूली शिक्षा नहीं ली है.

इसके पाँच घटक हैं:

  1. मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता,
  2. बुनियादी शिक्षा,
  3. महत्वपूर्ण जीवन कौशल,
  4. व्यावसायिक कौशल और
  5. सतत शिक्षा.