भारत में पहली बार जीन-संपादित भेड़ विकसित की गई है. यह उपलब्धि जम्मू-कश्मीर स्थित शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (SKUAST) के वैज्ञानिकों ने CRISPR-Cas9 तकनीक का उपयोग करके प्राप्त की है.
इस परियोजना का उद्देश्य एक सामान्य भेड़ की तुलना में अधिक मांसपेशियों वाली प्राकृतिक रूप से जन्मी भेड़ प्राप्त करना था.
वैज्ञानिकों ने इसमें मायोस्टैटिन नामक जीन को बदला, जिससे मांसपेशियां 30 प्रतिशत तक बढ़ गया. इस भेड़ में कोई विदेशी DNA नहीं है, इसलिए यह भारत के मौसम के अनुकूल है.
इस परियोजना का नेतृत्व डॉ. रियाज शाह ने किया. SKUAST-कश्मीर पहले भी ‘नूरी’ नाम की पहली क्लोन पश्मीना बकरी बना चुका है.
क्या है जीन-संपादन
जीन-संपादन (Gene Editing) एक आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी तकनीक है जिसकी सहायता से वैज्ञानिक किसी जीव के DNA (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) में बदलाव कर सकते हैं.
CRISPR-Cas9 इस क्षेत्र में सबसे उन्नत तकनीक है जो आनुवंशिक सामग्री को जोड़ने, हटाने या बदलने में सक्षम है. भेंड को विकसित करने में इसी तकनीक का प्रयोग किया गया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2025-05-31 16:03:112025-06-01 16:34:56भारत में पहली बार जीन-संपादित भेड़ विकसित की गई