भारत यूरोड्रोन कार्यक्रम में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल हुआ

  • भारत आधिकारिक तौर पर एक पर्यवेक्षक राष्ट्र के रूप में यूरोप के मल्टीनेशनल ‘यूरोड्रोन’ (Eurodrone) कार्यक्रम में शामिल हो गया है.
  • यह घोषणा ऑर्गनाइजेशन ऑफ ज्वाइंट आर्मामेंट कोऑपरेशन (OCCAR) ने हाल ही में की है. OCCAR के निदेशक जोआचिम सकर ने 21 जनवरी को बर्लिन में भारतीय दूतावास को पर्यवेक्षक राष्ट्र का स्वीकृति पत्र सौंपा.
  • यूरोड्रोन में यूरोप की कई प्रमुख कंपनियां शामिल है. यह मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस (MALE) रिमोटली पायलटेड एयर सिस्टम (RPAS) कार्यक्रम है.
  • इस प्रोग्राम में शामिल होने से भारतीय रक्षा उद्योगों को फायदा होने की उम्मीद है. इससे भारत को यूरोप की स्टेट ऑफ ऑर्ट रक्षा तकनीक के मिलने की संभावना भी कई गुना ज्यादा बढ़ जाएगी.
  • OCCAR यूरोप की कई प्रमुख डिफेंस प्रोजेक्ट की देखरेख करता है. इनमें A400M एटलस एयरलिफ्टर, बॉक्सर आर्मर्ड यूटिलिटी व्हीकल, टाइगर अटैक हेलीकॉप्टर और होराइजन मिड-लाइफ अपग्रेड (MLU)/FREMM मल्टीरोल फ्रिगेट शामिल हैं.
  • भारत अब जापान के बाद यूरोड्रोन कार्यक्रम में पर्यवेक्षक का दर्जा पाने वाला दूसरा एशिया-प्रशांत देश बन गया है.
  • पर्यवेक्षक बनने से भारत को यूरोड्रोन के तकनीकी डेटा तक पहुंच और विमानों के लिए ऑर्डर देने की क्षमता बढ़ जाएगी. हालांकि, पर्यवेक्षक देश प्लेटफ़ॉर्म के डिज़ाइन, विकास या भाग लेने वाले देशों के बीच वर्कशेयर के वितरण के बारे में निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में शामिल नहीं होते हैं.
  • यूरोड्रोन चार-देशीय पहल है, जिसमें जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्पेन शामिल हैं. 2016 में शुरू किए गए यूरोड्रोन कार्यक्रम का अनुमानित मूल्य €7 बिलियन ($7.3 बिलियन) है. एयरबस, डसॉल्ट और लियोनार्डो जैसे प्रमुख उद्योग भागीदार इस परियोजना को आगे बढ़ा रहे हैं.
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