26 जनवरी 2025: भारत का 76वां गणतंत्र दिवस
26 जनवरी 2025 को 76वां गणतंत्र दिवस मनाया गया. इस अवसर पर मुख्य समारोह राष्ट्रीय राजधानी में कर्तव्य पथ (राजपथ) पर आयोजित किया गया था. यहां हर साल की तरह देश की संस्कृति को दिखाने वाली झाकियों के साथ भारतीय सेना ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया.
76वां गणतंत्र दिवस: मुख्य बिन्दु
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में समग्र राष्ट्र का नेतृत्व किया.
- इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो गणतंत्र दिवस परेड समारोह में मुख्य अतिथि थे.
- गणतंत्र दिवस समारोह में यह पहली बार था जब परेड की शुरुआत 100 से अधिक महिला कलाकार भारतीय संगीत वाद्य यंत्र बजाते हुए किया.
- परेड में 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ 10 मंत्रालयों और विभागों की अनूठी थीम वाली झांकियां शामिल हुए.
- इस बार झांकियों का थीम था- ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’.
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया था.
‘प्रलय’ मिसाइल को परेड में शामिल किया गया
- भारत की पहली टैक्टिकल क्वासी-बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ को 26 जनवरी 2025 के गणतंत्र दिवस परेड में शामिल किया गया.
- यह सतह से सतह पर मार करने वाली कम दूरी की स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) है, जिसकी मारक क्षमता 150-500 किमी है.
- इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है. यह मिसाइल 350-700 किलोग्राम का पारंपरिक वारहेड ले जाने में सक्षम है, जिससे यह घातक क्षमताएँ प्रदान करती है.
- यह ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर और कई नई तकनीकों से सुसज्जित है, लेकिन इसकी सटीकता इसका मुख्य आकर्षण है.
गणतन्त्र दिवस क्या है?
गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है. यह दिवस 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के आधिकारिक रूप से लागू होने की याद में मनाया जाता है. इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था.
किसी देश को गणतंत्र तब माना जाता है जब उस देश के प्रमुख का निर्वाचन जनता द्वारा किया जाए. एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान-सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था.
गणतन्त्र दिवस समारोह का इतिहास
पहला गणतंत्र दिवस समारोह 1950 में दिल्ली के इरविन एम्पीथियेटर में मनाया गया था. जिसे वर्तमान में मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम के रूप में जाना जाता है. बाद के वर्षों में यह समारोह परेड़ किंग्जवे, लाल किला और रामलीला मैदान में आयोजित की गई.
1955 में कर्तव्य पथ (राजपथ) परेड़ के लिए स्थायी स्थल बन गया. उस समय राजपथ को किंग्जवे नाम से जाना जाता था. 1955 में जब राजपथ पर परेड़ हुई तब पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था.
बीटिंग रीट्रिट के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन
हर साल 29 जनवरी को विजय चौक पर होने वाले समारोह ‘बीटिंग रीट्रिट’ के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है. यह 1950 के दशक की शुरूआत में उस समय शुरू हुआ जब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने बैंड द्वारा प्रदर्शन का अनूठा तरीका विकसित किया था.