3 दिसंबर: अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस, राष्‍ट्रीय दिव्‍यांग जन सशक्तीकरण पुरस्‍कार

प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस (International Day of Persons With Disabilities) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्‍य दिव्‍यांगों के हितों की रक्षा करना और समाज में हर वर्ग के दिव्‍यांगों की बेहतरी के लिए जागरूकता पैदा करना है.

इस वर्ष यानी 2024 के ‘अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस’ का मुख्य विषय (थीम) ‘समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए दिव्यांग व्यक्तियों के नेतृत्व को बढ़ाना’ (Amplifying the Leadership of Persons with Disabilities for an Inclusive and Sustainable Future) है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 दिसंबर को अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाने का निर्णय 1992 में लिया था.

दिव्यांग से तात्पर्य

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिसम्बर 2015 में विकलांगों को दिव्यांग कहने की अपील की थी. जो विशेष रूप से सक्षम लोगों की विशेष क्षमताओं की ओर इशारा करता है साथ ही समाज के हर वर्ग से अपील करता है कि वो अपने नज़रिए को सकारात्मक की ओर ले जाएं.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान की. यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिया जाता है.

सुगम्य भारत अभियान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिसंबर 2015 में ‘सुगम्य भारत अभियान’ की शुरूआत की थी. इस अभियान का उद्देश्य दिव्यांग जनों के लिए सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना है.

राष्‍ट्रीय दिव्‍यांग जन सशक्तीकरण पुरस्‍कार

  • राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 3 दिसम्बर को अंतर्राष्ट्रीय दिव्‍यांगजन दिवस पर राष्ट्रीय दिव्‍यांग जन सशक्तीकरण पुरस्‍कार प्रदान किया.
  • इस अवसर पर कुल 22 व्यक्तियों और 11 संस्‍थानों को राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया.
  • सर्वश्रेष्‍ठ दिव्‍यांगजन श्रेणी में व्‍यक्तिगत उत्‍कृष्‍टता के लिए अमर जैन को राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार से सम्मानित किया गया.
  • अमर जैन शत प्रतिशत दृष्टि बाधित लोगों को कानूनी परामर्श उपलब्ध कराते हैं.
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