प्रत्येक वर्ष 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस (World Toilet Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मानाने का उद्देश्य शौचालय को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना और स्वच्छता को वैश्विक विकास की प्राथमिकता बनाना है.
इस वर्ष यानी 2024 में विश्व शौचालय दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘शौचालय – शांति का स्थान’ (Toilets – A Place for Peace) है.
विश्व शौचालय दिवस की स्थापना सिंगापुर के जैक सिम द्वारा 19 नवंबर 2001 में की गई थी. जैक से 2001 में वर्ल्ड टॉयलेट ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की थी. हालांकि, 2013 में संयुक्त राष्ट्र संगठन द्वारा ऑफिशियल तौर पर संयुक्त राष्ट्र विश्व शौचालय दिवस की घोषणा की गई.
मानव मल से जानलेवा बीमारियां फैलती हैं और इसके लिए शौचालय का प्रयोग जरूरी है. WHO की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में लगभग 360 करोड़ लोग टॉयलेट से वंचित हैं. इसे देखते हुए समावेशी विकास के लक्ष्यों के तहत वर्ष 2030 तक हर घर में शौचालय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
भारत में विश्व शौचालय दिवस देश की खुले में शौच मुक्त (ODF) स्थिति को बनाए रखने की दिशा में प्रयासों को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के तौर पर मनाया जाता है.