न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भारत के 51वें मुख्य़ न्यायाधीश बने
सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने भारत के 51वें मुख्य़ न्यायाधीश के रूप में 11 नवंबर 2024 को शपथ ली. राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें शपथ दिलाई. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का स्थान लिया, जो 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हो गए थे. न्यायमूर्ति खन्ना 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होंगे, जब वह 65 वर्ष के होंगे.
मुख्य बिन्दु
- जस्टिस संजीव खन्ना 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए थे. उन्हें 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश और 2006 में साइन न्यायाधीश बनाया गया. जनवरी 2019 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया.
- जस्टिस संजीव खन्ना सर्वोच्च न्यायालय के कई ऐतिहासिक निर्णयों का हिस्सा रहे हैं-जैसे अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखना, चुनावी बॉन्ड योजना को समाप्त करना तथा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के उपयोग को बरकरार रखना.
भारत के मुख्य न्यायाधीश: एक दृष्टि
- भारत का मुख्य न्यायधीश (Chief Justice of India) भारतीय न्यायपालिका तथा सर्वोच्च न्यायालय का अध्यक्ष होता है. न्यायमूर्ति श्री एचजे कनिया भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश थे.
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124(2) के अनुसार राष्ट्रपति अपनी इच्छानुसार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सलाह पर मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते हैं. वहीं अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति मुख्य न्यायाधीश की सलाह पर करते हैं.
- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का वेतन 2,80,000 मासिक और न्यायाधीश का वेतन 2,50,000 मासिक है. इनके लिए वेतन संसद तय करती है जो कि संचित निधि से पारित होती है. न्यायाधीश का कार्यकाल 65 वर्ष की आयु तक होता है.
भारत का सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court of India): एक दृष्टि
- भारत के सर्वोच्च न्यायालय को 1937 में भारत सरकार अधिनियम 1935 के तहत भारत के संघीय न्यायालय के रूप में स्थापित किया गया था.
- 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के लागू होने के बाद संघीय न्यायालय को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में परिवर्तित कर दिया गया. भारत का सर्वोच्च न्यायालय 28 जनवरी 1950 को अस्तित्व में आया.
- भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कुल 34 न्यायाधीश होते हैं जिनमें एक मुख्य न्यायाधीश और 33 अन्य न्यायाधीश शामिल हैं. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं.