केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर के पांच जिलों में AFSPA को पुन: लागू किया

  • केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने जातीय हिंसा बढ़ने के कारण मणिपुर के पांच जिलों के कुछ हिस्सों में 14 नवंबर 2024 को सशस्त्र बल (विशेष शक्ति) अधिनियम (AFSPA) को पुन: लागू कर दिया गया है.
  • इन जिलों के नाम इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, जिरीबाम, बिष्णुपुर एवं कांगपोकपी हैं. यह 31 मार्च, 2025 तक प्रभावी रहेगा.
  • यह 31 मार्च, 2025 तक प्रभावी रहेगा. सुरक्षा स्थिति एवं जनता के विश्वास में सुधार के बाद अप्रैल 2022 में मणिपुर के कई हिस्सों से AFSPA हटा लिया गया था.

AFSPA क्‍या है?

  • AFSPA का पूरा नाम The Armed Forces (Special Powers) Act, 1958 है. यह अधिनियम 11 सितंबर 1958 को AFSPA लागू हुआ था. केंद्र सरकार या राज्यपाल पूरे राज्य या उसके किसी हिस्से में AFSPA लागू कर सकते हैं.
  • AFSPA के जरिए सुरक्षा बलों को कई खास अधिकार दिए गये हैं. इसके तहत सुरक्षा बलों को कानून के खिलाफ जाने वाले व्यक्ति पर गोली चलाने, सर्च और गिरफ्तारी का अधिकार है.
  • AFSPA के तहत किसी तरह की कार्रवाई करने पर सैनिकों के खिलाफ किसी तरह की कानूनी कार्यवाही नहीं की जा सकती है.
  • शुरू में यह पूर्वोत्तर और पंजाब के उन क्षेत्रों में लगाया गया था, जिनको ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया गया था. इनमें से ज्यादातर ‘अशांत क्षेत्र’ की सीमाएं पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश और म्यांमार से सटी थीं.
  • अप्रैल 2022 में केंद्र ने नागालैंड, असम और मणिपुर के कई हिस्सों में AFSPA के तहत आने वाले क्षेत्रों में कमी की गयी थी.
  • 2015 में त्रिपुरा, 2018 में मेघालय और 1980 के दशक में मिजोरम से इस अधिनियम को हटा लिया गया था. इन कटौतियों के बावजूद, जम्मू और कश्मीर में AFSPA लागू है.
  • कई राजनीतिक दल और संगठन AFSPA को हटाने की मांग कर रहे हैं. आलोचकों का तर्क है कि AFSPA के कारण मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ है, जबकि समर्थकों का दावा है कि संघर्ष-ग्रस्त क्षेत्रों में व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है.
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