वर्ष 2024 का बुकर पुरस्कार ब्रिटेन की सामंथा हार्वे को दिया गया. यह पुरस्कार उनके उपन्यास ‘ऑर्बिटल’ के लिए दिया गया है. पुरस्कार की घोषणा 12 नवंबर 2024 को लंदन के ओल्ड बिलिंग्सगेट में की गई.
यह पुरस्कार 1 अक्टूबर 2023 और 30 सितंबर 2024 के बीच यूनाइटेड किंगडम या आयरलैंड में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ अंग्रेजी भाषा के उपन्यास के लिए दिया गया.
‘ऑर्बिटल’ उपन्यास में छह अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर बिताए दिन की कहानी है.
बुकर पुरस्कार: एक दृष्टि
बुकर पुरस्कार का पूरा नाम ‘मैन बुकर पुरस्कार फ़ॉर फ़िक्शन’ (Man Booker Prize for Fiction) है. इसकी स्थापना सन् 1969 में इंगलैंड की बुकर मैकोनल कंपनी द्वारा की गई थी.
यूनाइटेड किंगडम या आयरलैंड में प्रकाशित अंग्रेजी भाषा के सर्वश्रेष्ठ उपन्यास के लिए हर वर्ष दिया जाता है.
इस पुरस्कार विजेता को 60,000 पाउंड की इनाम राशि प्रदान की जाती है.
पहला बुकर पुरस्कार वर्ष 1969 में इंगलैंड के उपन्यासकार पी एच नेवई (P. H. Newby) को ‘Something to Answer For’ के लिए दिया गया था.
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार
बुकर पुरस्कार, अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से अलग है. अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार को पहले मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के नाम से जाना जाता था. अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार वर्ष 2005 में प्रारंभ किया गया था.
2005 से 2015 तक यह पुरस्कार हर दो साल में किसी भी राष्ट्रीयता के जीवित लेखक को अंग्रेजी में प्रकाशित या आम तौर पर अंग्रेजी अनुवाद में उपलब्ध कार्यों के लिए दिया जाता था.
2016 से, यह पुरस्कार अंग्रेजी में अनुवादित और यूनाइटेड किंगडम या आयरलैंड में प्रकाशित एकल कथा या लघु कथाओं के संग्रह को प्रतिवर्ष दिया जाता है.
पहला अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार वर्ष 2005 में अलबानिया के उपन्यासकार इस्माइल कादरे को दिया गया था.
इस पुरस्कार विजेता को 50,000 पाउंड की इनाम राशि प्रदान की जाती है. नियमों के अनुसार यह ईनाम राशि लेखक और अनुवादक के बीच बराबर-बराबर बांटी जाती है.
बुकर पुरस्कार पाने वाले भारतीय: एक दृष्टि
लेखक
उपन्यास
वर्ष
1. वी एस नाइपॉल
इन ए फ़्री स्टेट
1971
2. सलमान रश्दी
मिडनाइट्स चिल्ड्रेन
1981
3. अरुंधति राय
द गॉड ऑफ़ स्माल थिंग्स
1997
4. किरण देसाई
द इनहैरिटैंस ऑफ लॉस
2006
5. अरविन्द अडिग
द व्हाइट टाइगर
2008
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार पाने वाले भारतीय
भारतीय हिंदी लेखिका गीतांजलि श्री को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया था. उन्हें यह पुरस्कार उनके द्वारा लिखित उपन्यास ‘रेत समाधि’ के अनुवाद ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ के लिए दिया गया.
गीतांजलि श्री न केवल हिंदी की पहली पुरस्कार विजेता हैं, बल्कि यह पहली बार है कि किसी भारतीय भाषा में लिखी गई पुस्तक ने बुकर पुरस्कार जीता है.
गीतांजलि श्री की यह पुस्तक मूल रूप से हिंदी में ‘रेत समाधि’ के नाम से प्रकाशित हुई थी. इसका अंग्रेजी अनुवाद ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ डेजी रॉकवेल (Daisy Rockwell) ने किया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-11-15 10:19:062025-05-24 16:40:54ब्रिटेन की सामंथा हार्वे को 2024 का बुकर पुरस्कार दिया गया