9 अक्टूबर: विश्‍व डाक दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 9 अक्टूबर को विश्‍व डाक दिवस (World Post Day) मनाया जाता है. विश्‍व डाक दिवस का उद्देश्‍य लोगों के रोजमर्रा के जीवन में डाक की भूमिका के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक विकास में इसके योगदान के प्रति जागरूकता लाना है.

विश्‍व डाक दिवस 2024 का मुख्य विषय (थीम) ‘विभिन्न देशों में संचार को सक्षम बनाने और लोगों को सशक्त बनाने के 150 वर्ष’ (150 years of enabling communication and empowering peoples across nations) है.

विश्‍व डाक दिवस यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की स्थापना की स्मृति में मनाया जाता है. 1874 में इसी दिन UPU का गठन करने के लिए स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में 22 देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इसके बाद वर्ष 1969 में जापान के टोक्‍यो में हुए सम्मेलन में विश्व डाक दिवस के रूप में 9 अक्‍टूबर को चयन किए जाने की घोषणा हुई.

UPU का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के बर्न में है. 1994 तक फ्रेंच संघ की एकमात्र आधिकारिक भाषा थी. 1994 के बाद अंग्रेजी को जोड़ा गया.

भारतीय डाक सेवा: महत्वपूर्ण तथ्य

  • भारत 1 जुलाई 1876 को भारत यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बनने वाला पहला एशियाई देश था.
  • भारत में आधुनिक डाक व्यवस्था की शुरुआत 1766 में लॉर्ड क्लाइव ने की थी. इका विकास वारेन हेस्टिंग्स ने 1774 में कोलकाता जनरल पोस्ट ऑफिस (GPO) की स्थापना करके किया. चेन्नै और मुंबई के GPO क्रमश: वर्ष 1786 और 1793 में अस्तित्व में आए.
  • 1 अक्‍टूबर, 1854 को भारत सरकार ने डाक के लिए एक विभाग की स्थापना की थी. भारतीय डाक विभाग पिनकोड (पोस्टल इंडेक्स नंबर) के आधार पर देश में डाक वितरण का काम करता है. पिनकोड की शुरुआत 15 अगस्त, 1972 को गई थी.
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