उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला ने 16 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. उनके साथ, पांच मंत्रियों ने भी शपथ ली. जम्मू क्षेत्र से नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक सुरिंदर कुमार चौधरी ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

मुख्य बिन्दु

  • जम्मू और कश्मीर के उप-राज्यपाल, मनोज सिन्हा ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद को पद की शपथ दिलाई.
  • हाल ही में संपन्न चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस की अगुवाई में गठबंधन को बहुमत मिला था. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कांग्रेस के साथ विधान सभा चुनाव लड़ा था.
  • नेशनल कॉन्फ्रेंस 42 सीटों, जबकि कांग्रेस ने 6 सीटें जीतीं. भारतीय जनता पार्टी 26 सदस्यों के साथ विधान सभा में मुख्य विपक्षी दल है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता हैं.

6 साल बाद जम्मू और कश्मीर से राष्ट्रपति शासन हटा

  • 2018 में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार के पतन के बाद से जम्मू और कश्मीर राष्ट्रपति शासन के अधीन था.
  • 13 अक्टूबर 2024 को राष्ट्रपति द्वारा 6 साल बाद जम्मू और कश्मीर से राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया था.
  • उमर अब्दुल्ला ने दूसरी बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. इससे पहले वह जनवरी 2009 से जनवरी 2014 तक तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे.
  • 31 अक्टूबर 2019 को संसद ने जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था. इस प्रकार वह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री होंगे.
  • जम्मू और कश्मीर का विभाजन और उसके स्थिति में बदलाव भारतीय संसद द्वारा पारित जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के प्रावधान के तहत किया गया था.
  • जम्मू-कश्मीर में मंत्रिपरिषद
  • जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के अनुसार, जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री सहित मंत्रिपरिषद की अधिकतम संख्या विधान सभा में कुल सदस्यों के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी.
  • जम्मू और कश्मीर विधान सभा की कुल संख्या 116 है. इनमें से 114 सदस्य सीधे जनता द्वारा चुने जाने हैं, और दो सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, जिन्हें उप-राज्यपाल द्वारा नामित किया जाएगा.
  • 114 सीटों में से 24 सीटें पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के हैं जो अभी रिक्त है. इस प्रकार, वर्तमान जम्मू और कश्मीर विधान सभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 92 (90 निर्वाचित और 2 नामांकित महिला सदस्य) है.
  • इसलिए, मुख्यमंत्री सहित, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के मंत्रिपरिषद के सदस्यों की अधिकतम संख्या 9 से अधिक नहीं हो सकती.
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