भारत अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता हब में शामिल होने पर सहमत

भारत अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता हब में शामिल होने पर सहमत हो गए है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इससे संबंधित ‘आशय पत्र’ पर हस्ताक्षर को 3 अक्तूबर को मंजूरी प्रदान की थी.

मुख्य बिन्दु

  • एक यह कदम सतत विकास की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को मजबूती प्रदान करता है तथा ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के उसके प्रयासों के अनुरूप है.
  • इससे भारत को कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था बनने और ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों और प्रथाओं को बढ़ावा देकर जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयास में मदद मिलेगी.
  • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता हब
  • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता हब (Energy Efficiency Hub), ऊर्जा दक्षता को प्रोत्साहन देने के लिए समर्पित एक वैश्विक मंच है.
  • 2017 में हैम्बर्ग में जर्मनी द्वारा आयोजित जी 20 शिखर सम्मेलन की बैठक में, जर्मनी ने ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए एक ऊर्जा दक्षता हब के निर्माण का प्रस्ताव रखा था.
  • 2021 में अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता हब को औपचारिक रूप से पेरिस में अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी सचिवालय में स्थापित कर इसका शुभारंभ किया गया था.
  • वर्तमान में इसके 16 सदस्य हैं- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फ्रांस, जर्मनी, जापान, दक्षिण कोरिया, लक्जमबर्ग, रूस, सऊदी अरब, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम. इस संस्था का वर्तमान अध्यक्ष यूरोपीय आयोग (2024) है.

भारत ने BEE को भारतीय कार्यान्वयन एजेंसी नामित किया

  • भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता हब के लिए भारतीय कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) को नामित किया है.
  • BEE एक वैधानिक निकाय है जिसे केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत, ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों के तहत स्थापित किया गया था.
  • BEE का एक मुख्य उद्देश्य ऊर्जा कुशल उत्पादों को बढ़ावा देकर भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा तीव्रता को कम करना है.
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